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पूर्व IPS की बहन के घर से भागी नाबालिग, वापस ले जाने को लेकर रात भर चला हाई वॉल्टेज ड्रामा

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Published : Oct 18, 2019, 7:43 AM IST

Updated : Oct 18, 2019, 9:18 AM IST

रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड में एक नाबालिग बच्ची को लेकर हाई वॉल्टेज ड्रामा चला. दरअसल, एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की बहन ने कांटा टोली स्थित खादगढ़ा बस स्टैंड से एक 12 वर्ष की बच्ची को जबरन ले जाने की कोशिश की. जबकि बच्ची साथ जाना नहीं चाह रही थी. इस दौरान वहां मौजूद बस के एजेंटों ने पुलिस को इसकी सूचना दी.

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रांची: कांटा टोली बस स्टैंड में गुरुवार की देर रात एक नाबालिग बच्ची को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. एक पूर्व आईपीएस के परिवार से मामले के जुड़े रहने की वजह से पूरे मामले की लीपापोती करने का भी प्रयास किया गया.


क्या है पूरा मामला
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की बहन ने कांटा टोली स्थित खादगढ़ा बस स्टैंड से एक 12 वर्ष की बच्ची को जबरन ले जाने की कोशिश की. इस दौरान बस स्टैंड में हंगामा खड़ा हो गया. वह जबरन बच्ची को खींच रही थी. यह देख वहां मौजूद बस स्टैंड के एजेंटों ने ह्यूमन ट्रैफिक से जुड़ा मामला समझ उनसे उलझ गए और बच्ची को ले जाने से रोका.

लोगों ने थाने को दी सूचना
इसपर रिटायर्ड आईपीएस की बहन उन एजेंटों से भिड़ गई और कहा कि तुमलोग अपना काम करो. मुझे तुम लोग जानते नहीं. यह कहते हुए बच्ची को खींचकर ले जाना चाह रही थी, लेकिन बच्ची रोते हुए जाने से इंकार कर रही थी. इतने में एजेंटों ने खादगढ़ा टीओपी और लोअर बाजार थाना प्रभारी को सूचना दे दी.

ये भी पढ़ें- बाल-बाल बचे रांची सांसद संजय सेठ, कार हुई हादसे का शिकार

मामले को दबाने की पूरी कोशिश
सूचना मिलते ही मौके पर लोअर बाजार थानेदार सतीश कुमार खुद पहुंचे और मामले की जानकारी ली. इस दौरान भी महिला बच्ची को ले जाने की जिद पर अड़ी रही. इस बीच इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को मिली. सीडब्ल्यूसी की सदस्य तनुश्री सरकार ने बच्ची को तत्काल प्रेमाश्रय भेजने के लिए कहा. इसके बाद महिला को भी पुलिस ने प्रेमाश्रय पहुंचा दिया. रिटायर्ड आईपीएस के घर से जुड़े होने की वजह से इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई.


दर्ज होगा बच्ची का बयान
बच्ची को शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की बेंच में प्रस्तुत किया जाएगा. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सहित अन्य बच्ची का बयान लेंगे. फिलहाल बच्ची का क्या आरोप है, उसे क्यों ले जाया जा रहा था इस बात की जानकारी सीडब्ल्यूसी को नहीं मिली है. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा कि बच्ची को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है. शुक्रवार को बयान लेने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड हाईकोर्ट ने 3 जजों का निलंबन लिया वापस, 24 सितंबर को निलंबन का दिया था आदेश


दो बातें आ रही सामने
बच्ची को खींचकर ले जाए जाने की कोशिश के मामले में दो बातें सामने आ रही है. स्थानीय एजेंटों और लोगों के अनुसार बच्ची रिटायर्ड आईपीएस के घर मजदूरी करती थी. वहां से परेशान होकर भाग निकली थी. भागकर वह खादगाढ़ा बस स्टैंड पहुंची तो उसके पीछे रिटायर्ड आईपीएस की बहन भी पहुंच गई थी, जो जबरन बच्ची को ले जा रही थी. इसपर बच्ची इनकार कर रही थी. जबकि कुछ लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि बच्ची को बाहर से काम के लिए लाया गया था. जिसे लेने के लिए रिटायर्ड अधिकारी की बहन वहां पहुंची थी. इस दौरान हंगामा हो गया.

रांची: कांटा टोली बस स्टैंड में गुरुवार की देर रात एक नाबालिग बच्ची को लेकर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. एक पूर्व आईपीएस के परिवार से मामले के जुड़े रहने की वजह से पूरे मामले की लीपापोती करने का भी प्रयास किया गया.


क्या है पूरा मामला
रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी की बहन ने कांटा टोली स्थित खादगढ़ा बस स्टैंड से एक 12 वर्ष की बच्ची को जबरन ले जाने की कोशिश की. इस दौरान बस स्टैंड में हंगामा खड़ा हो गया. वह जबरन बच्ची को खींच रही थी. यह देख वहां मौजूद बस स्टैंड के एजेंटों ने ह्यूमन ट्रैफिक से जुड़ा मामला समझ उनसे उलझ गए और बच्ची को ले जाने से रोका.

लोगों ने थाने को दी सूचना
इसपर रिटायर्ड आईपीएस की बहन उन एजेंटों से भिड़ गई और कहा कि तुमलोग अपना काम करो. मुझे तुम लोग जानते नहीं. यह कहते हुए बच्ची को खींचकर ले जाना चाह रही थी, लेकिन बच्ची रोते हुए जाने से इंकार कर रही थी. इतने में एजेंटों ने खादगढ़ा टीओपी और लोअर बाजार थाना प्रभारी को सूचना दे दी.

