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जमशेदपुर में लोगों की भूख शांत कर रहा 'रोटी बैंक', नेक काम में मिल रहा सबका साथ

जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर के पास रोटी बैंक ने अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाते हुए इस मुहिम में शामिल लोगों को सम्मानित किया है. इस मौके पर 10 हजार लोगों को खाना खिलाया है. आज शहर के 400 से ज्यादा लोग स्वेच्छा से इस बैंक से जुड़ चुके हैं.

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Published : Jan 15, 2020, 11:14 PM IST

Roti bank, रोटी बैंक
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जमशेदपुर: झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसका प्रमुख कारण है भोजन. इस समस्या से निपटने के लिए एक संस्था ने 5 वर्ष पहले एक मिशन की शुरुआत की और नाम रखा 'भूख के खिलाफ एक जंग' और इस जंग से लड़ने के लिए संस्था ने रोटी बैंक की शुरुआत की. जिसमें आज शहर के 400 से ज्यादा लोग स्वेच्छा से जुड़ चुके हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

2015 में हुई थी शुरुआत
पूरे देश में झारखंड कुपोषण के मामले में दूसरा राज्य है और इससे निपटने के लिए लगातार सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की तरफ से कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन आंकड़ा घटने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसे में एक निजी संस्था ने 2015 में कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए एक मिशन के तहत रोटी बैंक की शुरुआत की. बता दें कि झारखंड में प्रतिवर्ष आठ लाख से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है, जिनमे हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार होता है और उस आंकड़े में 40 हजार से ज्यादा बच्चे 5 वर्ष की आयु भी पूरी नहीं करते हैं और उनकी मौत हो जाती है. वहीं जमशेदपुर के रोटी बैंक जिसकी शुरुआत 2015 में 15 जनवरी के दिन की गई थी वह सफलतापूर्वक आज अपनी पांचवी वर्षगांठ मना रहा है. 5 वर्ष पहले 15 लोगों ने 10 गरीबों को खाना खिला कर इसकी शुरुआत की थी. इस मुहिम में शहर के कुछ लोगों ने अपने घर की रोटी और सब्जी को रोटी बैंक को देने का काम शुरू किया और फिर धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया और 5 साल में 400 से ज्यादा लोग रोटी बैंक की मुहिम भूख के खिलाफ एक जंग से जुड़ गए हैं.

ये भी पढ़ें- क्या कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में होगी 'आधी आबादी' की एंट्री, मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी नजरें

10 हजार लोगों को खिलाया खाना
जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर के पास रोटी बैंक ने अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाते हुए इस मुहिम में शामिल लोगों को सम्मानित किया है. बैंक ने अपनी सालगिरह पर 10 हजार लोगों को खाना खिलाया है. रोटी बैंक के मनोज मिश्रा ने बताया कि रोटी बैंक के जरिए प्रतिदिन शहर में एक हजार गरीबों को खाना खिलाया जाता है. जिनमें सरकारी अस्पताल, एमजीएम में मरीजों के परिजन को खाना खिलाया जाता है. फुटपाथ पर गुजर बस करने वाले को भी खाना खिलाया जाता है. उन्होंने बताया है कि अब शहर के कई लोग अपने बच्चे या पोता पोती के जन्मदिन के मौके पर रोटी बैंक के जरिए लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में भूख के खिलाफ एक जंग को हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में कामयाब हो रहे हैं, हम खाना सम्मान के साथ खिलाते हैं.

कई छात्राएं रही है शामिल
रोटी बैंक की पांचवीं वर्षगांठ पर रोटी बैंक से जुड़े सदस्यों के अलावा शहर के के प्रबुद्ध व्यक्तित्व भी शामिल हुए. पंचायत क्षेत्र के जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा है कि किसी भी काम को शुरुआत करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन उसे मुकाम तक पहुंचाना एक चुनौती है उन्होंने कहा कि रोटी बैंक सराहनीय काम कर रहा है, आज समाज के और लोगों को भी इस तरह के मिशन में हाथ बढ़ाने की जरूरत है. रोटी बैंक की इस मुहिम में स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं भी शामिल हैं, छात्रा शुभांगी और समृद्धि पाठक ने बताया कि आज के युवा अपने कीमती समय को व्यर्थ कामों में ज्यादा गुजारते हैं. ऐसे में आज युवा वर्ग को ऐसी मुहिम में शामिल होकर कुपोषण के खिलाफ लड़ने की जरूरत है, तभी हम झारखंड और देश को कुपोषण मुक्त बना सकते हैं. इधर रोटी बैंक ने पांचवी वर्षगांठ पर 10 हजार लोगों को भोजन कराया. गरीब बुजुर्गों का कहना है कि यह अच्छा काम कर रहे हैं, अब कोई भूखा नहीं मरेगा. हमारी दुआएं उनके साथ हैं.

