जमशेदपुरः शहर के सर्किट हाउस में रहने वाले इंजीनियर हंसरुप सेठी ने अपने घर के उपर छत में बिना मिट्टी की खेती की है. यहीं नहीं इस खेती में पानी की खपत भी काफी कम मात्रा में होती है. छत में करीब पांच सौ वर्गफीट में तैयार वे बिना मिट्टी के तीन विधि से सिर्फ स्ट्रॉबरी ही नही बल्कि शिमला मिर्च, बंद गोभी, पालक, टमाटर समेत कई सब्जियां उगा रहे हैं. इन सब्जियों के बाजार के लिए उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया है.
इसे भी पढ़ें- अलग अंदाज में कृषि मंत्रीः सब्जी बाजार में किसानों के बीच कृषि मंत्री, सबका लिया हाल-समाचार
नौकरी छोड़ की खेती
इंजीनियर की पढ़ाई कर कई कंपनियों में इंजीनियर रहे हंसरुप सेठी ने सभी जगह काम छोड़कर अपनी आईटी कंपनी बनाई. जब उससे भी दिल नहीं भरा तो उन्होंने कुछ अलग करने की चाह रखी. उसी के तहत उन्हें सोचा क्यों न खेती की जाए और वह भी कुछ नए तरीके से, तो बस उन्होंने इसके लिए पढ़ाई शुरु की. पढ़ाई खत्म होती उससे पहले कोविड के कारण लॉकडाउन लग गया और इससे बढ़िया मौका नहीं मिल सकता था. इसके बाद उन्होंने अपने घर की छत को इसके लिए चुना और खेती शुरू कर दी. वह तीन तरह से ड्रिप एरीगेशन के साथ कोको पिट, डीप वाटर कल्चर और न्यूट्रियेंट फिल्म तकनीक (एनएफटी) विधि से खेती कर रहे हैं.
दस प्रतिशत पानी खपत से बेहतर खेती
हंसरुप ने बताया कि इन विधियों से खेती करने से छत के ऊपर कम जगह पर बिना मिट्टी के मात्र दस प्रतिशत पानी खपत से बेहतर खेती की जा सकती है, इससे उपजाई जाने वाली फसल पूरी तरह से ऑर्गेनिक होती है. हंसरुप बताते हैं वे फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट में काम कर रहे हैं और कई लोग इस खेती के प्रशिक्षण के लिए उनके पास आते हैं.
पौधों को कीटाणू से दूर रखना जरूरी
हंसरुप के अनुसार हर मिट्टी में सभी पोषक त्तत्व पर्याप्त मात्रा में नहीं होते हैं. यही नहीं मिट्टी मे उपजाए जाने वाले फसल में काफी पानी बर्बाद होता है. इस प्रकार के ऑर्गेनिक खेती में किसी भी प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है. पौधों में कीटाणू को दूर रखने के लिए बेंकिग सोडा, नीम का तेल, लहसुन, छाछ और मिर्च पाउडर से जरुरी तत्व मिलाकर पौधों पर छिड़का जाता है. इस काम में हंसरुप के आईटी कंपनी में काम करने वाली दो महिला कर्मचारी उन्हें सहयोग करती हैं.