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घाटशिलाः 4.5 करोड़ की लागत से बना यह अस्पताल, अब खुद इसे ट्रीटमेंट की है जरूरत - Ghatshila Hospital

पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ प्रखंड में साल 2007 में 100 बेड वाले अस्पताल का निर्माण किया गया था, जो अब खंडहर हो चुका है. लोगों का कहना है कि इलाज के लिए ग्रामीणों को घाटशिला से जमशेदपुर जाना पड़ता है. सरकार को तो शायद ध्यान भी नहीं है कि इस प्रकार का कोई अस्पताल भी बना है.

4.5 करोड़ की लागत से बना यह अस्पताल
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Published : Oct 8, 2019, 11:12 PM IST

Updated : Oct 9, 2019, 8:29 AM IST

घाटशिलाः साल 2007 में धालभूमगढ़ प्रखंड पर 100 बेड वाले आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गया था. जिसकी लागत करीब 4.5 करोड़ रुपए थी. इतनी लागत में भवन तो पूरा बन गया, लेकिन न तो अस्पताल में कोई सुविधा है और न ही इस अस्पताल के कर्मियों के लिए बनाए गए क्वार्टर में कोई रहता है.

देखें पूरी खबर

ग्रामीणों के इलाज में होती है परेशानी
हालात ये है कि अस्पताल भवन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. अस्पताल में लगे दरवाजे, खिड़कियां, पंखे, बेड सब खराब हो चुके हैं. कुछ सामान तो चोरी भी हो गए हैं. अस्पताल के किनारे झाड़ियों का घेरा बन चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद इस क्षेत्र में 100 बेड वाले अस्पताल का निर्माण किया गया था, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. लोगों को अब भी बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर जाना पड़ता है. ऐसे में इस अस्पताल के निर्माण का कोई मतलब नहीं रहा.

अस्पताल निर्माण के नाम पर घूसखोरी
लोगों का कहना है कि यह भवन कमीशनखोरी के लिए ही बनाया गया है. जिस जगह पर अस्पताल भवन का निर्माण किया गया वहां पानी की कोई सुविधा नहीं है. यहां न तो कुआं है और न ही निर्माण किया जा सकता है. पानी का जल स्तर भी यहां बहुत कम है. ऐसे में इस जगह पर अस्पताल का निर्माण सिर्फ पैसे को पानी की तरह बहाना था.

विधायक प्रदीप कुमार का क्या है कहना
वहीं, पूर्व विधायक प्रदीप कुमार बालमुचू से लोगों ने पूछा कि अस्पताल भवन उनके कार्यकाल के समय ही बना, तो उन्होंने बात को घूमाते हुए कहा कि अगर हमारी सरकार रहती तो शायद यह अस्पताल आज चालू रहता है, लेकिन भाजपा सरकार धालभूमगढ़ में बने बनाए अस्पताल को भी चालू नहीं कर पाई तो वह क्या झारखंड का विकास कर पाएगी.

विधायक लक्ष्मण टुडू का क्या है कहना
दूसरी ओर जब वर्तमान विधायक लक्ष्मण टुडू से पूछा गया कि धालभूमगढ़ का यह अस्पताल अब तक चालू क्यों नहीं हो पाया तो उन्होंने कहा कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार का कारनामा है. खाली कमीशन खोरी के लिए यह भवन बनाया गया था, लेकिन फिर भी हम अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हमने बात की है. हम अस्पताल को चालू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

घाटशिलाः साल 2007 में धालभूमगढ़ प्रखंड पर 100 बेड वाले आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गया था. जिसकी लागत करीब 4.5 करोड़ रुपए थी. इतनी लागत में भवन तो पूरा बन गया, लेकिन न तो अस्पताल में कोई सुविधा है और न ही इस अस्पताल के कर्मियों के लिए बनाए गए क्वार्टर में कोई रहता है.

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ग्रामीणों के इलाज में होती है परेशानी
हालात ये है कि अस्पताल भवन अब पूरी तरह जर्जर हो चुका है. अस्पताल में लगे दरवाजे, खिड़कियां, पंखे, बेड सब खराब हो चुके हैं. कुछ सामान तो चोरी भी हो गए हैं. अस्पताल के किनारे झाड़ियों का घेरा बन चुका है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद इस क्षेत्र में 100 बेड वाले अस्पताल का निर्माण किया गया था, लेकिन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. लोगों को अब भी बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर जाना पड़ता है. ऐसे में इस अस्पताल के निर्माण का कोई मतलब नहीं रहा.

अस्पताल निर्माण के नाम पर घूसखोरी
लोगों का कहना है कि यह भवन कमीशनखोरी के लिए ही बनाया गया है. जिस जगह पर अस्पताल भवन का निर्माण किया गया वहां पानी की कोई सुविधा नहीं है. यहां न तो कुआं है और न ही निर्माण किया जा सकता है. पानी का जल स्तर भी यहां बहुत कम है. ऐसे में इस जगह पर अस्पताल का निर्माण सिर्फ पैसे को पानी की तरह बहाना था.

