जमशेदपुर: झारखंड राज्य में नई शिक्षा नीति लागू करने की मांग को लेकर जमशेदपुर अभिभावक संघ ने गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के पास एक दिवसीय धरना दिया. इस दौरान अभिभावक संघ ने उपायुक्त के नाम एक ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन में कहा गया है कि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 12(1) (c) के प्रावधान में अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के झारखंड राज्य के निजी स्कूलों की प्रवेश कक्षा की आरक्षित सीट पर नामांकन शुरू हुए थे. इस प्रावधान के तहत स्कूलों में नामांकन प्राप्त बच्चों को कक्षा 8वीं तक नि:शुल्क शिक्षा पाने का अधिकार प्राप्त है. आरटीई अधिनियम के झारखंड राज्य में लागू होने के दौरान स्कूल में नामांकन प्राप्त बच्चे अब कक्षा 8वीं पास कर कक्षा 9वीं में आ चुके हैं और इन बच्चों से उनके प्रबंधन स्कूल फीस की मांग कर रहे हैं.
क्लास 8वीं पास कर 9वीं में आ चुके अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे फीस दे पाए. ऐसे में पैसे के अभाव में इन बच्चों की शिक्षा अधर में लटकती हुई नजर आ रही है.
नई नीति के तहत 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा का अधिकार: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को भारत सरकार ने पूरे देश में लागू कर दिया है. लेकिन, इस कानून का लाभ झारखंड राज्य में बच्चों को मिलता नजर नहीं आ रहा है. क्योंकि इस कानून के कंडिका 8-8 के प्रावधान में अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा पाने के अधिकार दिए गए हैं.
जमशेदपुर अभिभावक संघ ने मांग की है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को झारखंड राज्य में लागू की जाए ताकि उस कानून का लाभ लें. अभिवंचित और कमजोर वर्ग के बच्चे नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर निर्बाध रूप 12वीं तक अपनी शिक्षा पूरी कर सकें.