जमशेदपुर: सांसद विद्युत वरण महतो ने मंगलवार को केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार से मुलाकात की और प्रस्तावित वित्त विधेयक में संशोधन की मांग की. सासंद के साथ टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष संजीव कुमार चौधरी सहित कई पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से इसे लेकर श्रम मंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से सुधार की मांग की गई है.
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सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगी राहत
मौके पर सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि नए वित्त विधेयक 2021 में प्रस्तावित संशोधन, भविष्य निधि में कर्मचारियों के अंशदान पर अर्जित ब्याज-आय पर (वार्षिक सीमा 2.50-दो लाख पचास हजार रुपए उपरांत) कर छूट को समाप्त करने का प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव के कारण देश के श्रमिक वर्ग में विभिन्न प्रकार की आशंका उत्पन्न हो रही है. इस संबंध में विभिन्न श्रमिक संगठन और उनके नेतृत्व की ओर से ज्ञापन दिया जा रहा है. इस संबंध में पुर्नविचार करने का आग्रह भी किया जा रहा है. इन परिस्थितियों में इसको बढ़ाकर 10 लाख कर दिया जाए. इससे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
सामाजिक सुरक्षा में भी कमी
सांसद ने कहा कि ईपीएफ के तहत बचाया गया पैसा एक मात्र राशि है, जो वृद्धावस्था के दौरान वित्तिय सुरक्षा या स्थिरता प्रदान करता है. जिस समय कर्मचारी के पास आय का कोई स्त्रोत नहीं होता है. पीएफ ब्याज पर कर लगाने से सेवानिवृत कर्मचारियों के हितों की रक्षा नहीं हो पाएगी और उनके गरिमापूर्ण और सामाजिक सुरक्षा में भी कमी आने की संभावना है. गंगवार ने सभी बातों को गौर पूर्वक सुना और कहा कि वह इस पर अपने विभाग में मंत्रणा करेंगे और इस संबंध में जनहित में समुचित निर्णय लेंगे. मंगलवार के प्रतिनिधिमंडल में टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष के अलावा उनके महामंत्री सतीश कुमार सिंह भी शामिल थे.
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सांसद विद्युत वरण ने रेल मंत्री से मुलाकात की
सांसद विद्युत वरण महतो ने मंगलवार को मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और अपने लोकसभा क्षेत्र के महत्वपूर्ण रेलवे संबंधी मांगों से उन्हें अवगत कराया, साथ ही विभिन्न मांगों से संबंधित अलग-अलग मांग पत्र भी उन्हें सुपुर्द किया. सांसद ने रेल मंत्री से आग्रह किया कि टाटा से बक्सर के लिए सीधी रेल सेवा की शुरुआत की जाए. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में उत्तर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्रों में निवास करते हैं और उनके लिए कोई सीधी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मांग को लगातार उठाते रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस पहल इस दिशा में नहीं हुआ है.