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सरकारी शराब दुकान से शराब पीने वाले मायूस, महंगे दामों पर खरीद रहे हैं मनचाहा ब्रांड - Ghatshila News

झारखंड में सरकार की ओर से अलग-अलग जिलों में विदेशी शराब दुकानों के संचालन के बाद पूर्वी सिंघभूम में शराब के शौकीन मायूस हैं. उन्हें पसंद के ब्रांड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. ऐसे में अवैध शराब कोरोबारी, खरीदारों को कुछ ऊंची कीमत पर उनके पसंद की शराब उपलब्ध करा रहे हैं. हालंकि सरकारी आंकड़े कुछ और ही कहते हैं.

government liquor shop in Ghatshila
government liquor shop in Ghatshila
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Published : Jun 4, 2022, 1:33 PM IST

घाटशिला: झारखंड में विदेशी शराब दुकानों का संचालन राज्य सरकार की ओर से किए जाने के बाद से शराब दुकानों की सूरत बदल गई है. इससे पहले जब टैंडर के माध्यम से शराब दुकानों का संचालन निजी स्तर पर संवेदकों के माध्यम से किया जाता था, उस दौरान शराब दुकानों में हर ब्रांड की विस्की, रम और बीयर लोगों को उनके पसंद के अनुरूप मिलती थी लेकिन, अब पूर्वी सिंहभूम जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में शराब की दुकानों से लोगों को उनके पसंद के ब्रांड की शराब नहीं मिल रही है.

इसे भी पढ़ें: पलामू में एक दशक में 10 गुणा बढ़ गई शराब की खपत, एक वर्ष में 15 लाख लीटर पी गये बीयर

सरकारी आंकड़ों के दावे: झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग (Jharkhand Government Excise Department) ने हाल ही में यह आंकड़ा प्रस्तुत किया था कि राज्य में सरकारी स्तर पर विदेशी शराब दुकानों के संचालन से विभाग को पहले की अपेक्षा बेहतर लाभ प्राप्त हुआ है, जबकि जमीनी स्तर पर देखें तो पूर्वी सिंहभूम के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित दुकानों में केवल कुछ ब्रांड की ही विदेशी शराब उपलब्ध हैं. इससे शराब के शौकीन लोगों को उनके पसंद की शराब की बोतल और बीयर सरकारी दुकानों से उपलब्ध नहीं हो पा रही है. सरकार की इस व्यवस्था से वे मायूस हैं. सरकारी विदेशी शराब दुकान में विभागीय स्तर पर तैनात किए गए कर्मी ग्राहकों को उनकी डिमांड के ब्रांड की शराब की बोतल उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. पूरे मई माह प्रचंड गर्मी में भी सरकारी विदेशी शराब के काउंटरों से लोगों को चील्ड बीयर भी प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि गर्मी के दिनों में चील्ड बीयर के डिमांड वाइन की तुलना में ज्यादा रहती है.

अवैध शराब कोरोबारियों की चांदी: जानकारी के अनुसार, सरकारी अंग्रेजी शराब दुकानों की तुलना में क्षेत्र में संचालित अवैध विदेशी शराब विक्रय केंद्रों के संचालक बाजार डिमांड के अनुरूप ब्रांड की बीयर और वाइन की बोतल खरीदारों को कुछ ऊंची कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं. वे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और ओडिशा से आसान तरीके से बाजार डिमांड के ब्रांड की बीयर और वाइन प्राप्त कर उसे अपनी पसंद की कीमत में बेचकर लाभ कमा रहे हैं. जिस दिन सरकारी काउंटर की शराब दुकान बंद रहती है, उन दिनों अवैध शराब के कारोबारी की चांदी हो रही है.

घाटशिला: झारखंड में विदेशी शराब दुकानों का संचालन राज्य सरकार की ओर से किए जाने के बाद से शराब दुकानों की सूरत बदल गई है. इससे पहले जब टैंडर के माध्यम से शराब दुकानों का संचालन निजी स्तर पर संवेदकों के माध्यम से किया जाता था, उस दौरान शराब दुकानों में हर ब्रांड की विस्की, रम और बीयर लोगों को उनके पसंद के अनुरूप मिलती थी लेकिन, अब पूर्वी सिंहभूम जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में शराब की दुकानों से लोगों को उनके पसंद के ब्रांड की शराब नहीं मिल रही है.

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सरकारी आंकड़ों के दावे: झारखंड सरकार के उत्पाद विभाग (Jharkhand Government Excise Department) ने हाल ही में यह आंकड़ा प्रस्तुत किया था कि राज्य में सरकारी स्तर पर विदेशी शराब दुकानों के संचालन से विभाग को पहले की अपेक्षा बेहतर लाभ प्राप्त हुआ है, जबकि जमीनी स्तर पर देखें तो पूर्वी सिंहभूम के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में संचालित दुकानों में केवल कुछ ब्रांड की ही विदेशी शराब उपलब्ध हैं. इससे शराब के शौकीन लोगों को उनके पसंद की शराब की बोतल और बीयर सरकारी दुकानों से उपलब्ध नहीं हो पा रही है. सरकार की इस व्यवस्था से वे मायूस हैं. सरकारी विदेशी शराब दुकान में विभागीय स्तर पर तैनात किए गए कर्मी ग्राहकों को उनकी डिमांड के ब्रांड की शराब की बोतल उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. पूरे मई माह प्रचंड गर्मी में भी सरकारी विदेशी शराब के काउंटरों से लोगों को चील्ड बीयर भी प्राप्त नहीं हुए हैं, जबकि गर्मी के दिनों में चील्ड बीयर के डिमांड वाइन की तुलना में ज्यादा रहती है.

अवैध शराब कोरोबारियों की चांदी: जानकारी के अनुसार, सरकारी अंग्रेजी शराब दुकानों की तुलना में क्षेत्र में संचालित अवैध विदेशी शराब विक्रय केंद्रों के संचालक बाजार डिमांड के अनुरूप ब्रांड की बीयर और वाइन की बोतल खरीदारों को कुछ ऊंची कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं. वे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और ओडिशा से आसान तरीके से बाजार डिमांड के ब्रांड की बीयर और वाइन प्राप्त कर उसे अपनी पसंद की कीमत में बेचकर लाभ कमा रहे हैं. जिस दिन सरकारी काउंटर की शराब दुकान बंद रहती है, उन दिनों अवैध शराब के कारोबारी की चांदी हो रही है.

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