जमशेदपुरः शहर में कोरोना संक्रमण को लेकर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के तहत विभिन्न जगहों पर शरद पूर्णिमा की मां लक्खी की पूजा की गई है. पूजा के दौरान कम संख्या में पूजा कमेटी के लोग शामिल हुए. जमशेदपुर में विभिन्न इलाके में अश्विन मास की शरद पूर्णिमा के अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा की गई है.
करुणा संक्रमण को देखते हुए सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत छोटे पंडाल में छोटी मूर्ति की पूजा की गई है पूजा के दौरान कम संख्या में पूजा कमेटी के सदस्य शामिल हुए.
बता दें कि दुर्गा पूजा के विजयदशमी के पांचवे दिन शरद पूर्णिमा की रात मां लक्खी की पूजा की जाती है जिन जिन जगहों पर मां दुर्गा की पूजा की जाती है. उसी जगह पर पूजा कमेटी द्वारा लक्खी पूजा का आयोजन किया जाता है यह मान्यता है कि मां दुर्गा के साथ भगवान श्री गणेश भगवान विश्वकर्मा मां लक्ष्मी और मां सरस्वती विराजमान रहते हैं जिनमें सर्वप्रथम गणेश पूजा होती है.
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उसके बाद विश्वकर्मा पूजा जिसके बाद मां दुर्गा की पूजा होती है और शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और बसंत पंचमी में मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बंगाल में लक्खी पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है. मान्यता है कि इस पूजा के आयोजन से सुख शांति समृद्धि की प्राप्ति होती है.
जमशेदपुर में लक्खी पूजा संपन्न होने के बाद पूजा कमेटियों के बीच प्रसाद का वितरण हुआ. बागबेड़ा लाल बिल्डिंग में आयोजित पूजा में शामिल पूजा कमेटी के सदस्य ने बताया है कि गाइडलाइन के तहत पूजा की गई है बाहरी किसी भी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है. सिर्फ पूजा कमेटी के सदस्य ही पूजा में शामिल हुए हैं और मूर्ति का विसर्जन शनिवार को होगा.