जमशेदपुर: कोरोना महामारी से लोग ही प्रभावित नहीं हुए हैं, इसके कारण लगे लॉकडाउन और प्रतिबंधों का व्यवसायियों पर भी गहरा असर पड़ा है. जमशेदपुर के पोल्ट्री व्यवसाय का भी हाल भी इससे जुदा नहीं है. संक्रमण से पहले जहां ये उद्योग काफी खबू फल फूल रहे थे और हजारों लोग इस व्यवसाय से अपनी आजीविका चला रहे थे, लेकिन इन दिनों इस व्यवसाय का बुरा हाल है.
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मुर्गा खाने से कोरोना होने की अफवाह ने तोड़ दी कमर
पोल्ट्री फार्म संचालकों की मानें तो कोरोना के कारण जिले में चिकन की बिक्री में अभूतपूर्व कमी आई है. शहर में एक दिन में जहां 20 टन से ज्यादा मुर्गे की ब्रिकी होती थी, वहीं अब घटकर 10 टन के करीब रह गया है. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि तकरीबन आधी संख्या में लोगों ने चिकन से मुंह मोड़ लिया है. एस पोल्ट्री फार्म संचालक के मुताबिक लॉकडॉउन से असर तो पड़ा ही था, रही सही कसर मुर्गा खाने से कोरोना होने की अफवाह ने पूरी कर दी.
पोल्ट्री फार्म भी घटे
कोरोना के कारण जिले में पोल्ट्री फार्म की संख्या में भी कमी आई है. पहले जहां एक हजार से ज्यादा पोल्ट्री फार्म थे वहीं अब ये संख्या लगभग 800 के आसपास पहुंच गई है. छोटे हो या बड़े या खुदरा सभी व्यवसायियों के यहां मुर्गे की बिक्री में कमी आई है. कोरोना से पहले जिस छोटे पोल्ट्री फार्म की बिक्री 3 क्विंटल रोजाना थी, वही घटकर अब 75 किलो तक पहुंच गई है. रिटेलरों की बिक्री भी 1 क्विवंटल से घटकर 50 किलो तक पहुंच गई है. चिकन के खुदरा व्यवसायी भी अब दिन में मात्र 35 किलो चिकन ही बेच पा रहे हैं.
मुर्गा नहीं अंडा खा रहे हैं लोग
लोग अब सस्ता होने की वजह से अंडा खाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. यही वजह है कि चिकन व्यवसाय से जुडे़ लोग आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं. पोल्ट्री फार्म संचालकों के मुताबिक लॉकडाउन में काम धंधा बंद होने के कारण लोगों के पास पैसे की कमी हुई है, ऐसे में कारोबार बंद होने के कगार पर है.