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Jamshedpur News: जमशेदपुर शहर में हो रही दूषित पानी की सप्लाई, विधायक सरयू राय ने जताई आपत्ति, टाटा स्टील प्रबंधन को लिखा पत्र - चांडिल डैम

जमशेदपुर में गंदे पानी की सप्लाई पर विधायक सरयू राय ने नाराजगी जताई है. उन्होंने इस संबंध में टाटा स्टील प्रंबंधन को पत्र लिखकर शीघ्र समस्या का समाधान करने की मांग की है. साथ ही विधायक सरयू राय ने इस संबंध में टाटा स्टील प्रबंधन को कई सुझाव भी दिए हैं.

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Supply Of Contaminated Water In Jamshedpur
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Published : Jul 17, 2023, 4:49 PM IST

जमशेदपुर: शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के घरों में इन दिनों गंदे और दूषित पानी की सप्लाई हो रही है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इसके लिए टाटा स्टील को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए शीध्र समाधान करने की बात कही है. साथ ही पत्र के माध्यम से उन्होंने कई सुझाव भी दिए हैं. विधायक सरयू राय ने इस संबंध में कहा कि जमशेदपुर में गहराते पेयजल संकट का समाधान तात्कालिक उपायों से नहीं होगा. इसके लिए दीर्घकालिक उपाय ढूंढना होगा. विधायक ने कहा कि कल तक हम मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना से स्वच्छ पानी देने की कठिनाई से जूझ रहे थे. आज यह जलसंकट जमशेदपुर टाटा लीज क्षेत्र में उत्पन्न हो गया है.

ये भी पढ़ें-Jamshedpur News: स्ट्रीट लाइट लगाने में हो रही देरी पर विधायक सरयू राय ने जताई नाराजगी, कहा- एक माह के अंदर पूरा करें कार्य

आने वाले समय में पूरे शहर में गहरा जाएगा जल संकटः विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले टाटा स्टील की कंपनी जुस्को और अब टीएसयूआईएसएल जमशेदपुर से पेयजल की सप्लाई करती है. कंपनी की ओर से मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना भी चलाया जा रहा है. जमशेदपुर में पेयजल सप्लाई में जो दूषित और अशुद्ध जल की बात अभी दिख रही है, हालांकि उसका बेहतर अनुभव मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना चलाने में होते रहा है. मोहरदा पेयजलापूर्ति का संकट अब जमशेदपुर में उत्पन्न हो गया है. यही संकट बागबेड़ा, जुगसलाई आदि क्षेत्र में भी आने वाला है. इसका कारण है कि अविवेकपूर्ण शहरीकरण की वजह से स्वर्णरेखा और खरकई नदी बद-से-बदतर स्थिति में पहुंच गई हैं. इनका जल दिन-प्रतिदिन और अधिक दूषित होता जा रहा है. इसलिए केवल जलकुंभी साफ कर देना, जलशोधन के समय ज्यादा कैमिकल डाल देना, नदी के जल प्रवाह में कमी होने का कारण बताना और चांडिल डैम और डिमना लेक से सीमित जल छोड़ने की बात करना समस्या का समाधान नहीं है.

विधायक ने कई सुझाव दिएः उन्होंने बताया कि जमशेदपुर और समीपवर्ती इलाकों में हो रहे औद्योगिक और पेयजलापूर्ति का एकमात्र स्रोत स्वर्णरेखा, खरकई और इसकी सहायक नदियां हैं. जिनमें वर्षा का जल प्रवाहित होता है. इन दो नदियों के स्तर पर ही जमशेदपुर और आसपास क्षेत्रों में औद्योगिक जल और पेयजलापूर्ति की योजना बनानी पड़ेगी. उन्होंने कहा है कि उपर्युक्त के अतिरिक्त कोई अधिक सटीक उपाय इस संकट के समाधान के संदर्भ में हो तो इसपर खुला विमर्श किया जाना चाहिए. इन बिन्दुओं पर परामर्श के लिए टाटा स्टील और सरकार विशेषज्ञ का समूह बनाए.

सरयू राय के महत्वपूर्ण सुझाव

  1. औद्योगिक जलापूर्ति के लिए नदियों से सीधे पानी खींचकर लाया जाए
  2. पेयजल आपूर्ति के लिए चांडिल डैम से रोजाना उतना पानी डिमना लेक में डाला जाए जितने की जरूरत जमशेदपुर और समीपवर्ती क्षेत्रों के लिए है. डिमना लेक से इस पानी का शोधन कर पाइप के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए.
  3. सतनाला डैम पर भी पेयजल आपूर्ति संरचना खड़ी की जाए.
  4. चांडिल डैम से स्वर्णरेखा को जिंदा रखने के लिए सतत निर्धारित पानी छोड़ा जाए.
  5. जमशेदपुर के लिए नाला आधारित विकास योजना बने. नालों का सही रख-रखाव किया जाए और नदियों में गिरने के पहले उनके दूषित जल की सफाई की जाए.
  6. सिवरेज सिस्टम को शहरीकरण का अनिवार्य अंग बनाया जाए.
  7. उपयोग किए गए जल का पुनः चक्रीकरण किया जाए.
  8. टाटा स्टील और झारखंड सरकार की एक संयुक्त समिति औद्योगिक जल और पेयजलापूर्ति को नियंत्रित करने के लिए बनायी जाए.

