जमशेदपुर: मकर संक्रांति हिंदुओं का प्रमुख पर्व है. यह पर्व पूरे देश में किसी न किसी रूप में मनाया जाता है. 14 जनवरी को मनाए जाने वाला मकर संक्रांति पर्व को लेकर बाजार पूरी तरह सज गया है. कुछ लोग इसे दान-पुण्य का पर्व मानते हैं तो कुछ लोगों का कहना है यह हमारी पुरानी परंपरा है. इस दिन नए फसल की पूजा कर उसे अपनाया जाता है, जबकि दुकानदार का कहना है महंगाई और बेरोजगारी का असर बाजार पर पड़ा है.
खरीदारी के लिए लोगों की भीड़
जमशेदपुर में जनवरी के महीने में 14 या 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाने के लिए बाजारों में अलग-अलग तरह के खाने का सामान सज गया है, जिसमें गुड़, तिल, बादाम, चूड़ा से बने लड्डू और तिलकुट प्रमुख है. दुकानों में मकर संक्रांति के लिए खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है. बादाम और गुड़ से बने बादामपट्टी, चीनी और गुड़ से बने तिकलुट, गुड़ और चीनी से बना चूड़ा का लड्डू, लाई और तिल के लड्डू बनाये गए हैं. इनमें खास है खोया का तिलकुट.
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शुभ काम की शुरुआत
इन अलग अलग खाने-पिने की चीजों में बेहतर स्वाद के लिए दुकानदारों ने बिहार के गया से कारीगरों को बुलाकर अपने दुकान में ही तिलकुट और लड्डू बनवाने का काम कर रहे है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खरवास खत्म हो जाता है और नया शुभ काम करने की शुरुआत होती है. इस दिन दान पुण्य कर लोग एक दूसरे को तिलकुट और लड्डू देकर आपसी प्रेम को बढ़ाते है.
अनाज की पूजा
बाजार से मकर संक्रांति की खरीददारी करने वाले लोगों ने इस पर्व को पुरानी परंपरा बताते हुए कहा है कि यह दिन खास होता है. नए अनाज की पूजा कर उससे बनने वाली चीजों को खाया जाता है. बाजार में सामान थोड़ा महंगा है, लेकिन खरीदना भी जरूरी है. राजेश तिवारी और उनकी पत्नी का कहना है कि अभी समय का अभाव है, जिसके कारण बाजार से लड्डू और तिलकुट खरीदना पड़ता है. पहले घरों में इन्हें बनाया जाता था अब कम घरों में बनाया जा रहा है.
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बेरोजगारी का असर
बेटी के साथ मकर संक्रांति की खरीददारी कर रही 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला पूजा देवी ने बताया कि इस पर्व का दिन शुभ होता है. मां बच्चों को तिल और लड्डू देती है, जिसका अलग महत्व होता है. वहीं, महिला की बेटी ने कहा कि मां जो सिखाती है वह उस परंपरा को मानते आ रहे है. वहीं, दुकानदारों का कहना है कि मकर संक्रांति के लिए पूरी तैयारी पहले से करना पड़ता है. बाजार ज्यादा महंगा नहीं है, लेकिन बिक्री कम है. उनका कहना है कि कई कंपनियों के बंद होने से बेरोजगारी का असर बाजार पर पड़ा है.
मकर संक्रांति के अवसर पर बाजार में सामानों का भाव
सामान | कीमत |
मालभोग चावल का चूड़ा | 90 रुपये किलो |
कतरनी चावल का चूड़ा | 70 रुपये किलो |
बासमती चावल का चूड़ा | 60 रुपये किलो |
सामान्य चूड़ा | 40 रुपये किलो |
गुड़ चूड़ा लड्डू | 100 रुपये किलो |
चीनी चूड़ा लड्डू | 150 रुपये किलो |
मुढ़ी लड्डू | 200 ग्राम 25 रुपये पैकेट |
बादामपट्टी | 160 रुपये किलो |
काला तिल लड्डू 200 | रुपये किलो |
सफेद तिल लड्डू | 200 रुपये किलो |
तिलपट्टी | 200 रुपये किलो |
रेवड़ी | 160 -200 रुपये किलो |
चीनी तिलकुट | 200-240 रुपये किलो |
गुड़ तिलकुट | 200-240 रुपये किलो |
स्पेशल खोया तिलकुट | 320 रुपये किलो |
गुड़ | 45-50 रुपये किलो |
खजूर गुड़ | 100-120 रुपये किलो |