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CM In Jamshedpur: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमशेदपुर में अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक, कहा- योजनाओं के कार्यों में गति लाएं - झारखंड न्यूज

सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विकास कार्यों को गति देने के प्रति काफी गंभीर दिख रहे हैं. जमशेदपुर में समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि समय बहुत कम है और काम हमें ज्यादा करना है. इसलिए अधिकारी पूरी तन्मयता के साथ विकास कार्यों को गति देने में जुट जाएं. उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Chief Minister Reviewed Schemes In Jamshedpur
Chief Minister During Meeting In Jamshedpur
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Published : Jan 31, 2023, 9:00 PM IST

जमशेदपुर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते कहा कि वक्त काफी कम है और काम करना ज्यादा है. इसलिए अधिकारियों को तेज गति से कार्य करना होगा. उन्होंने कहा है कि अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में हमने सिर्फ "खेल" खेला है, गोल नहीं कर पाए हैं. इन वर्षों में राज्य में 24 घंटे बिजली, पानी की सुविधा, सिंचाई की समुचित व्यवस्था, रूरल कनेक्टिविटी, सड़कों की बेहतर व्यवस्था हो जानी चाहिए थी, ताकि झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता था, लेकिन चिंता की बात है कि हकीकत में हम कहीं नहीं हैं.

ये भी पढे़ं-Khatiyani Johar Yatra: जो खतियान की बात करेगा, वो झारखंड में राज करेगाः हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कार्यों और दायित्वों को निभाने को कहा. उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. जनता की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनें और उसका समाधान करें. इसमें जो अधिकारी लापरवाही और ढिलाई बरतेंगे उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि अभी जिला स्तर पर समीक्षा हो रही है. बहुत जल्द और आक्रमक तरीके से योजनाओं की जमीनी हकीकत को जानने के लिए आएंगे. अधिकारी पूरी तरह तैयार रहें.

योजनाओं पर निवेश का डेटाबेस नहीं होना चिंता की बात: मुख्यमंत्री ने योजनाओं के निवेश पर डेटाबेस नहीं होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार विभिन्न योजनाओं पर हर साल बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है, लेकिन चिंता इस बात की है कि योजनाओं पर लाखों- करोड़ों रुपए निवेश होने के बाद भी उसका कोई डेटाबेस नहीं है. इस कारण योजनाओं की क्या हकीकत है इसकी भी सही से जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे में हम कैसे आगे बढ़ेंगे. अधिकारी इसे गंभीरता से लें, ताकि योजनाओं पर निवेश का सकारात्मक परिणाम मिल सके.

अधिकारी योजना बताएं, जो पूरे देश के लिए आदर्श बने: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप कोई भी ऐसी योजना बताएं जिसमें हमने बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है और जिसे पूरे देश के स्तर पर आदर्श के रूप में स्वीकार किया गया हो और किसी भी राज्य ने उसे अपनाया हो. लेकिन, चिंता की बात है कि इस मामले में हम काफी पीछे हैं. इसे हमें समझना होगा. हम अपनी योजनाओं को इतना सफल बनाएं कि एक मिसाल के रूप में देश के सामने रख सकें.

विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं, आउटपुट मिलना चाहिए: मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन योजनाओं पर जो निवेश कर रहे हैं उसका आउटपुट नहीं मिल रहा है. इसकी वजह व्यवस्था में खामी है. तमाम अधिकारी योजनाबद्ध तरीके और ठोस निर्णय के साथ विकास से जुड़ी योजनाओं को लागू करें.

योजनाएं लटकाएंगे तो बाद में और परेशानियां बढ़ेंगी: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश किया कि किसी भी योजना को लेकर कन्फ्यूजन नहीं हो. भ्रम की वजह से योजनाएं बंद बस्ते में नहीं डाली जानी चाहिए, उसका समाधान निकालें. क्योंकि योजनाओं को लंबित रखने से भविष्य में और परेशानियां बढ़ेंगी.

