जमशेदपुर: कोल्हान सीमा क्षेत्र में अपराध और नक्सल पर पुलिस बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में जुट गई है. झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को इस मुद्दे पर ऑनलाइन बैठक की है. कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीनों राज्यों की पुलिस से बातचीत की है.
कोल्हान के डीआईजी स्तर पर झारखंड, बंगाल और ओडिशा की पुलिस की एकसाथ बैठक हुई है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई बैठक में तीनों राज्यों की पुलिस ने अपने सीमावर्ती इलाके में नक्सली गतिविधियों की सूचनाओं पर लगाम लगाने के साथ संबंधित सूचनाओं का आदान प्रदान करने की रणनीति बनाई है.
पूर्वी सिंहभूम जिले के एसएसपी ने बताया है कि नक्सल पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. कोल्हान प्रमंडल के सीमावर्ती राज्यों के पुलिस पदाधिकारियों के साथ नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने को लेकर कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह की ओर से महत्वपूर्ण बैठक की गई है. इस बैठक में कोल्हान के तीनों जिले के पुलिस अधीक्षक के अलावा कई वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में सीआरपीएफ डीआईजी, चाईबासा एचएस रावत, जमशेदपुर के एसएसपी डॉ एम तमिलवानन, एसपी सुभाष चंद्र जाट, पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी इंद्रजीत महथा, झाड़ग्राम के एसपी, राउरकेला एसपी राहुल केला, वेस्टर्न जोन डीआईजी कविता जालान, पश्चिम बंगाल पुरुलिया के एसपी, ओडिशा क्योंझर के एसपी के अलावा कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे.
घंटों हुई इस मैराथन बैठक में तीनों राज्यों की पुलिस ने अपने सीमावर्ती इलाकों में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एवं निर्णय लिया है, जिसके तहत सीमावर्ती इलाकों की सभी गतिविधियों की सूचनाओं का आदान प्रदान करने पर सहमति बनी है. इसके अलावा अपराधियों का एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करने पर उनकी गिरफ्तारी के बाद सीमावर्ती क्षेत्र की पुलिस को समुचित जानकारी देने की बात कही गई है.
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पूर्वी सिंहभूम जिला के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉक्टर एम तमिलवानन ने बताया है कि तीनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में नक्सल मूवमेंट पर विशेष निगरानी की जाएगी, क्योंकि एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश करने के लिए नक्सली किसी भी इलाके का इस्तेमाल करते हुए दूसरे राज्य में प्रवेश करते हैं.
अगर उनकी गिरफ्तारी होती है तो दूसरे राज्य को भी गिरफ्तार नक्सली की पूरी जानकारी देने पर सहमति बनी है. साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि नाम बदलकर जगह बदल कर रहने वाले नक्सलियों का फोटो तीनों राज्यों की पुलिस सीमावर्ती थाना क्षेत्र में रखेगी. जिससे उन्हें पहचानने में कोई परेशानी ना हो सके.