जमशेदपुर: झारखंड में स्थापित सौ साल पुरानी टाटा स्टील लोहे के उत्पादन के साथ साथ सामाजिक दायित्व का भी निर्वहन करने के लिए भी जानी जाती है. कंपनी ने एक बार फिर खास पहल की है, जिसके तहत जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में 565 सहियाओं एवं एएनएम के बीच ई- स्कूटर का वितरण किया गया. जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित जैप 6 के परिसर में टाटा स्टील फाउंडेशन और एचएसबीसी के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्य किया गया.
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इस आयोजन में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, जमशेदपुर के पोटका और बहरागोड़ा के विधायक एवं टाटा स्टील के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी के अलावा अन्य कई अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान 565 सहियाओं एएनएम को ई स्कूटी की चाभी सौंपी गयी. आयोजन में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता टाटा स्टील के वीपीसीएस और पोटका बहरागोड़ा विधानसभा के विधायक ने हरी झंडी दिखाकर सहियाओं को ई स्कूटी के साथ रवाना किया है.
मौके पर मौजूद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने टाटा स्टील के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य की उन्नति के लिए टाटा स्टील अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभा रही है. साथ ही झारखंड सरकार भी ग्रामीण क्षेत्र में शिशु और मातृत्व मृत्यु दर कम करने के लिए गंभीर है. टाटा स्टील ने ई-स्कूटर देकर सहियाओं एएनएम के काम को गति देने का काम किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के झोलाछाप डॉक्टरों के प्रति भी सरकार सोचती है. उन्हें डॉक्टर तो नहीं, लेकिन स्वास्थ्य सेवा में सहयोगी बनाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बेहतर काम करने वाली सहियाओं व एएनएम को सरकार इंसेंटिव देगी. उनका मानदेय बढ़ाने के लिए सरकार प्रयासरत है.
मौके पर मौजूद टाटा स्टील कंपनी के वीपीसीएस चाणक्य चौधरी ने बताया कि ई-स्कूटर मिलने से सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम कर रही एएनएम और सहिया को समय पर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने में काफी सहूलियत होगी. उन्होंने बताया कि टाटा स्टील फाउंडेशन एचएसबीसी द्वारा सीएसआर के तहत कोल्हान के तीनों जिलों के एएनएम और सहिया दीदियों के बीच ई स्कूटर का वितरण किया जा रहा है. जिसके तहत सरायकेला एवं चाईबासा जिला के एएनएम सहिया दीदियों के बीच ई स्कूटर का वितरण किया जा चुका है. चाणक्य चौधरी ने बताया कि टाटा स्टील फाउंडेशन मृत्यु दर को और कम करना चाहती है. इस योजना से जरूरतमंदों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने में सहूलियत होगी. सहिया दीदियों एवं एएनएम के माध्यम से समय पर उन्हें उपचार मिल सकेगा जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को भी ले जाया जा सकता है.