जमशेदपुर: झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसका प्रमुख कारण है भोजन. इस समस्या से निपटने के लिए एक संस्था ने 5 वर्ष पहले एक मिशन की शुरुआत की और नाम रखा 'भूख के खिलाफ एक जंग' और इस जंग से लड़ने के लिए संस्था ने रोटी बैंक की शुरुआत की. जिसमें आज शहर के 400 से ज्यादा लोग स्वेच्छा से जुड़ चुके हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

2015 में हुई थी शुरुआत
पूरे देश में झारखंड कुपोषण के मामले में दूसरा राज्य है और इससे निपटने के लिए लगातार सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की तरफ से कार्य किए जा रहे हैं. लेकिन आंकड़ा घटने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसे में एक निजी संस्था ने 2015 में कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए एक मिशन के तहत रोटी बैंक की शुरुआत की. बता दें कि झारखंड में प्रतिवर्ष आठ लाख से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है, जिनमे हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार होता है और उस आंकड़े में 40 हजार से ज्यादा बच्चे 5 वर्ष की आयु भी पूरी नहीं करते हैं और उनकी मौत हो जाती है. वहीं जमशेदपुर के रोटी बैंक जिसकी शुरुआत 2015 में 15 जनवरी के दिन की गई थी वह सफलतापूर्वक आज अपनी पांचवी वर्षगांठ मना रहा है. 5 वर्ष पहले 15 लोगों ने 10 गरीबों को खाना खिला कर इसकी शुरुआत की थी. इस मुहिम में शहर के कुछ लोगों ने अपने घर की रोटी और सब्जी को रोटी बैंक को देने का काम शुरू किया और फिर धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया और 5 साल में 400 से ज्यादा लोग रोटी बैंक की मुहिम भूख के खिलाफ एक जंग से जुड़ गए हैं.

ये भी पढ़ें- क्या कांग्रेस कोटे से मंत्रिमंडल में होगी 'आधी आबादी' की एंट्री, मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी नजरें

10 हजार लोगों को खिलाया खाना
जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर के पास रोटी बैंक ने अपनी पांचवीं वर्षगांठ मनाते हुए इस मुहिम में शामिल लोगों को सम्मानित किया है. बैंक ने अपनी सालगिरह पर 10 हजार लोगों को खाना खिलाया है. रोटी बैंक के मनोज मिश्रा ने बताया कि रोटी बैंक के जरिए प्रतिदिन शहर में एक हजार गरीबों को खाना खिलाया जाता है. जिनमें सरकारी अस्पताल, एमजीएम में मरीजों के परिजन को खाना खिलाया जाता है. फुटपाथ पर गुजर बस करने वाले को भी खाना खिलाया जाता है. उन्होंने बताया है कि अब शहर के कई लोग अपने बच्चे या पोता पोती के जन्मदिन के मौके पर रोटी बैंक के जरिए लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं. ऐसे में भूख के खिलाफ एक जंग को हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में कामयाब हो रहे हैं, हम खाना सम्मान के साथ खिलाते हैं.

कई छात्राएं रही है शामिल
रोटी बैंक की पांचवीं वर्षगांठ पर रोटी बैंक से जुड़े सदस्यों के अलावा शहर के के प्रबुद्ध व्यक्तित्व भी शामिल हुए. पंचायत क्षेत्र के जिला परिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा है कि किसी भी काम को शुरुआत करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन उसे मुकाम तक पहुंचाना एक चुनौती है उन्होंने कहा कि रोटी बैंक सराहनीय काम कर रहा है, आज समाज के और लोगों को भी इस तरह के मिशन में हाथ बढ़ाने की जरूरत है. रोटी बैंक की इस मुहिम में स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं भी शामिल हैं, छात्रा शुभांगी और समृद्धि पाठक ने बताया कि आज के युवा अपने कीमती समय को व्यर्थ कामों में ज्यादा गुजारते हैं. ऐसे में आज युवा वर्ग को ऐसी मुहिम में शामिल होकर कुपोषण के खिलाफ लड़ने की जरूरत है, तभी हम झारखंड और देश को कुपोषण मुक्त बना सकते हैं. इधर रोटी बैंक ने पांचवी वर्षगांठ पर 10 हजार लोगों को भोजन कराया. गरीब बुजुर्गों का कहना है कि यह अच्छा काम कर रहे हैं, अब कोई भूखा नहीं मरेगा. हमारी दुआएं उनके साथ हैं.