जितने गांव-पंचायत हैं, उससे कई गुना ज्यादा हैं अधिकारी-कर्मचारी: मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों जिलों में जितने गांव-पंचायत हैं उससे कई गुना ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी हैं. इसके बाद भी जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाना थोड़ी चिंता की बात है. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं हैं. अधिकारी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का लाभ लोगों को देने में पूरी जिम्मेदारी निभाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना और किसानों को मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना का लाभ देने की दिशा में तेज गति से कार्य करें.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश: मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से लाभान्वित होने वालों का हर छह माह में सर्वे हो. साथ ही लाभुकों को अच्छी नस्ल के पशु दिए जाएं और इसकी पूरी जानकारी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड हो, विद्यार्थियों को शिक्षा से संबंधित ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दें, ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद किसानों को बैंकों से केसीसी ऋण उपलब्ध कराएं, जिला स्तर पर सभी योजनाओं की हर माह समीक्षा करें और दिए गए लक्ष्य को हासिल करें, स्कूलों से ड्रॉपआउट बच्चियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़कर फिर से विद्यालयों में नामांकन कराएं, पूर्वी सिंहभूम जिले में अभियान चलाकर बुजुर्गों को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा जाए और इसके लिए विशेष टीम का गठन हो, लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि परिवार में अपने वृद्धों को लोग निराश्रित कर रहें हैं. ऐसे मामलों में एसडीओ कोर्ट कार्रवाई करें. इसके साथ लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए, भूमि से संबंधित वादों के शीघ्र निष्पादन के लिए सभी संबंधित पदाधिकारी नियमित रूप से राजस्व न्यायालय लगाएं

भूमि संरक्षण पदाधिकारी को शो-कॉज करने का निर्देशः जमशेदपुर में डीप बोरिंग को लेकर लंबे समय से भुगतान से संबंधित मामलों का निष्पादन नहीं होने पर सरायकेला खरसावां जिला के भूमि संरक्षण पदाधिकारी (अतिरिक्त प्रभार पूर्वी सिंहभूम) विजय कुजुर को शो-कॉज करने का निर्देश, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी रोकने के लिए संबंधित पदाधिकारी मुख्यालय के पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्रवाई करें.

जनप्रतिनिधियों ने जन समस्याओं से कराया अवगत: इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र के जनसमस्याओं सड़क जाम, अतिक्रमण, बिजली, पानी, सड़क से संबंधित मुद्दों से सीएम और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

बैठक में ये थे मौजूद: समीक्षा बैठक में मंत्री चम्पई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बन्ना गुप्ता, जमशेदपुर(पूर्वी) के विधायक सरयू राय, घाटशिला के विधायक राम दास सोरेन, ईचागढ़ के विधायक सविता महतो, पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, खरसावां विधायक दशरथ गगराई, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव कृपानंद झा, आईजी अमोल होमकर, डीआईजी कोल्हान अजय लिंडा, सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं दोनों जिलों के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

जमशेदपुर: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को जमशेदपुर में पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला खरसावां जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की. बैठक में उन्होंने अधिकारियों को नसीहत देते कहा कि वक्त काफी कम है और काम करना ज्यादा है. इसलिए अधिकारियों को तेज गति से कार्य करना होगा. उन्होंने कहा है कि अलग राज्य गठन के बाद पिछले 20 वर्षों में हमने सिर्फ "खेल" खेला है, गोल नहीं कर पाए हैं. इन वर्षों में राज्य में 24 घंटे बिजली, पानी की सुविधा, सिंचाई की समुचित व्यवस्था, रूरल कनेक्टिविटी, सड़कों की बेहतर व्यवस्था हो जानी चाहिए थी, ताकि झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाया जा सकता था, लेकिन चिंता की बात है कि हकीकत में हम कहीं नहीं हैं.

ये भी पढे़ं-Khatiyani Johar Yatra: जो खतियान की बात करेगा, वो झारखंड में राज करेगाः हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री ने इस दौरान अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कार्यों और दायित्वों को निभाने को कहा. उन्होंने अधिकारियों से स्पष्ट कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में कोई कोताही नहीं बरती जानी चाहिए. जनता की समस्याओं को पूरी संवेदनशीलता के साथ सुनें और उसका समाधान करें. इसमें जो अधिकारी लापरवाही और ढिलाई बरतेंगे उनके खिलाफ सरकार कठोर कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगी. उन्होंने कहा कि अभी जिला स्तर पर समीक्षा हो रही है. बहुत जल्द और आक्रमक तरीके से योजनाओं की जमीनी हकीकत को जानने के लिए आएंगे. अधिकारी पूरी तरह तैयार रहें.

योजनाओं पर निवेश का डेटाबेस नहीं होना चिंता की बात: मुख्यमंत्री ने योजनाओं के निवेश पर डेटाबेस नहीं होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि सरकार विभिन्न योजनाओं पर हर साल बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च करती है, लेकिन चिंता इस बात की है कि योजनाओं पर लाखों- करोड़ों रुपए निवेश होने के बाद भी उसका कोई डेटाबेस नहीं है. इस कारण योजनाओं की क्या हकीकत है इसकी भी सही से जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे में हम कैसे आगे बढ़ेंगे. अधिकारी इसे गंभीरता से लें, ताकि योजनाओं पर निवेश का सकारात्मक परिणाम मिल सके.

