जमशेदपुरः शहर के पोटका प्रखंड में गरीबों के शौचालय निर्माण के लिए मुखिया के फंड में एक करोड़ 55 लाख 40,000 की सरकारी राशि दी गई थी. इन राशियों का पैसा कहां गया, इसका कोई पता नहीं है. क्योंकि धरातल पर पैसों से कोई काम नहीं दिख रहा है.
इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने शिकायत की थी. जिसके बाद रांची लोकायुक्त के निर्देश पर जांच कराई गई. जांच में जो दोषी पाए गए हैं वो इस प्रकार हैं.
मानपुर पंचायत के मुखिया तरणी सेन सिंह सरदार और उनके पंचायत के विभिन्न संबंधित ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष शंकर दा, पंचायत के मुखिया कांपरा हांसदा, ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष, कौवाली पंचायत की मुखिया सुचित्रा सरदार और ग्राम स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष, जामदा पंचायत की मुखिया सुशील सरदार इन सभी को दोषी पाया गया. इन सभी दोषियों पर उपायुक्त ने मुकदमा दायर करने का निर्देश दिया है.
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एफआई दर्ज होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
पूर्वी सिंहभूम को शौचमुक्त तो घोषित कर दिया गया, लेकिन 11 प्रखंडों में अभी तक 44, 348 शौचालय के लिए आई राशि से अब तक एक भी शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है. 5 पंचायत के मुखिया के ऊपर 1 करोड़ 55 लाख 40,000 की निकासी पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन अब तक इन दोषियों पर कोई कर्रवाई नहीं की गई है. शौचालय निर्माण के लिए मुखिया के खाते में पैसे तो जरूर आए लेकिन बिना शौचालय निर्माण के ही सारा पैसा डकार लिया गया. आठ महीने बीत जाने के बाद भी ये सभी मुखिया पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.
खुले में शौच से मुक्त की सच्चाई आंकड़ों के अनुसार
- गोलमुरी 5930
- मुसाबनी 1208
- बहरागोड़ा 7870
- घाटशिला 6334
- डुमरिया 5879
- गुड़ाबांधा 2328
- चाकुलिया 6092
- घालभूमगढ़ 2651
- पोटका 3724
- पटमदा 360
- बोड़ाम 1072
43 हजार 448 शौचालयों का निर्माण अब तक नहीं हुआ है. आंकड़ों को देखने के बाद अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसकने लगी है.
किस मुखिया पर कितनी राशि गबन करने का आरोप
- कोवाली की मुखिया सुचित्रा सरदार, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पर 41 लाख 40हजार रुपए.
- जामदा के मुखिया सुशील सरदार एवं समिति के कोषाध्यक्ष पर 21 लाख 36 हजार रुपए
- शंकरदा की मुखिया कापरा हांसदा और ग्राम जल स्वच्छता समिति के कोषाध्यक्ष पद 31 लाख 80 हजार रुपए
- मानपुर की मुखिया तरनीसेन सिंह सरदार और कोषाध्यक्ष पर 33 लाख 96 हजार रुपए
- कुलडीह के मुखिया लक्ष्मीचरण सिंह और समिति के कोषाध्यक्ष पर 26 लाख 4 हजार रुपए गबन करने का दोषी पाया गया है.
इन सभी दोषियों के खिलाफ वारंट निकलने के बाद भी मुखिया खुलेआम जिला प्रसाशन को चुनौती दे रहे हैं. आठ महीने बीत जाने के बाद भी मुखिया को जिला पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है.