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निजी स्कूलों की मनमानी, BPL बच्चों का नामाकंन ना लिए जाने की शिकायत

राज्य सरकार के आदेश के बावजूद जमशेदपुर के कुछ निजी स्कूलों की ओर से चालू वर्ष में बीपीएल बच्चों का नामांकन नहीं लिए जाने की शिकायत उपायुक्त से की गई है. यह शिकायत जमशेदपुर अभिभावक संघ ने की है.

private schools are not taking admission of bpl children in jamshedpur
अभिभावक संघ
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Published : Nov 4, 2020, 12:10 AM IST

जमशेदपुरः शहर में निजी स्कूलों में BPL बच्चों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा है. राज्य सरकार के आदेश के बावजूद जमशेदपुर के कुछ निजी स्कूल ऐसा कर रहे हैं, जिसकी शिकायत अभिभावक संघ ने उपायुक्त से की है.

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निजी स्कूल पर मनमानी का आरोप
शिकायत पत्र में कहा गया है कि कमजोर वर्ग के अभिभावकों ने अपने बच्चों का आरटीआई अधिनियम-2009 के तहत आरएमएस बालीचेला स्कूल, सोनारी और साउथ प्वाइंट एकडेमी स्कूल मानगो की प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीट पर नामांकन के लिए पत्र 2020-21 के लिए इस वर्ष के जनवरी महीने में आवेदन किया गया था. इस सत्र के खत्म होने के कुछ महीने ही शेष रह गए हैं लेकिन अब तक दोनों स्कूल प्रबंधन ने अपने स्कूल में आवेदन किए बच्चों का बेवजह के कारण बताकर गरीब बच्चों का नामांकन नहीं लिया है जो कि आरटीआई अधिनियम 2009 की धारा12(1)(c) का खुला उल्लंघन है. इस संबंध में ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है इसलिए जिले के उपायुक्त से आग्रह है कि वो इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उन स्कूलों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दें.

जमशेदपुरः शहर में निजी स्कूलों में BPL बच्चों का एडमिशन नहीं लिया जा रहा है. राज्य सरकार के आदेश के बावजूद जमशेदपुर के कुछ निजी स्कूल ऐसा कर रहे हैं, जिसकी शिकायत अभिभावक संघ ने उपायुक्त से की है.

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निजी स्कूल पर मनमानी का आरोप
शिकायत पत्र में कहा गया है कि कमजोर वर्ग के अभिभावकों ने अपने बच्चों का आरटीआई अधिनियम-2009 के तहत आरएमएस बालीचेला स्कूल, सोनारी और साउथ प्वाइंट एकडेमी स्कूल मानगो की प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीट पर नामांकन के लिए पत्र 2020-21 के लिए इस वर्ष के जनवरी महीने में आवेदन किया गया था. इस सत्र के खत्म होने के कुछ महीने ही शेष रह गए हैं लेकिन अब तक दोनों स्कूल प्रबंधन ने अपने स्कूल में आवेदन किए बच्चों का बेवजह के कारण बताकर गरीब बच्चों का नामांकन नहीं लिया है जो कि आरटीआई अधिनियम 2009 की धारा12(1)(c) का खुला उल्लंघन है. इस संबंध में ज्ञापन दिया जा चुका है लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है इसलिए जिले के उपायुक्त से आग्रह है कि वो इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुए उन स्कूलों पर कार्रवाई के लिए निर्देश दें.

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