जमशेदपुरः ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के तत्वावधान में साकची गोल चक्कर में रविवार को किसान हुंकार सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान पूर्व विधायक, राजनीतिक, सामाजिक, व्यापारिक संगठन प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की.
कृषि कानून वापस लेने की मांग
पूर्व विधायक अरविंद सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और देश की जनता को बेवकूफ समझ रही है. तीनों कृषि कानून देश के बड़े औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं. अगर इन कानूनों से किसान को लाभ होता तो क्या इस भारी ठंड में जान को जोखिम में डालकर पिछले 48 दिनों से किसान आंदोलन जारी रखते. उन्होंने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि देश और किसान के हित को देखते हुए प्रधानमंत्री खुद आगे आएं और इन तीनों कानून को वापस लेते हुए न्यूनतम समर्थित मूल्य को गारंटी रूप देने के लिए संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाएं, अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो आने वाले वर्षों में इसका दुष्प्रभाव नजर आएगा.
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शहीद हुए किसानों को दी श्रद्धांजलि
वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के कुछ पदाधिकारी, विधायक और उनका पैतृक संगठन किसानों को देश विरोधी बता रहा है. किसान अन्नदाता हैं, किसान देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि केंद्र सरकार इसको प्रतिष्ठा का मुद्दा बना रही है. किसान देश के मजबूत आधार हैं और उन्हें विश्वास में लिए बिना कानून बनाया गया है या केंद्र सरकार खुद स्वीकार कर चुकी है. आखिरकार किसान संगठन से बिना वार्ता किए इस तरह के कानून हड़बड़ी में बनाने की क्या जरूरत पड़ी थी. इस कार्यक्रम की शुरूआत से पहले शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.