जमशेदपुरः शहर में सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में देश में मजदूरों की और उद्योगों के वर्तमान हालात पर चर्चा करते हुए केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीति के खिलाफ कई प्रस्ताव पारित किए गए. इंटक के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष ने बताया है कि आगामी 26 नवंबर को देश की सभी ग्यारह ट्रेड यूनियन ने संयुक्त रुप से मिलकर देशव्यापी आम हड़ताल का निर्णय लिया है.
केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में बदलाव
बैठक के दौरान केंद्र सरकार की ओर से श्रम कानून में बदलाव किए जाने के अलावा उद्योगों के निजीकरण के खिलाफ चर्चा की गई है. निर्णय लिया गया कि देश की वर्तमान हालात पर केंद्र सरकार के इस निर्णय के खिलाफ संयुक्त रुप से आंदोलन करने की जरूरत है. बैठक में राज्य के 980 ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के मामले पर भी चर्चा हुई. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय मजदूर संघ की ओर से 16 अक्टूबर तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जिसके तहत सभी मजदूरों को और उद्यमियों को जागरूक किया जाएगा. 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र भी सौंपा जाएगा.
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980 ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन
झारखंड के इंटर प्रदेश अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने बताया है कि झारखंड में एक दशक के बाद सभी केंद्रीय ट्रेड यूनियन एक साथ मंच पर आई है. यह मजदूर आंदोलन के लिए सकारात्मक संकेत है. उन्होंने बताया है बिहार सरकार के कार्यकाल में 980 ट्रेड यूनियन का रजिस्ट्रेशन हुआ था. झारखंड बनने के बाद सभी ट्रेड यूनियन अपना वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट झारखंड सरकार को जमा करते आ रही है. इसके बावजूद बिहार सरकार बिना सूचना दिए सभी ट्रेड यूनियनों की मान्यता रद्द कर दी है, जिसे लेकर वर्तमान झारखंड के मुख्यमंत्री से वार्ता की गई है.
वर्तमान सरकार से उम्मीद
राकेश्वर पांडे ने बताया कि इसके पूर्व की सरकार को भी कई बार कहा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में वर्तमान सरकार से उम्मीद है कि झारखंड के सभी ट्रेड यूनियनों को मान्यता दी जाएगी. इसके साथ ही कहा कि जिस प्रकार वर्तमान में मजदूर वर्ग पर हमला बढ़ा है, उसका संयुक्त रूप से विरोध श्रमिक आंदोलन के जरिए ही किया जा सकता है. इसके तहत आगामी 26 नवंबर को देश की सभी ट्रेड यूनियन ने मिलकर देशव्यापी आम हड़ताल करने का निर्णय लिया है.