जमशेदपुरः संथाली को प्रथम राजभाषा बनाने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान रांची के मोरहाबादी मैदान में 30 अप्रैल को महारैली करेगा. आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सालखन मुर्मू ने इसकी जानकारी दी है. उनके मुताबिक उनकी रैली में झारखंड, प. बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम के साथ नेपाल, भूटान, बांग्लादेश से भी प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस रैली में सीएम हेमंत सोरेन के भी शामिल होने की संभावना है.
ये भी पढ़ें-संथाली भाषा को जीवित रखने के लिए युवक ने की पहल, दे रहे हैं बच्चों को शिक्षा
जमशेदपुर के कदमा क्षेत्र मे रहने वाले आदिवासी सेंगेल अभियान प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया कि संथाली को प्रथम राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए पिछले छह माह से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. अब 30 अप्रैल 2022 को रांची मोरहाबादी मैदान में महारैली का आयोजन किया जाएगा, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. महारैली में प. बंगाल, ओडिशा, बिहार, असम और झारखंड के संथाली भाषा-भाषी सभी संथाल विधायक, सांसद, मंत्री को आमंत्रित किया गया है.
मुर्मू ने बताया कि महारैली में झारखंड प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित हैं. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री विशेश्वर टुडू, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री जोबा माझी, बिधायक लोबिन हेम्ब्रम, विधायक सीता सोरेन के अलावा कई नेता जनसभा में शामिल होंगे. सालखन मुर्मू ने बताया कि संथाली भाषा देश की बड़ी आदिवासी भाषा है जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 8 वीं अनुसूची में शामिल है. लेकिन इसे प्रथम राजभाषा का दर्जा अब तक नहीं मिला है जबकि बिरसा मुंडा का झारखंड एक आदिवासी प्रदेश है.