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जमशेदपुर: स्कूल फीस माफी नहीं करने वालों पर कार्रवाई की मांग, उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन

जमशेदपुर जिले में शुक्रवार को सामाजिक सांस्कृतिक संस्था कल्याण एक कदम मानवता की ओर से उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया है. ज्ञापन में बताया गया है कि सरकार के आदेश के बाद भी कई निजी स्कूल फीस को लेकर अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं. वहीं एसे निजी स्कूलों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाए, नहीं तो उपायुक्त कार्यालय के समीप धरना दिया जाएगा.

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उपायुक्त को सौंपा गया ज्ञापन
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Published : Jul 17, 2020, 5:21 PM IST

जमशेदपुर: शहर की सामाजिक सांस्कृतिक संस्था कल्याण एक कदम मानवता ने जिले के उपायुक्त सुरज कुमार को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि सरकार के आदेश के बाद भी शहर की किसी भी निजी स्कूलों ने अपने फीस को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है. इस कारण अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं.


अभिभावकों पर फीस के लिए बनाया जा रहा दबाव
यही नहीं कई स्कूलों की तरफ से इस वैश्विक संकट में भी अभिभावकों को फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जिसके कारण अभिभावक मानसिक रूप से परेशान हैं. अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग मेंटेनेंस चार्ज, लाइब्रेरी चार्ज, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, लैब चार्ज सहित अन्य चार युग के नाम पर पैसे जमा करने के लिए अभिभावकों को मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है.


इसे भी पढ़ें-जमशेदपुरः क्वार्टर नम्बर-65 को लेकर पूर्व सिविल सर्जन संदेह के घेरे में, लग रहे ये आरोप

निजी स्कूलों को चिन्हित कर करें कार्रवाई
कोविड-19 के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं और खाने में परेशानी होने लगी है, तो इस वक्त अभिभावक फीस कैसे जमा करेंगे. जबकि सरकार की तरफ से इस मामले में साफ तौर पर कह दिया गया है कि निजी स्कूल प्रबंधन सिर्फ अभिभावकों से ट्यूशन फीस ले, लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन एसएमएस भेज कर फिस की मांग कर रहे है. इसलिए जिले के उपायुक्त मामले को गंभीरता पूर्वक समझते हुए उन सभी निजी स्कूलों पर चिन्हित कर कार्रवाई करें. नहीं तो संस्था की तरफ से इसके विरोध में जिले के उपायुक्त कार्यालय के समीप अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

जमशेदपुर: शहर की सामाजिक सांस्कृतिक संस्था कल्याण एक कदम मानवता ने जिले के उपायुक्त सुरज कुमार को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि सरकार के आदेश के बाद भी शहर की किसी भी निजी स्कूलों ने अपने फीस को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है. इस कारण अभिभावक असमंजस की स्थिति में हैं.


अभिभावकों पर फीस के लिए बनाया जा रहा दबाव
यही नहीं कई स्कूलों की तरफ से इस वैश्विक संकट में भी अभिभावकों को फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जिसके कारण अभिभावक मानसिक रूप से परेशान हैं. अभिभावकों को ट्यूशन फीस के अलावा बिल्डिंग मेंटेनेंस चार्ज, लाइब्रेरी चार्ज, ट्रांसपोर्टेशन चार्ज, लैब चार्ज सहित अन्य चार युग के नाम पर पैसे जमा करने के लिए अभिभावकों को मानसिक रूप से दबाव बनाया जा रहा है.


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निजी स्कूलों को चिन्हित कर करें कार्रवाई
कोविड-19 के कारण कई लोग बेरोजगार हो गए हैं और खाने में परेशानी होने लगी है, तो इस वक्त अभिभावक फीस कैसे जमा करेंगे. जबकि सरकार की तरफ से इस मामले में साफ तौर पर कह दिया गया है कि निजी स्कूल प्रबंधन सिर्फ अभिभावकों से ट्यूशन फीस ले, लेकिन इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन एसएमएस भेज कर फिस की मांग कर रहे है. इसलिए जिले के उपायुक्त मामले को गंभीरता पूर्वक समझते हुए उन सभी निजी स्कूलों पर चिन्हित कर कार्रवाई करें. नहीं तो संस्था की तरफ से इसके विरोध में जिले के उपायुक्त कार्यालय के समीप अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

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