जमशेदपुर: झारखंड स्थापना दिवस के मौके (Jharkhand Foundation Day 2022) पर टाटा स्टील द्वारा आयोजित ट्राइबल कॉन्क्लेव संवाद (Tribal Conclave Dialogue in Jamshedpur) का आगाज 501 नगाड़ों और आदिवासियों की परंपरागत वाद्य यंत्र की धुन से शुरू हुआ. टाटा स्टील वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने बताया की संवाद एक बड़ा मंच बना है, जो आदिवासी संस्कृति को दुनिया के सामने ला रहा है.
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झारखंड राज्य के 22 वें स्थापना दिवस पर राज्य भर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जमशेदपुर के बिष्टुपुर गोपाल मैदान में स्थापना दिवस की शाम टाटा स्टील द्वारा ट्राइबल कॉन्क्लेव संवाद का आयोजन किया गया. जिसमें देश भर से 186 जनजातियों के 2500 की संख्या में प्रतिनिधि शामिल हुए. विभिन्न जनजातीय समूहों से आए नेताओं ने मैदान में भगवान बिरसा मुंडा के तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
आपको बता दें कि कोरोना काल के दो साल बाद संवाद का आयोजन किया गया है. संवाद में विदेशी मेहमान भी शामिल हुए. रंग- बिरंगी रोशनी में गोपाल मैदान डूबा हुआ था. जिसके बीच संथाल भाषा में प्रार्थना के बाद टाटा स्टील के स्वतंत्र निदेशक दीपक कपूर ने संवाद का औपचारिक उद्घाटन किया. मौके पर कार्यकारी निदेशक कौशिक चटर्जी और वीपीसीएस चाणक्य चौधरी भी मौजूद थे.
501 नगाड़ा और आदिवासियों की परंपरागत वाद्य यंत्र की धुन से संवाद का आगाज हुआ, जिसमें महिला- पुरुष अपनी पारंपरिक परिधान पहनकर शामिल हुए और थिरके. 501 नगाड़ों की थाप और सकवा-भेर वाद्ययंत्रों की स्वरलहरियों पर पूरा मैदान झूमता रहा. देश-दुनिया से आये जनजातीय समुदायों के प्रतिनिधियों ने नगाड़ों की धुन पर नृत्य कर जनजातीय संस्कृति की झलक बिखेरी.
टाटा स्टील के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने कहा कि स्टील उत्पादन के साथ टाटा स्टील जनजातीय समुदाय की कला, संस्कृति और परम्परा को समृद्ध बनाने का प्रयास करती है. संवाद एक बड़ा मंच बना है जिसके जरिये आदिवासी संस्कृति को दुनिया के सामने लाने की कोशिश की गई है.