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बीमार अस्पताल: घाटशिला कुपोषण केंद्र में 5 साल से नहीं है डॉक्टर, एएनएम करती हैं इलाज

2014 से घाटशिला कुपोषण उपचार केंद्र में कुपोषण विशेषज्ञ नहीं है. बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के ही कुपोषित बच्चे का इलाज किया जाता है. इलाज का पूरा भार अनुबंध पर बहाल किए गए चार एएनएम पर है. घाटशिला अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी शंकर टुडू का कहना है कि डॉक्टरों को तो पदस्थापित किया जाता है, लेकिन योगदान देने डॉक्टर अस्पताल नहीं आते हैं.

घाटशिला कुपोषण केंद्र
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Published : Aug 31, 2019, 3:13 PM IST

घाटशिला: पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में झारखंड राज्य का पहला कुपोषण उपचार केंद्र 2007 में खोला गया था. इस कुपोषण उपचार केंद्र के खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी थी कि अब उन्हें निजी नर्सिंग होम की तरफ नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन तक नहीं रही.

देखें पूरी खबर
दरअसल, 2014 से घाटशिला कुपोषण उपचार केंद्र में विशेषज्ञ नहीं हैं. बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के ही कुपोषण बच्चे का इलाज किया जाता है. इलाज का पूरा भार अनुबंध पर बहाल किए हुए चार एएनएम पर है. ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने बताया कि कुपोषित बच्चे का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए, लेकिन पिछले कई सालों से यह कार्य वह कर रहीं हैं. एएनएम ने कहा कि घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ. शंकर टुडू भी कुपोषित बच्चे का इलाज करते हैं. वहीं, आम लोगों का कहना है कि झारखंड का पहला कुपोषण उपचार केंद्र से उन्हें काफी उम्मीदें थी, लेकिन इसमें डॉक्टर नहीं होने के कारण ग्रामीणों का विश्वास कुपोषण उपचार केंद्र से घटते जा रहा है.

ये भी पढ़ें: कई बड़े बैंकों के विलय का एलान, जानें कहां होंगे बदलाव
घाटशिला अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी शंकर टुडू का कहना है कि डॉक्टरों को तो पदस्थापित किया जाता है, लेकिन योगदान देने डॉक्टर अस्पताल नहीं आते हैं. इस बार भी एक डॉक्टर का पदस्थापन किया गया है, लेकिन अभी तक योगदान देने नहीं आए.

घाटशिला: पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में झारखंड राज्य का पहला कुपोषण उपचार केंद्र 2007 में खोला गया था. इस कुपोषण उपचार केंद्र के खुलने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी थी कि अब उन्हें निजी नर्सिंग होम की तरफ नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन तक नहीं रही.

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दरअसल, 2014 से घाटशिला कुपोषण उपचार केंद्र में विशेषज्ञ नहीं हैं. बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के ही कुपोषण बच्चे का इलाज किया जाता है. इलाज का पूरा भार अनुबंध पर बहाल किए हुए चार एएनएम पर है. ड्यूटी पर तैनात एएनएम ने बताया कि कुपोषित बच्चे का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए, लेकिन पिछले कई सालों से यह कार्य वह कर रहीं हैं. एएनएम ने कहा कि घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ. शंकर टुडू भी कुपोषित बच्चे का इलाज करते हैं. वहीं, आम लोगों का कहना है कि झारखंड का पहला कुपोषण उपचार केंद्र से उन्हें काफी उम्मीदें थी, लेकिन इसमें डॉक्टर नहीं होने के कारण ग्रामीणों का विश्वास कुपोषण उपचार केंद्र से घटते जा रहा है.

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घाटशिला अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी शंकर टुडू का कहना है कि डॉक्टरों को तो पदस्थापित किया जाता है, लेकिन योगदान देने डॉक्टर अस्पताल नहीं आते हैं. इस बार भी एक डॉक्टर का पदस्थापन किया गया है, लेकिन अभी तक योगदान देने नहीं आए.

Intro:पूर्वी सिंहभूम /घाटशिला

पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में झारखंड राज्य का पहला कुपोषण उपचार केंद्र 2007 में खोला गया था इश्क पोषण उपचार केंद्र के खोलने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह हुआ कि अब हमें निजी नर्सिंग होम के तरफ नहीं जाना पड़ेगा लेकिन यह खुशियां ज्यादा दिन तक नहीं रही।
दरअसल 2014 से घाटशिला कुपोषण उपचार केंद्र में बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के ही कुपोषण बच्चे का इलाज किया जाता है। इलाज का सारा भार अनुबंध पर बहाल किए हुए 4 (ANM)ए एन एम करती है उसमें से एक एनएम कुछ ही दिनों की मेहमान है फिर उसके बाद बच जाएगी 3ए एन एम
ड्यूटी पर तैनात ANM ने बताया कि कुपोषण बच्चे का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए
लेकिन पिछले कई वर्षों से यह कार्य हम लोग करते आ रहे हैं बखूबी उसका यह भी कहना है कि घाटशिला अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी डॉ शंकर टुडू ही कुपोषण बच्चे का इलाज करते हैं।Body:लोगों का कहना है कि झारखंड का पहला कुपोषण उपचार केंद्र इतने उम्मीदों के साथ बनाया गया था लेकिन इसमें डॉक्टर नहीं होने के कारण ग्रामीणों का विश्वास कुपोषण उपचार केंद्र से घटती जा रही हैं पहले के मुकाबले अभी कम बच्चे आने लगे हैं
घाटशिला अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी शंकर टूडु का कहना है डॉक्टरों को तो पदस्थापित किया जाता है परंतु योगदान देने अस्पताल पर नहीं आते हैं इस बार भी एक डॉक्टर का पदस्थ अपना किया गया है लेकिन अभी तक योगदान देने नहीं आएConclusion:यही हाल पूर्वी सिंहभूम के जमशेदपुर कुपोषण उपचार केंद्र का भी है वहां भी कोई विशेषज्ञ डॉक्टर पदस्थापित नहीं किया गया है काम चलाओ डॉक्टरों के द्वारा ही कुपोषित बच्चों का इलाज किया जाता है

बाईट
1- तापस चटर्जी ,नेता कांग्रेस
2- ANM, रिंकू मुखर्जी
3- अनुमंडल चिकित्सा प्रभारी, डॉ शंकर टुडू


रिपोर्ट
कनाई राम हेंब्रम(कन्हैया हेंब्रम)
घाटशिला
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