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बड़ौदा छठ घाट में सफाई का काम रूका, बताई ये वजह

जमशेदपुर में छठ महापर्व को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. बाजारों में खरीदारी की जा रही है. वहीं शहर का सबसे पुराना बागबेड़ा का बड़ौदा घाट में गंदगी का अंबार है. इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने से नदी की सफाई नहीं हो पाई है.

people upset due to lack of cleanliness of chhath ghat in jamshedpur
बड़ौदा छठ घाट
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Published : Nov 18, 2020, 9:36 AM IST

जमशेदपुरः शहर में छठ महापर्व को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. बाजारों में खरीदारी की जा रही है. वहीं शहर का सबसे पुराना बागबेड़ा का बड़ौदा घाट में गंदगी का अंबार है. जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा करने जाते हैं. जिसे देखते हुए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा है. पंचायत प्रतिनिधि जिला पार्षद ने कहा है कि सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण नदी की सफाई नहीं हो पाई है. ऐसे में जो श्रद्धालु यहां पूजा करने आएंगे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

देखें पूरी खबर
खरकाई नदी का बड़ौदा घाट में पसरी गंदगी

जमशेदपुर के बागबेड़ा खरकाई नदी का बड़ौदा घाट शहर का सबसे पुराना घाट है. जहां छठ पूजा के अलावा कई अनुष्ठान और मूर्ति विसर्जन किया जाता है. लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाला इस क्षेत्र से श्रद्धालु यहां प्रति वर्ष छठ पूजा करने आते हैं.

people upset due to lack of cleanliness of chhath ghat in jamshedpur
छठ घाट में पसरी गंदगी

प्रदेश सरकार की ओर से कोविड 19 के कारण छठ पूजा के लिए जारी निर्देश का श्रद्धलुओं और सामाजिक संगठन के साथ राजनैतिक दल भी विरोध किया. सरकार की स्प्ष्ट गाइडलाइंस ना मिलने से बागबेड़ा बड़ौदा घाट में साफ सफाई का काम नहीं हो पाया है. जिससे घाट किनारे और आसपास गंदगी का अंबार है. इसको लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा हैं.

इसे भी पढ़ें- टाटानगर से बादाम पहाड़ तक जल्द दौड़ेगी इलेक्ट्रिक ट्रेन, डीआरएम ने दी जानकारी

बागबेड़ा पंचायत के जिला पार्षद किशोर यादव ने बताया है कि बड़ौदा घाट सबसे पुराना घाट है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में छठ व्रती पूजा करने आते हैं. हाल के दिनों में पर्व त्योहार के बाद नदी किनारे घाट और आसपास क्षेत्र में गंदगी का अंबार है. जिसे छठ पूजा से पूर्व साफ कराना जरूरी है. लेकिन सरकार की ओर से छठ पूजा के लिए जारी गाइडलाइंस से उहापोह की स्थिति बनी हुई है. जिससे इस घाट में पूजा करने आने वाले को परेशानी होगी और पंचायत क्षेत्र में साफ सफाई के लिए कोई व्यवथा सरकार की ओर से नहीं किया गया है. वैसे भी नदी की साफ सफाई कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. लेकिन वर्तमान में नदी का पानी और घाट को स्थिति अच्छी नहीं है. जिला प्रशासन को अविलंब गंदगी को साफ कराने की जरूरत है.

जमशेदपुरः शहर में छठ महापर्व को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है. बाजारों में खरीदारी की जा रही है. वहीं शहर का सबसे पुराना बागबेड़ा का बड़ौदा घाट में गंदगी का अंबार है. जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु छठ पूजा करने जाते हैं. जिसे देखते हुए स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा है. पंचायत प्रतिनिधि जिला पार्षद ने कहा है कि सरकार की स्पष्ट गाइडलाइन नहीं होने के कारण नदी की सफाई नहीं हो पाई है. ऐसे में जो श्रद्धालु यहां पूजा करने आएंगे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा.

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खरकाई नदी का बड़ौदा घाट में पसरी गंदगी

जमशेदपुर के बागबेड़ा खरकाई नदी का बड़ौदा घाट शहर का सबसे पुराना घाट है. जहां छठ पूजा के अलावा कई अनुष्ठान और मूर्ति विसर्जन किया जाता है. लगभग डेढ़ लाख की आबादी वाला इस क्षेत्र से श्रद्धालु यहां प्रति वर्ष छठ पूजा करने आते हैं.

people upset due to lack of cleanliness of chhath ghat in jamshedpur
छठ घाट में पसरी गंदगी

प्रदेश सरकार की ओर से कोविड 19 के कारण छठ पूजा के लिए जारी निर्देश का श्रद्धलुओं और सामाजिक संगठन के साथ राजनैतिक दल भी विरोध किया. सरकार की स्प्ष्ट गाइडलाइंस ना मिलने से बागबेड़ा बड़ौदा घाट में साफ सफाई का काम नहीं हो पाया है. जिससे घाट किनारे और आसपास गंदगी का अंबार है. इसको लेकर स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों में निराशा हैं.

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बागबेड़ा पंचायत के जिला पार्षद किशोर यादव ने बताया है कि बड़ौदा घाट सबसे पुराना घाट है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में छठ व्रती पूजा करने आते हैं. हाल के दिनों में पर्व त्योहार के बाद नदी किनारे घाट और आसपास क्षेत्र में गंदगी का अंबार है. जिसे छठ पूजा से पूर्व साफ कराना जरूरी है. लेकिन सरकार की ओर से छठ पूजा के लिए जारी गाइडलाइंस से उहापोह की स्थिति बनी हुई है. जिससे इस घाट में पूजा करने आने वाले को परेशानी होगी और पंचायत क्षेत्र में साफ सफाई के लिए कोई व्यवथा सरकार की ओर से नहीं किया गया है. वैसे भी नदी की साफ सफाई कराना जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है. लेकिन वर्तमान में नदी का पानी और घाट को स्थिति अच्छी नहीं है. जिला प्रशासन को अविलंब गंदगी को साफ कराने की जरूरत है.

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