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जमशेदपुरः देश के दूसरे सर्वाधिक प्लाज्मा डोनर बने राजेश, अब तक 9 बार कर चुके हैं दान - सबसे अधिक प्लाज्मा देने वाला शख्स

जमशेदपुर के राजेश सतदेव 9 बार प्लाज्मा डोनेट कर देश के दूसरे सर्वाधिक प्लाज्मा डोनर बन गए हैं. पिछले साल उन्हें कोरोना हुआ था. ठीक होने के बाद वो लगातार प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं.

Plasma donor rajesh
प्लाज्मा डोनर राजेश
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Published : Apr 23, 2021, 10:42 PM IST

Updated : Apr 29, 2021, 2:31 PM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला के उपायुक्त और रेड क्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष सूरज कुमार के दिशा निर्देश में जिला प्रशासन, रेड क्रॉस और जमशेदपुर ब्लड बैंक की तरफ से संयुक्त रूप से प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया जा रहा है. कोरोना मरीज तेजी से रिकवर हो सकें, इसको लेकर यह पहल की गई है. शुक्रवार को कोरोना वॉरियर राजेश सतदेव सबसे अधिक कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा दान करने वाले दूसरे शख्स बन गए. राजेश के शरीर में एंटीबॉडी काफी लंबे दिनों तक रही.

राजेश सतदेव से खास बातचीत

यह भी पढ़ें: सांस लेने में हो परेशानी तो प्रोनिंग के जरिए बढ़ाएं ऑक्सीजन लेवल

पिछले साल हुआ था कोरोना

राजेश को पिछले साल कोरोना हुआ था. वह घर में ही रहे और डॉक्टरों की सलाह पर दवा लेते रहे. 18 सितबंर 2020 उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद लोगों के कहने पर अक्टूबर में पहली बार प्लाज्मा डोनेट किया. तब से लेकर अब तक राजेश 9 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं.

क्या कहते हैं राजेश ?

प्लाज्मा डोनेट करने के सबंध में राजेश ने बताया कि जब वो ठीक हुए तो उन्होंने देखा कि प्लाज्मा की काफी कमी हो रही है. इसके बाद उन्होंने अपने विभाग के कर्मचारियों और अफसरों से इस बात का जिक्र किया. सभी ने उनका उत्साह बढ़ाया. इसके बाद राजेश ने रेड क्रॉस के अधिकारियों से संर्पक किया. रेड क्रॉस, जिला प्रशासन और ब्लड बैंक के अधिकारियों ने भी उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए उनकी पत्नी और बच्चे भी हौसला बढ़ाते हैं. राजेश ने कहा कि जब तक उनके शरीर में एंटी बॉडी है, तब तक वो प्लाज्मा डोनेट करेंगे क्योंकि इससे उन्हें शांति मिलती है.

यह भी पढ़ें: अभी और विकराल होगा कोरोना, 35 लाख लोग होंगे संक्रमित

कौन हैं राजेश सतदेव ?

मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले राजेश सतदेव के दादा काफी समय पहले जमशेदपुर आकर बस गए थे. राजेश दुर्गाराम के बेटे हैं और तीन भाई-बहन में सबसे छोटे हैं. राजेश सिदगोड़ा में रहते हैं और टाटा स्टील टाउन सर्विसेस में एएमएस के पद पर कार्यरत हैं. राजेश की पत्नी हाउस वाइफ हैं और उनके दो बच्चे हैं.

क्या है कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा ?

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए स्वीकृत किया है. कोई व्यक्ति कोविड-19 से ठीक होने के बाद अपना ब्लड टेस्ट कराता है और उसके शरीर में एंटीबॉडी पाई जाती है तो वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. वह प्लाज्मा दूसरे कोविड मरीज को जल्द ठीक करने में सहायक होता है.

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला के उपायुक्त और रेड क्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष सूरज कुमार के दिशा निर्देश में जिला प्रशासन, रेड क्रॉस और जमशेदपुर ब्लड बैंक की तरफ से संयुक्त रूप से प्लाज्मा डोनेशन अभियान चलाया जा रहा है. कोरोना मरीज तेजी से रिकवर हो सकें, इसको लेकर यह पहल की गई है. शुक्रवार को कोरोना वॉरियर राजेश सतदेव सबसे अधिक कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा दान करने वाले दूसरे शख्स बन गए. राजेश के शरीर में एंटीबॉडी काफी लंबे दिनों तक रही.

राजेश सतदेव से खास बातचीत

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पिछले साल हुआ था कोरोना

राजेश को पिछले साल कोरोना हुआ था. वह घर में ही रहे और डॉक्टरों की सलाह पर दवा लेते रहे. 18 सितबंर 2020 उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद लोगों के कहने पर अक्टूबर में पहली बार प्लाज्मा डोनेट किया. तब से लेकर अब तक राजेश 9 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं.

क्या कहते हैं राजेश ?

प्लाज्मा डोनेट करने के सबंध में राजेश ने बताया कि जब वो ठीक हुए तो उन्होंने देखा कि प्लाज्मा की काफी कमी हो रही है. इसके बाद उन्होंने अपने विभाग के कर्मचारियों और अफसरों से इस बात का जिक्र किया. सभी ने उनका उत्साह बढ़ाया. इसके बाद राजेश ने रेड क्रॉस के अधिकारियों से संर्पक किया. रेड क्रॉस, जिला प्रशासन और ब्लड बैंक के अधिकारियों ने भी उनका उत्साह बढ़ाया. उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए उनकी पत्नी और बच्चे भी हौसला बढ़ाते हैं. राजेश ने कहा कि जब तक उनके शरीर में एंटी बॉडी है, तब तक वो प्लाज्मा डोनेट करेंगे क्योंकि इससे उन्हें शांति मिलती है.

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कौन हैं राजेश सतदेव ?

मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले राजेश सतदेव के दादा काफी समय पहले जमशेदपुर आकर बस गए थे. राजेश दुर्गाराम के बेटे हैं और तीन भाई-बहन में सबसे छोटे हैं. राजेश सिदगोड़ा में रहते हैं और टाटा स्टील टाउन सर्विसेस में एएमएस के पद पर कार्यरत हैं. राजेश की पत्नी हाउस वाइफ हैं और उनके दो बच्चे हैं.

क्या है कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा ?

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कॉन्वाल्सेन्ट प्लाज्मा थेरेपी को कोविड-19 प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए स्वीकृत किया है. कोई व्यक्ति कोविड-19 से ठीक होने के बाद अपना ब्लड टेस्ट कराता है और उसके शरीर में एंटीबॉडी पाई जाती है तो वह प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. वह प्लाज्मा दूसरे कोविड मरीज को जल्द ठीक करने में सहायक होता है.

Last Updated : Apr 29, 2021, 2:31 PM IST
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