अधिकारी योजना बताएं, जो पूरे देश के लिए आदर्श बने: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आप कोई भी ऐसी योजना बताएं जिसमें हमने बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है और जिसे पूरे देश के स्तर पर आदर्श के रूप में स्वीकार किया गया हो और किसी भी राज्य ने उसे अपनाया हो. लेकिन, चिंता की बात है कि इस मामले में हम काफी पीछे हैं. इसे हमें समझना होगा. हम अपनी योजनाओं को इतना सफल बनाएं कि एक मिसाल के रूप में देश के सामने रख सकें.

विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं, आउटपुट मिलना चाहिए: मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य के लिए सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन योजनाओं पर जो निवेश कर रहे हैं उसका आउटपुट नहीं मिल रहा है. इसकी वजह व्यवस्था में खामी है. तमाम अधिकारी योजनाबद्ध तरीके और ठोस निर्णय के साथ विकास से जुड़ी योजनाओं को लागू करें.

योजनाएं लटकाएंगे तो बाद में और परेशानियां बढ़ेंगी: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश किया कि किसी भी योजना को लेकर कन्फ्यूजन नहीं हो. भ्रम की वजह से योजनाएं बंद बस्ते में नहीं डाली जानी चाहिए, उसका समाधान निकालें. क्योंकि योजनाओं को लंबित रखने से भविष्य में और परेशानियां बढ़ेंगी.

जितने गांव-पंचायत हैं, उससे कई गुना ज्यादा हैं अधिकारी-कर्मचारी: मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों जिलों में जितने गांव-पंचायत हैं उससे कई गुना ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी हैं. इसके बाद भी जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाना थोड़ी चिंता की बात है. सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं हैं. अधिकारी सामाजिक सुरक्षा से संबंधित योजनाओं का लाभ लोगों को देने में पूरी जिम्मेदारी निभाएं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति योजना और किसानों को मुख्यमंत्री सूखा राहत योजना का लाभ देने की दिशा में तेज गति से कार्य करें.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश: मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से लाभान्वित होने वालों का हर छह माह में सर्वे हो. साथ ही लाभुकों को अच्छी नस्ल के पशु दिए जाएं और इसकी पूरी जानकारी सरकारी वेबसाइट पर अपलोड हो, विद्यार्थियों को शिक्षा से संबंधित ऋण उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दें, ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद किसानों को बैंकों से केसीसी ऋण उपलब्ध कराएं, जिला स्तर पर सभी योजनाओं की हर माह समीक्षा करें और दिए गए लक्ष्य को हासिल करें, स्कूलों से ड्रॉपआउट बच्चियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़कर फिर से विद्यालयों में नामांकन कराएं, पूर्वी सिंहभूम जिले में अभियान चलाकर बुजुर्गों को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ा जाए और इसके लिए विशेष टीम का गठन हो, लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि परिवार में अपने वृद्धों को लोग निराश्रित कर रहें हैं. ऐसे मामलों में एसडीओ कोर्ट कार्रवाई करें. इसके साथ लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाए, भूमि से संबंधित वादों के शीघ्र निष्पादन के लिए सभी संबंधित पदाधिकारी नियमित रूप से राजस्व न्यायालय लगाएं

भूमि संरक्षण पदाधिकारी को शो-कॉज करने का निर्देशः जमशेदपुर में डीप बोरिंग को लेकर लंबे समय से भुगतान से संबंधित मामलों का निष्पादन नहीं होने पर सरायकेला खरसावां जिला के भूमि संरक्षण पदाधिकारी (अतिरिक्त प्रभार पूर्वी सिंहभूम) विजय कुजुर को शो-कॉज करने का निर्देश, मादक पदार्थों की अवैध तस्करी रोकने के लिए संबंधित पदाधिकारी मुख्यालय के पदाधिकारियों से समन्वय बनाकर कार्रवाई करें.

जनप्रतिनिधियों ने जन समस्याओं से कराया अवगत: इस दौरान कई जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र के जनसमस्याओं सड़क जाम, अतिक्रमण, बिजली, पानी, सड़क से संबंधित मुद्दों से सीएम और उच्च अधिकारियों को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने इसे लेकर अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.

बैठक में ये थे मौजूद: समीक्षा बैठक में मंत्री चम्पई सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, मंत्री बन्ना गुप्ता, जमशेदपुर(पूर्वी) के विधायक सरयू राय, घाटशिला के विधायक राम दास सोरेन, ईचागढ़ के विधायक सविता महतो, पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी, खरसावां विधायक दशरथ गगराई, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, डीजीपी नीरज सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव कृपानंद झा, आईजी अमोल होमकर, डीआईजी कोल्हान अजय लिंडा, सरायकेला खरसावां और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक एवं दोनों जिलों के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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