जमशेदपुर: शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के घरों में इन दिनों गंदे और दूषित पानी की सप्लाई हो रही है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इसके लिए टाटा स्टील को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए शीध्र समाधान करने की बात कही है. साथ ही पत्र के माध्यम से उन्होंने कई सुझाव भी दिए हैं. विधायक सरयू राय ने इस संबंध में कहा कि जमशेदपुर में गहराते पेयजल संकट का समाधान तात्कालिक उपायों से नहीं होगा. इसके लिए दीर्घकालिक उपाय ढूंढना होगा. विधायक ने कहा कि कल तक हम मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना से स्वच्छ पानी देने की कठिनाई से जूझ रहे थे. आज यह जलसंकट जमशेदपुर टाटा लीज क्षेत्र में उत्पन्न हो गया है.

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आने वाले समय में पूरे शहर में गहरा जाएगा जल संकटः विधायक सरयू राय ने कहा कि पहले टाटा स्टील की कंपनी जुस्को और अब टीएसयूआईएसएल जमशेदपुर से पेयजल की सप्लाई करती है. कंपनी की ओर से मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना भी चलाया जा रहा है. जमशेदपुर में पेयजल सप्लाई में जो दूषित और अशुद्ध जल की बात अभी दिख रही है, हालांकि उसका बेहतर अनुभव मोहरदा पेयजलापूर्ति परियोजना चलाने में होते रहा है. मोहरदा पेयजलापूर्ति का संकट अब जमशेदपुर में उत्पन्न हो गया है. यही संकट बागबेड़ा, जुगसलाई आदि क्षेत्र में भी आने वाला है. इसका कारण है कि अविवेकपूर्ण शहरीकरण की वजह से स्वर्णरेखा और खरकई नदी बद-से-बदतर स्थिति में पहुंच गई हैं. इनका जल दिन-प्रतिदिन और अधिक दूषित होता जा रहा है. इसलिए केवल जलकुंभी साफ कर देना, जलशोधन के समय ज्यादा कैमिकल डाल देना, नदी के जल प्रवाह में कमी होने का कारण बताना और चांडिल डैम और डिमना लेक से सीमित जल छोड़ने की बात करना समस्या का समाधान नहीं है.

विधायक ने कई सुझाव दिएः उन्होंने बताया कि जमशेदपुर और समीपवर्ती इलाकों में हो रहे औद्योगिक और पेयजलापूर्ति का एकमात्र स्रोत स्वर्णरेखा, खरकई और इसकी सहायक नदियां हैं. जिनमें वर्षा का जल प्रवाहित होता है. इन दो नदियों के स्तर पर ही जमशेदपुर और आसपास क्षेत्रों में औद्योगिक जल और पेयजलापूर्ति की योजना बनानी पड़ेगी. उन्होंने कहा है कि उपर्युक्त के अतिरिक्त कोई अधिक सटीक उपाय इस संकट के समाधान के संदर्भ में हो तो इसपर खुला विमर्श किया जाना चाहिए. इन बिन्दुओं पर परामर्श के लिए टाटा स्टील और सरकार विशेषज्ञ का समूह बनाए.

सरयू राय के महत्वपूर्ण सुझाव

  1. औद्योगिक जलापूर्ति के लिए नदियों से सीधे पानी खींचकर लाया जाए
  2. पेयजल आपूर्ति के लिए चांडिल डैम से रोजाना उतना पानी डिमना लेक में डाला जाए जितने की जरूरत जमशेदपुर और समीपवर्ती क्षेत्रों के लिए है. डिमना लेक से इस पानी का शोधन कर पाइप के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए.
  3. सतनाला डैम पर भी पेयजल आपूर्ति संरचना खड़ी की जाए.
  4. चांडिल डैम से स्वर्णरेखा को जिंदा रखने के लिए सतत निर्धारित पानी छोड़ा जाए.
  5. जमशेदपुर के लिए नाला आधारित विकास योजना बने. नालों का सही रख-रखाव किया जाए और नदियों में गिरने के पहले उनके दूषित जल की सफाई की जाए.
  6. सिवरेज सिस्टम को शहरीकरण का अनिवार्य अंग बनाया जाए.
  7. उपयोग किए गए जल का पुनः चक्रीकरण किया जाए.
  8. टाटा स्टील और झारखंड सरकार की एक संयुक्त समिति औद्योगिक जल और पेयजलापूर्ति को नियंत्रित करने के लिए बनायी जाए.
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