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कर्नाटक से पैदल यात्रा करते हुए जमशेदपुर पहुंचे कृष्णन, योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए कर रहे भारत की पदयात्रा

देश को निरोग रखने के लिए योग जरूरी है, इसके साथ ही पर्यावरण भी शुद्ध होना चाहिए. कुछ इसी तरह का संदेश लेकर कर्नाटक के कृष्णन पूरे भारत की पदयात्रा पर निकले हैं.

Krishnan padayatra of india
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Published : May 16, 2023, 5:25 PM IST

Updated : May 16, 2023, 5:42 PM IST

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जमशेदपुर: देश में योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कर्नाटक के मैसूर से पदयात्रा पर निकला एक युवक लौहनगरी जमशेदपुर पहुंचा. युवक ने बताया कि 28 राज्यों में युवाओं को योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का उन्होंने संकल्प लिया है. वे स्कूल और कॉलेज के छात्रों से मिलकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Easy Yoga : इन सरल योग आसनों से करें दिन की शुरुआत, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

5000 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं तय: कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले 30 वर्षीय कृष्णन पदयात्रा करते हुए जमशेदपुर पहुंचे. पीठ पर बैग लिए और तिरंगा झंडा लगाकर पदयात्रा करने वाले कृष्णन देशभर में युवाओं के बीच योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का संकल्प लेकर निकले हैं. कृष्णन अब तक 5000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. पेशे से वह योगे शिक्षक हैं. कृष्णन सिर्फ दिन में ही पदयात्रा करते हैं और रात में किसी धार्मिक स्थल या धर्मशाला में आराम करते हैं. वे जीपीएस सिस्टम के साथ पद यात्रा कर रहे हैं. मैसूर के एक योग शिक्षण संस्थान द्वारा उसकी पद यात्रा मॉनिटर भी की जा रही है.

अपनी पदयात्रा के संदर्भ में कृष्ण ने बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उनके बैकबोन में दर्द की शिकायत हुई. डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात कही. उन्होंने ऑपरेशन में बहुत अधिक खर्च होने की बात भी कही. कृष्णन ने बताया कि बचपन में ही उनके मां-बाप और उनकी बहन का निधन हो गया था. अपनी दादी के पास वह पले बढ़े और बीएससी की पढ़ाई की.

कृष्णन ने बताया कि इलाज के लिए पैसे नहीं थे, जिस लिए उन्होंने एक योगा संस्थान से संपर्क कर योग का प्रशिक्षण लिया. धीरे-धीरे उसके बैकबोन में दर्द खत्म हो गया. जिसके बाद उसने संकल्प लिया कि योग के जरिए इंसान पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है. योग के साथ-साथ पर्यावरण को भी अगर बचाया जाए तो शुद्ध पर्यावरण में इंसान स्वस्थ रहेगा और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पदयात्रा पर निकल पड़े.

जवागल श्रीनाथ ने किया था रवाना: कृष्णन ने कहा कि मैसूर में 16 अक्टूबर 2022 के दिन पूर्व क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ ने तिरंगा लहरा कर उसे पदयात्रा के लिए रवाना किया और शुभकामनाएं दी थीं. अब तक वह 8 राज्यों का सफर तय कर चुके हैं. सभी राज्य में स्कूली बच्चे और कॉलेज के छात्रों से मिलकर वह उन्हें पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक कर रहा है और पौधारोपण भी करवा रहे हैं, साथ ही वह युवाओं को योगा के प्रति ज्यादा जागरूक कर रहा है. जिससे युवा स्वस्थ रहेंगे तो एक स्वस्थ भारत का निर्माण होगा. अपने सफर के संदर्भ में कृष्णन ने बताया कि रास्ते में पैसे की जरूरत पड़ने से ऑनलाइन वह पैसे मंगवाते हैं और शाकाहारी खाना खाकर अपने सफर को पूरा कर रहा है. झारखंड से रांची फिर नॉर्थस्टेट असम मिजोरम नागालैंड कश्मीर होते हुए पूरे 15000 किलोमीटर की पदयात्रा कर वह मैसूर पहुंचेंगे.

