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मांदर की थाप पर झूमे आदिवासी, चंपई सोरेन भी हुए शामिल - झारखंड न्यूज

जमशेदपुर में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया. प्रकृति के इस पर्व में जमशेदपुर से जेएमएम प्रत्याशी और विधायक चंपई सोरेन भी शामिल हुए.

जमशेदपुर में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया.
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Published : Apr 8, 2019, 11:48 PM IST

जमशेदपुरः प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी समाज ने सरहुल महोत्सव धूमधाम से मनाया, शोभायात्रा भी निकाली गई. सरहुल महोत्सव में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से जेएमएम प्रत्याशी चंपई सोरेन भी शामिल हुए. उन्होंने सरहुल को आपसी एकता और भाई चारे का पर्व बताया.

जमशेदपुर में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया.

आदिवासी समाज की पुरानी सभ्यता संस्कृति की शोभायात्रा में चंपई सोरेन शामिल हुए. उनके साथ उनके समर्थक मौजूद रहे. मौके पर चंपई सोरेन ने कहा कि ये आदिवासी समाज का महान पर्व है. हम प्रकृति की पूजा करते हैं. सरहुल आपसी भाईचारा और एकता को बढ़ाने का संदेश देता है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में मौसम का बदला मिजाज, तेज हवाओं के साथ गिरे ओले, किसानों को भारी नुकसान

मौके पर आदिवासी महिलाएं और पुरुष अपने पारंपरिक परिधान में सरहुल के शोभायात्रा में शामिल हुए. गौरतलब है कि प्रकृति की पूजा करने वाला आदिवासी समाज फाल्गुन महीने के बाद नए फूल की पूजा करते है. जिसमें सखुआ और महुआ के फूल की विशेष पूजा की जाती है. साल वृक्ष के पास पूजा की जाती है.

जमशेदपुरः प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी समाज ने सरहुल महोत्सव धूमधाम से मनाया, शोभायात्रा भी निकाली गई. सरहुल महोत्सव में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से जेएमएम प्रत्याशी चंपई सोरेन भी शामिल हुए. उन्होंने सरहुल को आपसी एकता और भाई चारे का पर्व बताया.

जमशेदपुर में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया.

आदिवासी समाज की पुरानी सभ्यता संस्कृति की शोभायात्रा में चंपई सोरेन शामिल हुए. उनके साथ उनके समर्थक मौजूद रहे. मौके पर चंपई सोरेन ने कहा कि ये आदिवासी समाज का महान पर्व है. हम प्रकृति की पूजा करते हैं. सरहुल आपसी भाईचारा और एकता को बढ़ाने का संदेश देता है.

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मौके पर आदिवासी महिलाएं और पुरुष अपने पारंपरिक परिधान में सरहुल के शोभायात्रा में शामिल हुए. गौरतलब है कि प्रकृति की पूजा करने वाला आदिवासी समाज फाल्गुन महीने के बाद नए फूल की पूजा करते है. जिसमें सखुआ और महुआ के फूल की विशेष पूजा की जाती है. साल वृक्ष के पास पूजा की जाती है.

Intro:Jamshedpur
Jitendra kumar
9431301511

जमशेदपुर ।

प्रकृति की पूजा करने वाले आदिवासी समाज ने मांदर की थाप पर झूमते हुए शोभायात्रा निकालकर सरहुल महोत्सव मनाया है ।सरहुल महोत्सव में जमशेदपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले जेएमएम प्रत्यासी चम्पई सोरेन भी शामिल हुए और कहा यह पर्व आपसी एकता और भाई चारा को बढ़ाता है ।



Body:आदिवासी समाज का महान पर्व सरहुल जमशेदपुर शहर में धूमधाम से मनाया गया इस मौके पर विभिन्न क्षेत्र से महिलाएं और पुरुष अपने पारंपरिक परिधान में सरहुल के शोभायात्रा में शामिल हुए । सरहुल की शोभायात्रा में जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले जेएमएम प्रत्याशी चंपई सोरेन भी शामिल हुए।

गौरतलब है कि प्रकृति की पूजा करने वाला आदिवासी समाज फाल्गुन महीने के बाद नए फूल की पूजा करते है जिसमे सखुआ और महुआ के फूल की विशेष पूजा की जाती है ।साल वृक्ष के पास और जाहेर स्थान में पूजा करते है ।
यह पुरानी मान्यता है कि फूल से फल बनता है जो प्रकृति का विशेष देंन है और पुराने जमाने मे जंगलो में रहने वाले कन्दमूल खाकर अपना पेट भरते थे और तब से यह नए फूल के आने से खुशी में सरहुल मनाते है ।
जमशेदपुर में सरहुल की शोभायात्रा में मांदर ढोल बजाते नज़र आये वही महिलाये अपनी भाषा मे सरहुल के गीत गाकर शोभायात्रा का शोभा बढ़ा रही थी ।
आदिवासी समाज की अपनी पुरानी सभ्यता संस्कृति कि शोभायात्रा में चंपई सोरेन भी शामिल हुए और उनके साथ उनके समर्थक भी थे मौके पर चंपई सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज का यह महान पर्व है हम प्रकृति की पूजा करते हैं और सरहुल आपसी भाईचारा और एकता को बढ़ाने का संदेश देता है


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