जमशेदपुरः गर्मी आते ही पानी की समस्या फिर सड़क पर आने लगी है. स्थानीय और राज्य प्रशासन से हताश जमशेदपुर के लोगों ने अब पीएम मोदी को दुखड़ा सुनाने का मन बना लिया है. जमशेदपुर के बागबेड़ा और आसपास के इलाके के लिए बनाई गई बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना को पूरा करने की मांग को लेकर स्थानीय लोग सोमवार को पैदल दिल्ली के लिए रवाना हो गए. बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा की अगुवाई में 21 सदस्यीय टीम 93 दिन की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचेगी और 13 जून को पीएम मोदी को क्षेत्र में पानी की समस्या की जानकारी देंगे.
बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने बताया कि क्षेत्र में पानी का संकट दूर कराने के लिए वे 411वीं बार आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन स्थानीय प्रशासन और सरकार ध्यान नहीं दे रहा है. इसलिए वे केंद्र सरकार का ध्यान खींचना चाहते हैं.उन्होंने बताया कि जमशेदपुर के बागबेड़ा और आस-पास के पंचायत इलाके में पीने का पानी के लिए सरकार की ओर से बागबेड़ा बृहद ग्रामीण जलापूर्ति योजना बनाई गई थी, लेकिन 237 करोड़ रुपये की योजना में 211 करोड़ रुपये खुर्दबुर्द कर दिए गए और योजना पूरी नहीं हो सकी. जबकि इसके लिए जो निर्माण हुआ भी था वे क्षतिग्रस्त हो रहा है.
यह है पूरा मामलाः पदयात्रा में शामिल महिलाओं ने बताया कि बागबेड़ा और आसपास के ग्रामीण इलाकों में हर घर पानी मिले इसके लिए वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने वर्ष 2005 में भी इसके लिए आंदोलन किया था. भूख हड़ताल के अलावा आंदोलनकारियों ने जमशेदपुर से रांची विधानसभा तक पद यात्रा की. आंदोलन को देखते हुए 2015 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 237 करोड़ की बागबेड़ा बृहत ग्रामीण जलापूर्ति योजना की आधारशिला रखी. योजना के तहत 2018 तक घर-घर तक पाइप लाइन के जरिये पानी मिलना था. योजना में 211 करोड़ रुपये खर्च हो जाने के बावजूद 2022 तक यह योजना धरातल पर उतर नहीं पाई.
नहीं हो रही सुनवाईः इसके लिए बागबेड़ा महानगर विकास समिति के बैनर तले पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ आम लोगों ने सैकड़ों बार आंदोलन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. विभागीय मंत्री भी योजना स्थल का निरीक्षण कर जल्द पानी मिलने का आश्वासन दे चुके हैं लेकिन कुछ हुआ नहीं. काम ठप पड़ गया है. बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष का कहना है कि क्षेत्र में जल संकट लगातार गहराता चला जा रहा है और राज्य सरकार का रवैया उदासीन बना है. इसे देखते हुए ग्रामीण पानी के लिए दिल्ली पद यात्रा पर निकले हैं.
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पानी के लिए 411वां आंदोलनः बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा ने बताया कि पानी के लिए यह 411 वां आंदोलन है. 237 करोड़ की योजना पारित होने के बाद 2018 तक काम पूरा करना था लेकिन सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण योजना अब तक पूरा नहीं हो पाई. ऐसे में क्षेत्र की जनता पानी के लिए त्राहिमाम कर रही है. उन्होंने बताया कि 93 दिन के सफर के बाद 13 जून 2022 को देश के प्रधानमंत्री से मिलने स्वीकृति मिली है, उनसे मिलकर पानी के लिए गुहार लगाएंगे. जब तक पानी नही मिलेगा आंदोलन जारी रहेगा.
जान भले ही चली जाए पानी लेकर रहेंगेः सुबोध झा ने बताया कि इस योजना के तहत बने फिल्टर प्लांट का भवन जर्जर होता जा रहा है. बड़ौदा घाट नदी में पाइप लाइन बिछाने के लिए बनाए गए खंभो में दो खंभे पानी में बह चुके हैं. 93 दिनों की इस पदयात्रा में सर्वप्रथम पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए रांची जाकर राजभवन का घेराव करते हुए यह सभी दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे. इधर पद यात्रा में शामिल महिलाओं का कहना है कि जान रहे या जाए अब पानी लेकर रहेंगे. बागबेड़ा पंचायत प्रतिनिधि प्रभा हांसदा ने बताया कि पाने की मांग पूरी होने तक वे आंदोलन करेंगे. बता दें कि जमशेदपुर से दिल्ली की सड़क मार्ग से दूरी करीब 1423 किलोमीटर है.