जमशेदपुरः कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल एमजीएम अस्पताल में चक्रधरपुर की जली महिला की मौत के मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है. हाई कोर्ट के आदेश पर जांच करने आई झालसा की टीम ने दिनभर जांच के दौरान बताया है कि जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी. जमशेदपुर में स्थित कोल्हान का सबसे बड़ा सरकारी एमजीएम अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है.
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12 फरवरी को चक्रधरपुर की रहने वाली 30 वर्षीय हीरामणि को उसके पति ने केरोसिन तेल डाल कर आग के हवाले कर दिया. जिसके बाद महिला को गंभीर हालत में इलाज के लिए एमजीएम में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान 18 फरवरी को महिला की मौत ही गई है. बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान महिला की देखरेख अस्पताल में सही तरीके से नहीं हुई. वो बार-बार बेड से गिर जा रही थी और अस्पताल में लापरवाही बरतने के कारण उसकी मौत ही गई. इस मामले में मृतका के पति को घटना के बाद ही पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है.
इस मामले में एक महिला अधिवक्ता ने झारखंड हाई कोर्ट को मामले कि जानकारी देते हुए जांच की अपील की. जिसके बाद हाई कोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच के लिए झालसा को आदेश दिया. झालसा की टीम रविवार को एमजीएम अस्पताल पहुंची और दिनभर अस्पताल अधीक्षक और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की. जांच टीम में झालसा के सचिव नितेश कुमार सांगा, सिटी मजिस्ट्रेट चंद्रदेव प्रसाद और जमशेदपुर सरायकेला कोर्ट की वकील अमृता कुमारी, जमशेदपुर सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट मौजूद रहे.
अस्पताल में झालसा की टीम की जांच से अस्पताल परिसर में अफरातफरी का माहौल बना रहा. जांच टीम में शामिल वकील अमृता कुमारी ने बताया है इलाज के दौरान लापरवाही की बात सामने आई है. उन्होंने बताया है कि जांच में कई खामियों का पता चला है और हाई कोर्ट में पूरे मामले की जांच रिपोर्ट एक सप्ताह में सौंपना है. जांच में दोषी पाए जाने पर हाई कोर्ट आगे की कार्रवाई करेगी.