जमशेदपुरः शहर के मुखी समाज के कर्मचारियों के मुताबिक टाटा स्टील की अनुषांगिक ईकाई जुस्को प्रबंधन लगातार साफ-सफाई के क्षेत्र में कार्य करने वाले मुखी समाज के कर्मचारियों को 26 दिनों के काम से वंचित किया जा रहा है. 26 दिनों के काम के बजाय केवल आठ से दस दिनों का कार्य जुस्को प्रबंधन के द्वारा दिया जा रहा है. यहीं नहीं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न डिपो से मुखी समाज की महिलाओं को कार्य से हटाया जा रहा है, जिसके कारण कामगार के परिवार भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. इसी को लेकर मुखी समाज के बैनर तले सैंकड़ों की संख्या में सफाई कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया.
भुखमरी के कगार पर कर्मचारी
मुखी समाज के प्रतिनिधि सुरेश मुखी ने कहा पूर्व में कंपनी प्रबंधन को 15 दिनों के अंदर सफाई कर्मियों को तत्काल कार्य से वापस देने और कर्मचारियों को 26 दिनों का कार्य देने की मांग की गई थी, लेकिन दलित समाज की समस्या का निराकरण नहीं किया गया. इसके साथ ही समाज के प्रतिनिधि से प्रबंधन के द्वारा कोई वार्तालाप नहीं की गई, जहां एक तरफ कर्मचारी भुखमरी के कगार पर खड़े हैं. वहीं जुस्को के द्वारा जबरन घर का किराया और बिजली का भुगतान करने की मांग करना प्रबंधन का अमानवीय चेहरा और कार्य पद्धति को दर्शाता है.
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कोरोना काल में काम में काफी कमी
मुखी समाज के लोगों का कहना है कि महीने में कम से कम 20 दिन कर्मचारियों को काम दिया जाना चाहिए. वहीं, इस मामले में जुस्को प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने किसी को कार्य से नहीं हटाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में काम में काफी कमी आ गई है और काम का अभाव हो गया है. बावजूद इसके बारी-बारी से सभी को महीने में लगभग 18 दिनों का कार्य दिया जा रहा है और आगे चलकर जब स्तिथि सामान्य हो जाएगी तब फिर से सभी को पहले की तरह काम दिया जाएगा.