जमशेदपुरः शहर में छठ महापर्व को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. बाजारों में खरीदारी की जा रही है. वहीं शहर का सबसे पुराना बागबेड़ा का बड़ौदा घाट में गंदगी का अंबार है. जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा करने जाते हैं. जिसे देखते हुए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा है. पंचायत प्रतिनिधि जिला पार्षद ने कहा है कि सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण नदी की सफाई नहीं हो पाई है. ऐसे में जो श्रद्धालु यहां पूजा करने आएंगे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
जमशेदपुर के बागबेड़ा खरकाई नदी का बड़ौदा घाट शहर का सबसे पुराना घाट है. जहां छठ पूजा के अलावा कई अनुष्ठान और मूर्ति विसर्जन किया जाता है. लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाला इस क्षेत्र से श्रद्धालु यहां प्रति वर्ष छठ पूजा करने आते हैं.
प्रदेश सरकार की ओर से कोविड 19 के कारण छठ पूजा के लिए जारी निर्देश का श्रद्धलुओं और सामाजिक संगठन के साथ राजनैतिक दल भी विरोध किया. सरकार की स्प्ष्ट गाइडलाइंस ना मिलने से बागबेड़ा बड़ौदा घाट में साफ सफाई का काम नहीं हो पाया है. जिससे घाट किनारे और आसपास गंदगी का अंबार है. इसको लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा हैं.
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बागबेड़ा पंचायत के जिला पार्षद किशोर यादव ने बताया है कि बड़ौदा घाट सबसे पुराना घाट है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में छठ व्रती पूजा करने आते हैं. हाल के दिनों में पर्व त्योहार के बाद नदी किनारे घाट और आसपास क्षेत्र में गंदगी का अंबार है. जिसे छठ पूजा से पूर्व साफ कराना जरूरी है. लेकिन सरकार की ओर से छठ पूजा के लिए जारी गाइडलाइंस से उहापोह की स्थिति बनी हुई है. जिससे इस घाट में पूजा करने आने वाले को परेशानी होगी और पंचायत क्षेत्र में साफ सफाई के लिए कोई व्यवथा सरकार की ओर से नहीं किया गया है. वैसे भी नदी की साफ सफाई कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. लेकिन वर्तमान में नदी का पानी और घाट को स्थिति अच्छी नहीं है. जिला प्रशासन को अविलंब गंदगी को साफ कराने की जरूरत है.