जमशेदपुर : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने चक्रधरपुर के हिंदूवादी नेता और गिरिराज सेना के संरक्षक कमल देव गिरी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग (Demand CBI Inquiry Of Kamaldev Giri Murder Case) की है. इस बाबत पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर घटना की विस्तृत जानकारी दी है.
कमलदेव गिरी हत्या की हो सीबीआई जांचः भेजे गए पत्र में उन्होंने (Former Chief Minister Raghuvar Das)कमल देव गिरी की हत्या की जांच सीबीआई से कराने और इस जघन्य हत्या में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीप दंड विधान की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्रवाई करने की मांग की है.
कमलदेव गिरी की लोकप्रियता एक समुदाय को बर्दाश्त नहीं हो रही थीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजे गए पत्र में उन्होंने बताया कि कमलदेव गिरी युवा हिन्दूवादी नेता चक्रधरपुर के रहने वाले थे. वे अपने क्षेत्र में समाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यों में काफी रुचि लेते थे. चक्रधरपुर के सभी लोगों का जुड़ाव इनसे रहा है. कमलदेव गिरी का क्षेत्र से लगाव और लोकप्रियता एक समुदाय को बर्दाश्त नहीं हो रही थी. वे लोग इन्हें अपने अवैध और असंवैधानिक गतिविधियों के मार्ग में रोड़ा समझते थे.
12 नवंबर को हुई थी कमलदेव गिरी की हत्याः कमलदेव गिरी को रास्ते से हटाने के लिए इनकी 12 नवंबर शनिवार शाम बोतल बम मारकर हत्या कर दी गई, जब वे चक्रधरपुर में भारतीय जनता पार्टी के वरीय पदाधिकारियों से मुलाकात कर वापस घर लौट रहे थे. कमलदेव गिरी की हत्या के बाद पूरे चक्रधरपुर समेत आसपास के जिलों में काफी आक्रोश है. राज्य के उभरते नेता की सरेआम हत्या से लोग काफी दुखी हैं.
हत्या के विरोध में 15 नवंबर को चक्रधरपुर बंद का व्यापक दिखा थाः कमलदेव गिरी की हत्या के विरोध में 15 नवंबर को चक्रधरपुर बंद का व्यापक असर रहा. इनकी हत्या करने वालों के द्वारा चक्रधरपुर में डर का माहौल कायम किया जा रहा है. पुलिस इनकी हत्या में शामिल अपराधियों को अब तक चिह्नित कर गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.
अज्ञात अपराधियों ने दी थी कमलदेव गिरी को जान से मारने की धमकीः आगे उन्होंने लिखा कि कमलदेव गिरी एक सामाजिक, धार्मिक युवा हिन्दूवादी नेता थे. इन्हें हत्या के 15 दिन पूर्व फोन पर अज्ञात अपराधियों द्वारा जान से मारने की धमकी दी गई थी. जिसकी सूचना उन्होंने संबंधित थाने, एसपी और डीसी को देकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा मांगी थी. कमलदेव गिरी के इन तथ्यों को पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशील होकर संज्ञान में ले लिया गया होता तो उनकी हत्या नहीं होती.
सरकार और पुलिस मामले में मूकदर्शक बन कर बैठी हैः पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वर्तमान सरकार को आड़े हाथों लेते हुए लिखा कि कमलदेव गिरी के हत्यारे की अभी तक पहचान कर गिरफ्तारी नहीं होना राज्य की सत्तारूढ़ सरकार द्वारा संरक्षण और मिलीभगत परिलक्षित होती है. कमलदेव गिरी की हत्या की जितनी भी भर्त्सना की जाए कम है. कमलदेव गिरी की हत्या में भाड़े के दुर्दांत अपराधियों का सहयोग लेने की भी आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. पुलिस ऐसी घटनाओं के मामले में मूकदर्शक बन बैठी है.