Intro:जमशेदपुर।


झारखंड में कुपोषण एक बड़ी समस्या है और इसका प्रमुख कारण है भोजन और इस समस्या से निपटने के लिए एक संस्था ने 5 वर्ष पूर्व एक मिशन की शुरुआत की और नाम रखा भूख के खिलाफ एक जंग और इस जंग से लड़ने के लिए संस्था ने रोटी बैंक की शुरुआत की जिसमें आज शहर के 400 से ज्यादा लोग स्वेच्छा से जुड़ चुके हैं।


Body:देश में झारखंड कुपोषण के मामले में दूसरा राज्य है और इससे निपटने के लिए लगातार सरकारी गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कार्य किए जा रहे हैं लेकिन आंकड़ा घटने का नाम ही नहीं ले रहा है ऐसे में एक निजी संस्था ने 2015 में कुपोषण के खिलाफ लड़ने के लिए एक मिशन के तहत रोटी बैंक की शुरुआत की।
आपको बता दें कि झारखंड में प्रतिवर्ष आठ लाख से ज्यादा बच्चों का जन्म होता है जिनमें हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार होता है और उस आंकड़े में 40 हज़ार से ज्यादा बच्चे 5 वर्ष की आयु भी पूरी नहीं करते हैं और उनकी मौत हो जाती है।

वहीं जमशेदपुर का रोटी बैंक जिसकी शुरुआत 2015 में 15 जनवरी के दिन की गई थी वह सफलतापूर्वक आज अपना पांचवा वर्षगांठ मना रहा है।
5 वर्ष पूर्व 15 लोगों ने 10 गरीबों को खाना खिला कर इसकी शुरुआत की थी और इस मुहिम में शहर के लोग अपने घर के रोटी और सब्जी को रोटी बैंक को देने का काम शुरू किया और फिर धीरे-धीरे यह कारवां बढ़ता गया और 5 साल में 400 से ज्यादा लोग रोटी बैंक की मुहिम भूख के खिलाफ एक जंग से जुड़ गए हैं ।
जमशेदपुर के साकची गोलचक्कर के पास रोटी बैंक ने आज अपना पांचवा वर्षगांठ मनाते हुए इस मुहिम में शामिल लोगों को सम्मानित किया है और 10 हजार लोगों को खाना खिलाया है।
रोटी बैंक की ही रखने वाले मनोज मिश्रा ने बताया कि रोटी बैंक के जरिए प्रतिदिन शहर में एक हज़ार गरीबों को खाना खिलाया जाता है जिनमें सरकारी अस्पताल एमजीएम में मरीजों के परिजन को खाना खिलाया जाता है और फुटपाथ पर गुजर बस करने वाले को भी खाना खिलाया जाता है। उन्होंने बताया है कि अब शहर के कई लोग अपने बच्चे या पोता पोती के जन्मदिन के मौके पर रोटी बैंक के जरिए लोगों को खाना खिलाने का काम कर रहे हैं ऐसे में भूख के खिलाफ एक जंग को हम सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में कामयाब हो रहे हैं। हम खाना सम्मान के साथ खिलाते हैं।
बाईट मनोज मिश्रा अध्यक्ष रोटी बैंक।

रोटी बैंक के पांचवी वर्षगांठ पर रोटी बैंक से जुड़े सदस्यों के अलावा शहर के के प्रबुद्ध व्यक्तित्व भी शामिल हुए। पंचायत क्षेत्र के जिला पार्षद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा है कि किसी भी काम को शुरुआत करना बड़ी बात नहीं है लेकिन उसे मुकाम तक पहुंचाना एक चुनौती है उन्होंने कहा कि रोटी बैंक सराहनीय काम कर रहा है आज समाज के और लोगों को भी इस तरह के मिशन मेंहाथ बढ़ाने की जरूरत है ।
बाईट राजकुमार सिंह उपाध्यक्ष जिला परिषद




Conclusion:आपको बता दें कि रोटी बैंक की इस मुहिम में स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएं भी शामिल है छात्रा शुभांगी और समृद्धि पाठक ने बताया कि आज के युवा अपने कीमती समय को व्यर्थ कामों में ज्यादा गुजारते हैं ऐसे में आज युवा वर्ग को ऐसी मुहिम में शामिल होकर कुपोषण के खिलाफ लड़ने की जरूरत है तभी हम झारखंड और देश को कुपोषण मुक्त बना सकते हैं।
बाइट शुभांगी और समृद्धि पाठक छात्रा

इधर रोटी बैंक द्वारा पांचवी वर्षगांठ पर 10 हजार लोगों को भोजन कराया गया । गरीब बुजुर्गों का कहना है कि यह अच्छा काम कर रहे हैं अब कोई भूखा नहीं मरेगा हमारी दुआएं उनके साथ है।
बाइट गरीब बुजुर्ग।

बहरहाल झारखंड को कुपोषण मुक्त करने के मिशन में रोटी बैंक ने भूख के खिलाफ एक जंग की जो पहल की है वह एक सराहनीय कदम है
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