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जमशेदपुर: देश में योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कर्नाटक के मैसूर से पदयात्रा पर निकला एक युवक लौहनगरी जमशेदपुर पहुंचा. युवक ने बताया कि 28 राज्यों में युवाओं को योग और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का उन्होंने संकल्प लिया है. वे स्कूल और कॉलेज के छात्रों से मिलकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं.

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5000 किलोमीटर का सफर कर चुके हैं तय: कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले 30 वर्षीय कृष्णन पदयात्रा करते हुए जमशेदपुर पहुंचे. पीठ पर बैग लिए और तिरंगा झंडा लगाकर पदयात्रा करने वाले कृष्णन देशभर में युवाओं के बीच योग और पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता फैलाने का संकल्प लेकर निकले हैं. कृष्णन अब तक 5000 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. पेशे से वह योगे शिक्षक हैं. कृष्णन सिर्फ दिन में ही पदयात्रा करते हैं और रात में किसी धार्मिक स्थल या धर्मशाला में आराम करते हैं. वे जीपीएस सिस्टम के साथ पद यात्रा कर रहे हैं. मैसूर के एक योग शिक्षण संस्थान द्वारा उसकी पद यात्रा मॉनिटर भी की जा रही है.

अपनी पदयात्रा के संदर्भ में कृष्ण ने बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले उनके बैकबोन में दर्द की शिकायत हुई. डॉक्टरों ने जांच के बाद ऑपरेशन करने की बात कही. उन्होंने ऑपरेशन में बहुत अधिक खर्च होने की बात भी कही. कृष्णन ने बताया कि बचपन में ही उनके मां-बाप और उनकी बहन का निधन हो गया था. अपनी दादी के पास वह पले बढ़े और बीएससी की पढ़ाई की.

कृष्णन ने बताया कि इलाज के लिए पैसे नहीं थे, जिस लिए उन्होंने एक योगा संस्थान से संपर्क कर योग का प्रशिक्षण लिया. धीरे-धीरे उसके बैकबोन में दर्द खत्म हो गया. जिसके बाद उसने संकल्प लिया कि योग के जरिए इंसान पूरी तरह स्वस्थ रह सकता है. योग के साथ-साथ पर्यावरण को भी अगर बचाया जाए तो शुद्ध पर्यावरण में इंसान स्वस्थ रहेगा और अपने संकल्प को पूरा करने के लिए पदयात्रा पर निकल पड़े.

जवागल श्रीनाथ ने किया था रवाना: कृष्णन ने कहा कि मैसूर में 16 अक्टूबर 2022 के दिन पूर्व क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ ने तिरंगा लहरा कर उसे पदयात्रा के लिए रवाना किया और शुभकामनाएं दी थीं. अब तक वह 8 राज्यों का सफर तय कर चुके हैं. सभी राज्य में स्कूली बच्चे और कॉलेज के छात्रों से मिलकर वह उन्हें पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक कर रहा है और पौधारोपण भी करवा रहे हैं, साथ ही वह युवाओं को योगा के प्रति ज्यादा जागरूक कर रहा है. जिससे युवा स्वस्थ रहेंगे तो एक स्वस्थ भारत का निर्माण होगा. अपने सफर के संदर्भ में कृष्णन ने बताया कि रास्ते में पैसे की जरूरत पड़ने से ऑनलाइन वह पैसे मंगवाते हैं और शाकाहारी खाना खाकर अपने सफर को पूरा कर रहा है. झारखंड से रांची फिर नॉर्थस्टेट असम मिजोरम नागालैंड कश्मीर होते हुए पूरे 15000 किलोमीटर की पदयात्रा कर वह मैसूर पहुंचेंगे.

Last Updated : May 16, 2023, 5:42 PM IST
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