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जमशेदपुर: सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए आदिवासी संगठनों की बैठक - जमशेदपुर में नेताओं के साथ बैठक का आयोजन

जमशेदपुर में सरना धर्म कोड को लागू कराने के लिए आदिवासी संगठनों ने बैठक का आयोजन किया. इसके तहत केंद्रीय सरना समिति रांची, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद रांची के नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा किया गया.

sarna dharma code in jamshedpur
जमशेदपुर सरना धर्म कोड
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Published : Oct 31, 2020, 12:32 PM IST

जमशेदपुर: झारखंड में सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने अन्य दो आदिवासी संगठनों के साथ बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख ने बताया है कि आगामी 8 नवंबर को रांची में एक विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम के आदिवासी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

नेताओं के साथ बैठक का आयोजन

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू कदमा स्थित अपने आवासीय कार्यालय में केंद्रीय सरना समिति रांची, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद रांची के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में आदिवासियों के हित के लिए सरना धर्म कोड लागू कराने के लिए सरकार और बढ़ाव बनाने की रणनीति तय की गई है. आंदोलन की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया है और तय हुआ कि हर हाल में नवंबर और दिसंबर 2020 के भीतर सरना धर्म कोड को हासिल करना ही पड़ेगा. अन्यथा भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासी मजबूरन दूसरे धर्मों की तरफ पलायन को मजबूर हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-'सरना धर्म कोड' के लिए आर-पार की तैयारी, क्या इसके बिना मिट जाएगा आदिवासियों का अस्तित्व ?

आदिवासी सेंगेल अभियान

आगामी 2021 का वर्ष भारत में जनगणना का वर्ष है. इसलिए तीनों संगठनों ने बाकी अन्य तमाम आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर निर्णायक संघर्ष का फैसला लिया है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया है कि भारत सरकार और सभी संबंधित सरकारें 30 नवंबर 2020 तक सरना धर्म कोड का फैसला नहीं देंगे तो पूर्व घोषित 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि तीनों संगठनों के नेताओं ने आज यह तय किया कि रविवार 8 नवंबर 2020 को प्रेस क्लब रांची में दिन के 11 बजे से 1 बजे तक एक विशेष बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम के प्रतिनिधि और सरना धर्म समर्थक अन्य नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिससे निर्णायक सरना धर्म कोड प्राप्ति के आंदोलन में सबके समर्थन और सहयोग प्राप्त हो सके.

जमशेदपुर: झारखंड में सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने अन्य दो आदिवासी संगठनों के साथ बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख ने बताया है कि आगामी 8 नवंबर को रांची में एक विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें बिहार, बंगाल, ओडिशा और असम के आदिवासी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे.

नेताओं के साथ बैठक का आयोजन

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू कदमा स्थित अपने आवासीय कार्यालय में केंद्रीय सरना समिति रांची, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद रांची के नेताओं के साथ बैठक की. बैठक में आदिवासियों के हित के लिए सरना धर्म कोड लागू कराने के लिए सरकार और बढ़ाव बनाने की रणनीति तय की गई है. आंदोलन की रूप रेखा पर विचार विमर्श किया गया है और तय हुआ कि हर हाल में नवंबर और दिसंबर 2020 के भीतर सरना धर्म कोड को हासिल करना ही पड़ेगा. अन्यथा भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासी मजबूरन दूसरे धर्मों की तरफ पलायन को मजबूर हो सकते हैं.

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आदिवासी सेंगेल अभियान

आगामी 2021 का वर्ष भारत में जनगणना का वर्ष है. इसलिए तीनों संगठनों ने बाकी अन्य तमाम आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर निर्णायक संघर्ष का फैसला लिया है. आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रमुख सालखन मुर्मू ने बताया है कि भारत सरकार और सभी संबंधित सरकारें 30 नवंबर 2020 तक सरना धर्म कोड का फैसला नहीं देंगे तो पूर्व घोषित 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि तीनों संगठनों के नेताओं ने आज यह तय किया कि रविवार 8 नवंबर 2020 को प्रेस क्लब रांची में दिन के 11 बजे से 1 बजे तक एक विशेष बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा, असम के प्रतिनिधि और सरना धर्म समर्थक अन्य नेताओं और संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जिससे निर्णायक सरना धर्म कोड प्राप्ति के आंदोलन में सबके समर्थन और सहयोग प्राप्त हो सके.

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