ये भी पढ़ें- बाल-बाल बचे रांची सांसद संजय सेठ, कार हुई हादसे का शिकार

मामले को दबाने की पूरी कोशिश
सूचना मिलते ही मौके पर लोअर बाजार थानेदार सतीश कुमार खुद पहुंचे और मामले की जानकारी ली. इस दौरान भी महिला बच्ची को ले जाने की जिद पर अड़ी रही. इस बीच इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को मिली. सीडब्ल्यूसी की सदस्य तनुश्री सरकार ने बच्ची को तत्काल प्रेमाश्रय भेजने के लिए कहा. इसके बाद महिला को भी पुलिस ने प्रेमाश्रय पहुंचा दिया. रिटायर्ड आईपीएस के घर से जुड़े होने की वजह से इस मामले को दबाने की पूरी कोशिश की गई.


दर्ज होगा बच्ची का बयान
बच्ची को शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की बेंच में प्रस्तुत किया जाएगा. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सहित अन्य बच्ची का बयान लेंगे. फिलहाल बच्ची का क्या आरोप है, उसे क्यों ले जाया जा रहा था इस बात की जानकारी सीडब्ल्यूसी को नहीं मिली है. सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा कि बच्ची को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है. शुक्रवार को बयान लेने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.

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दो बातें आ रही सामने
बच्ची को खींचकर ले जाए जाने की कोशिश के मामले में दो बातें सामने आ रही है. स्थानीय एजेंटों और लोगों के अनुसार बच्ची रिटायर्ड आईपीएस के घर मजदूरी करती थी. वहां से परेशान होकर भाग निकली थी. भागकर वह खादगाढ़ा बस स्टैंड पहुंची तो उसके पीछे रिटायर्ड आईपीएस की बहन भी पहुंच गई थी, जो जबरन बच्ची को ले जा रही थी. इसपर बच्ची इनकार कर रही थी. जबकि कुछ लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि बच्ची को बाहर से काम के लिए लाया गया था. जिसे लेने के लिए रिटायर्ड अधिकारी की बहन वहां पहुंची थी. इस दौरान हंगामा हो गया.

Intro:पूर्व आईपीएस के बहन के घर से भागी नबालिग ,वापस ले जाने को लेकर रात भर चला हाई वॉल्टेज ड्रामा

रांची के कांटाटोली बस स्टैंड में गुरुवार की देर रात एक नबालिग बच्ची को लेकर हाई वॉल्टेज ड्रामा चलता रहा।एक पूर्व आईपीएस के परिवार से मामले के जुड़े रहने की वजह से पूरे मामले की लीपापोती करने का भी प्रयास किया गया।


क्या है पूरा मामला
रिटायर्ड आइपीएस अधिकारी मृत्युंजय किशोर मीतू की बहन के द्वारा कांटाटोली स्थित खादगाढ़ा बस स्टैंड से एक 12 वर्ष की बच्ची को जबरन ले जाने की कोशिश के दौरान बस स्टैंड में हंगामा खड़ा हो गया । वह जबरन बच्ची को खिंच रही थीं। यह देख वहां मौजूद बस स्टैंड के एजेंटों ने ह्यूमन ट्रैफिक से जुड़ा मामला समझ उनसे उलझ गए और बच्ची को ले जाने से रोका। इसपर रिटायर्ड आइपीएस की बहन उन एजेंटों से भिड़ गईं और कहा कि तुमलोग अपना काम करो। मुझे तुम लोग जानते नहीं। यह कहते हुए बच्ची को खींच कर ले जाना चाह रही थी, लेकिन बच्ची रोते हुए जाने से इन्कार कर रही थी। इतने में एजेंटों ने खादगाढ़ा टीओपी और लोअर बाजार थाना प्रभारी को सूचना दी गई। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर लोअर बाजार थानेदार सतीश कुमार खुद पहुंचे और मामले की जानकारी ली। इस दौरान भी महिला ने बच्ची को ले जाने की जिद पर अड़ी रहीं। इसबीच इसकी सूचना बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को मिली। सीडब्ल्यूसी की सदस्य तनुश्री सरकार ने बच्ची को तत्काल प्रेमाश्रय भेजने के लिए कहा। इसके बाद महिला को पुलिस ने प्रेमाश्रय पहुंचा दिया। रिटायर्ड आइपीएस के घर से जुड़ा होने की वजह से इस मामले का दबाने की पूरी कोशिश की गई। 


आज होगा बच्ची का बयान

बच्ची को शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी की बेंच में प्रस्तुत किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष सहित अन्य बच्ची का बयान लेंगे। फिलहाल बच्ची का क्या आरोप है, उसे क्यों ले जाया जा रहा था इस बात की जानकारी सीडब्ल्यूसी को नहीं मिली है। सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने कहा है कि बच्ची को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है। शुक्रवार को बयान लेने के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा। 


दो बातें आ रही सामने : 

बच्ची को खींचकर ले जाए जाने की कोशिश के मामले में दो बातें सामने आ रही है। स्थानीय एजेंटों और लोगों के अनुसार बच्ची रिटायर्ड आइपीएस के घर मजदूरी करती थी। वहां से परेशान होकर भाग निकली थी। भागकर वह खादगाढ़ा बस स्टैंड पहुंची थी। उसके पीछे रिटायर्ड आइपीएस की बहन भी वहां पहुंच गईं थी। जो जबरन बच्ची को खींच कर ले जा रही थी। इसपर बच्ची इन्कार कर रही थी। जबकि कुछ लोगों ने यह भी जानकारी दी है कि बच्ची को बाहर से काम के लिए लाया गया था। जिसे लेने के लिए रिटायर्ड अधिकारी की बहन वहां पहुंची थीं। इस दौरान हंगामा हो गया। 


(नबालिग के होने की वजह से फ़ोटो नही है।)
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Last Updated : Oct 18, 2019, 9:18 AM IST
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