विधायक प्रदीप कुमार का क्या है कहना
वहीं, पूर्व विधायक प्रदीप कुमार बालमुचू से लोगों ने पूछा कि अस्पताल भवन उनके कार्यकाल के समय ही बना, तो उन्होंने बात को घूमाते हुए कहा कि अगर हमारी सरकार रहती तो शायद यह अस्पताल आज चालू रहता है, लेकिन भाजपा सरकार धालभूमगढ़ में बने बनाए अस्पताल को भी चालू नहीं कर पाई तो वह क्या झारखंड का विकास कर पाएगी.

विधायक लक्ष्मण टुडू का क्या है कहना
दूसरी ओर जब वर्तमान विधायक लक्ष्मण टुडू से पूछा गया कि धालभूमगढ़ का यह अस्पताल अब तक चालू क्यों नहीं हो पाया तो उन्होंने कहा कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार का कारनामा है. खाली कमीशन खोरी के लिए यह भवन बनाया गया था, लेकिन फिर भी हम अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हमने बात की है. हम अस्पताल को चालू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

Intro:पूर्वी सिंहभूम/ घाटशिला

पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ प्रखंड में 2007 पर बने एक सौ बेड वाले अस्पताल अब खंडहर हो गई
दरअसल मामला इस प्रकार है 2007 में धालभूमगढ़ प्रखंड पर एक सौ बेड वाले आधुनिक अस्पताल का निर्माण किया गया जिसका लागत साढे चार करोड़ रुपए थी भवन तो पूरा बन गया लेकिन ना तो इसमें अस्पताल चलती है और ना ही इस अस्पताल पर बने अस्पताल कर्मियों के क्वार्टर ऑफ़ पर भी कोई नहीं रहता।
अस्पताल भवन अब पूरी तरह खंडार हो चुकी है इस पर लगे दरवाजे खिड़की पंखे बिजली के सामान कुछ सामानों को तोड़े गए और कुछ चोर ले गए या अस्पताल पूरी तरह से झाड़ियों से गिर गया हैBody:स्थानीय लोगों का कहना है कि हम लोगों को काफी उम्मीद थी इस क्षेत्र में एक सौ बेड वाले अस्पताल का निर्माण हो रहा है क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्र है यहां फोकस एरिया गुड़ाबांधा के लोग इलाज के लिए काफी सुविधा हो सकती थी परंतु या आशा हमारे धूल मिल गई अब भी हमें बेहतर इलाज के लिए जमशेदपुर जाना पड़ता अगर यह अस्पताल चालू होता तो आज हम जमशेदपुर नहीं जाते इलाज कराने
लोग कहते हैं कि यह भवन कमीशन खोरी के लिए ही बनाया गया है जिस जगह पर अस्पताल भवन का निर्माण किया गया वहां पानी की सुविधा नहीं है क्योंकि वह ना तो कुआं का निर्माण किया जा सकता है और ना ही डीप बोरिंग किया जा सकता है क्योंकि यहां की मिट्टी बहुत ही कमजोर है।Conclusion:पता होने के बावजूद इस अस्पताल भवन का निर्माण कर दिया लेकिन इतने भारी भरकम राशि का दुरुपयोग यह सोचने वाली बात है
जब हमने उस समय के विधायक प्रदीप कुमार बालमुचू से पूछा कि यह अस्पताल भवन आप के कार्यकाल के समय ही बना तो उसने कहा यदि हमारी सरकार रहती तो शायद यह अस्पताल आज चालू रहता है लेकिन भाजपा सरकार धालभूमगढ़ में एक बना बनाया अस्पताल भी चालू नहीं कर पाया और वह क्या झारखंड का विकास कर पाएगा।

फिर हमने वर्तमान विधायक लक्ष्मण टुडू से पूछा है की धालभूमगढ़ काया अस्पताल अब तक चालू क्यों नहीं हो पाया उसने साफ कहा कि यह घोटाला बाजो की सरकार का कारनामा है खाली कमीशन खोरी के लिए यह भवन बनाया गया था लेकिन फिर भी हम अपने स्तर से प्रयास कर रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री से भी इस मामले में हमने बात की है हम अस्पताल को चालू करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे
बाईट
1- लक्ष्मण टुडू , विधायक घाटशिला

2- रत्ना मिश्रा, ग्रामीण सह पंचायत समिति

3- प्रदीप कुमार बालमुचू, पूर्व विधायक घाटशिला

रिपोर्ट
कनाई राम हेंब्रम
घाटशिला
Last Updated : Oct 9, 2019, 8:29 AM IST
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