जमशेदपुर: आजकल सोशल मीडिया से लेकर तमाम मेन स्ट्रीम मीडिया में वैक्सीन लगवाने के बाद धातु की चीजों को आकर्षित करने के दावे देखे और सुने होंगे. जमशेदपुर के भी एक व्यक्ति ने ऐसा ही दावा किया है. ऐसे में आपके दिमाग में भी आ रहा होगा कि क्या वाकई कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों में चुंबकीय शक्ति बढ़ जाती है? वैक्सीन लगवाने के बाद क्या शरीर चुंबक की तरह काम करने लगता है? इसकी ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की है.
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मैग्नेटिक पावर विकसित होने का दावा
पूर्वी सिंहभूम के हलुदबनी पंचायत इलाके में रहने वाले 70 साल के बुजुर्ग अभिमन्यु प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है कि उन्होंने 14 जून 2021 को रेलवे इंस्टिट्यूट में कोविशील्ड वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी. जिसके बाद उन्हें अपने शरीर में चुंबकीय शक्ति विकसित होने का एहसास हुआ. उन्होंने देखा कि उनके शरीर पर चम्मच, ब्लेड, सिक्के जैसी चीजें आसानी से चिपक रहीं हैं. इस बात की जानकारी जब लोगों को मिली तो अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. अभिमन्यु प्रसाद के मुताबिक उनके एक साथी ने उनका ध्यान इस ओर खींचा. उन्होंने बताया की पानी का ग्लास, खाने की थाली, सभी वैक्सीन लेने के बाद उनकी तरफ खिंच रहीं थी. इसी तरह ब्लेड और सिक्का भी उनके शरीर से चिपक रहा है.
ईटीवी भारत की टीम ने की पड़ताल
यह मामला सामने आया तो ईटीवी भारत की टीम 70 साल के अभिमन्यु प्रसाद के दावे के सत्यापन के लिए उनके घर पहुंची, और कैमरे के सामने उनके दावे के मुताबिक गतिविधियों को दोहराने के लिए कहा. देखा गया कि नंगे पांव जमीन पर बैठ कर और चप्पल पहनकर दोनों अवस्था में स्टील का चम्मच उनके माथे और शरीर से चिपक रहा है. जबकि साइंस के मुताबिक लोहे पर चुंबक का असर होता है, स्टील पर नहीं. उनके शरीर पर 5, 2 और 1 का सिक्का आसानी से चिपक रहा था.
सूचना पर पहुंची मेडिकल टीम ने की जांच, दावे को किया खारिज
बुजुर्ग अभिमन्यु प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन मे पहली बार ऐसा महसूस किया है. उन्हें खुद पर यकीन नहीं हो रहा है. वो बताते हैं कि राष्ट्रीय धातुक्रम प्रयोगशाला से उनके कुछ मित्र आए थे. उन्होंने बताया कि हो सकता है कि लंबे समय तक इलेक्ट्रिक इंजन में मेग्नेटिक क्षेत्र में ड्यूटी करने के कारण ऐसा हो रहा है. जबकि वैक्सीन लेने के बाद चुम्बकीय शक्ति की सूचना पर मेडिकल की टीम भी घर आई थी. डॉक्टर ने जांच कर बताया कि ऐसा कुछ भी नहीं है आप स्वस्थ हैं. बुजुर्ग ने यह भी खुलासा किया की वैक्सीन लेने के 30 घंटे बाद अब असर कम हो रहा है.
स्थानीय लोगों ने जताई हैरानी
पूरी घटना को अपनी आंखों से देख रहे स्थानीय युवकों ने इस घटना पर हैरानी जताई है. एक युवक ने कहा कि पहले सुना था आज पहली बार इस तरह की कोई घटना देख रहा हूं. सच क्या है इसकी जांच होनी चाहिए. इसके साथ ही युवक ने संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन को एकमात्र उपाय भी बताया.
अफवाह है पूरी घटना
पूरे मामले को लेकर जब जिला सर्विलांस पदाधिकारी डॉक्टर शाहिर पाल से पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वे अलग-अलग वैक्सीन के क्षेत्र में लंबे समय से काम कर रहे हैं. पहली बार इस तरह की जानकारी मिल रही है. उन्होंने पूरी घटना को अफवाह बताया और सबसे वैक्सीन लेने की अपील की.
यहां भी किए जा चुके हैं इस तरह के दावे
इससे पहले नासिक, दिल्ली, कोटा और हजारीबाग के किसी न किसी व्यक्ति ने इस तरह के दावे किए. जिसकी मेडिकल टीम ने जांच की और दावे को निराधार पाया. दिल्ली में एक डॉक्टर ने बताया था कि कई बार पसीने के कारण इस तरह की घटना सामने आती है.
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हजारीबाग में मैग्नेटिक मैन के पुष्टि नहीं हो सकी
हजारीबाग के कटकमसाडी थाना अंतर्गत पबरा रोड स्थित अलकडीहा गांव में एक व्यक्ति ने वैक्सीन लगवाने के बाद उसके शरीर में चुंबकीय शक्ति आने का दावा किया था. इसकी जानकारी पर एक मेडिकल टीम ने जांच की. मेडिकल टीम ने दावे को सही नहीं पाया था.
दिल्ली के व्यक्ति का भी झूठा निकला था दावा
दिल्ली के आरकेपुरम निवासी सज्जन सिंह ने भी ऐसा ही दावा किया था. शक दूर करने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने सज्जन के शरीर पर पाउडर लगा दिया. ऐसा करने से उसके शरीर से पसीने का चिपचिपापन दूर हो गया. जिसके बाद तो एक सेकेंड के लिए भी लोहे की कोई वस्तु उसके शरीर से नहीं चिपकी. जाहिर था कि कमी वैक्सीन में नहीं, बल्कि पसीने में थी.
पसीने में होता है मिनरल्स और मैटलिक, जिससे चिपकती हैं चीजें
दिल्ली के एक अस्पताल के डॉ. देवेंद्र यादव का इसी तरह के एक मामले में कहना था कि हमारे शरीर से निकलने वाले पसीने में कई कंपोनेंट होते हैं, जिसमें मेजर है पानी. इसके अलावा कुछ मैटेलिक और मिनरल्स भी निकलते हैं. इनमें सोडियम पोटेशियम, जिंक और कॉपर भी होते हैं. साथ ही यूरिक एसिड और यूरिया भी शरीर से निकलता है. इसी के चलते पसीना चिपचिपा होता है. गर्मी के मौसम में पसीना आकर शरीर से उड़ जाता है, लेकिन उमस के कारण पसीने का चिपचिपापन शरीर पर रह जाता है. इसी कारण लोहे और स्टील की वस्तुएं शरीर पर चिपक जाती हैं.