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नन्हें साइंटिस्ट...सरकारी स्कूल के बच्चों ने बनाया सेंसर बेल्ट, छेड़खानी रोकने में करेगा मदद

जमशेदपुर के टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के 10वीं के बच्चों ने कमाल कर दिया है. बच्चों ने एक ऐसा बेल्ट बनाया है जो न सिर्फ फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में मदद करेगा, बल्कि छात्राओं से छेड़खानी की घटना में भी अलर्ट कर देगा. बेल्ट को और अपग्रेड किया जा रहा है और इसमें जीपीएस सिस्टम लगाकर थाने से भी जोड़ने की प्लानिंग है.

Censor belt to prevent physical distancing
टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के बच्चों ने बनाया सेंसर बेल्ट
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Published : Mar 22, 2021, 9:13 PM IST

Updated : Mar 23, 2021, 2:52 PM IST

जमशेदपुर: कहते हैं सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती...बस कुछ कर गुजरने का जुनून होना चाहिए. ऐसा ही कुछ अलग कर दिखाया है झारखंड के टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के 10वीं के बच्चों ने. दरअसल, जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में हर रोज बातें करते हैं. सरकार इसे पालन करने की अपील करती है लेकिन ज्यादातर लोग मानते नहीं. ऐसे मुश्किल समय में टाटा यूनियन स्कूल के बच्चों ने एक ऐसा डिवाइस ईजाद कर दी है जो न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में मदद करेगा बल्कि छात्राओं से छेड़खानी की घटना में भी अलर्ट कर देगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: नक्सलियों के गढ़ में केसर के नाम पर क्या उपजा रहे किसान, कृषि विभाग करेगा जांच

बेल्ट में जीपीएस सिस्टम लगाकर थाने से जोड़ने की प्लानिंग

साइंस की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा ने बताया कि कोरोना की वजह से आठ महीने बाद स्कूल खुला. क्लास के दौरान बच्चों से फिजिकल डिस्टेंसिंग की चुनौतियों पर चर्चा हुई. छात्रों ने इस पर सुझाव दिए और इसी आधार पर प्रयोग शुरू हुआ. कुछ ही दिनों में एक ऐसा बेल्ट बनाया जिसकी मदद से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आसानी से कराया जा सकता है. इसे अब अपग्रेड किया जा रहा है ताकि छेड़खानी जैसी घटना में भी बेल्ट काम आ सके. इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगाया जाएगा और इसे थाने से भी जोड़ने की योजना है.

Censor belt to prevent physical distancing
बेल्ट में लगा है यूआर सेंसर.

किसी के पास आते ही बेल्ट से निकलेगी आवाज

इस सेंसर बेल्ट को 10वीं की छात्रा हेमा घोष,अरूण कार्य, सीमा मिश्रा, अरूण चंद्रा और विशाल देव ने मिलकर बनाया है. इसे बनाने में 700 रुपए का खर्च आया है. सीमा ने बताया कि यह बेल्ट यूआर सेंसर का उपयोग कर बनाया गया है. एक मीटर के अंदर संपर्क में आने पर मीटर की किरण रिफ्लेक्ट हो जाती है. कोई पास आता है तो मशीन से बीप साउंड निकलने लगेगा और इससे लोग अलर्ट हो जाएंगे. यह बेल्ट शारीरिक दूरी बनाए रखने में काफी मददगार होगा.

Censor belt to prevent physical distancing
टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के 10वीं के बच्चों ने किया कमाल.

बच्चों का प्रयास काबिले तारीफ

नन्हें साइंटिस्ट के इस ईजाद से स्कूल की प्रिंसिंपल काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि बच्चे हर रोज नए प्रयोग करते हैं और इसी क्रम में उन्होंने सेंसर बेल्ट बना डाला. बच्चों ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ है. ऐसे बच्चों को स्कूल में हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है. सरकारी स्कूल के इन बच्चों ने कमाल कर दिखाया. ऐसे बच्चों की काबिलियत पर हमें नाज है और फक्र भी होता है.

Censor belt to prevent physical distancing
सोशल डिस्टेंसिंग और छेड़खानी रोकने में मदद करेगा सेंसर बेल्ट.

जमशेदपुर: कहते हैं सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती...बस कुछ कर गुजरने का जुनून होना चाहिए. ऐसा ही कुछ अलग कर दिखाया है झारखंड के टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के 10वीं के बच्चों ने. दरअसल, जब से कोरोना शुरू हुआ है तब से सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में हर रोज बातें करते हैं. सरकार इसे पालन करने की अपील करती है लेकिन ज्यादातर लोग मानते नहीं. ऐसे मुश्किल समय में टाटा यूनियन स्कूल के बच्चों ने एक ऐसा डिवाइस ईजाद कर दी है जो न सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में मदद करेगा बल्कि छात्राओं से छेड़खानी की घटना में भी अलर्ट कर देगा.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

यह भी पढ़ें: नक्सलियों के गढ़ में केसर के नाम पर क्या उपजा रहे किसान, कृषि विभाग करेगा जांच

बेल्ट में जीपीएस सिस्टम लगाकर थाने से जोड़ने की प्लानिंग

साइंस की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा ने बताया कि कोरोना की वजह से आठ महीने बाद स्कूल खुला. क्लास के दौरान बच्चों से फिजिकल डिस्टेंसिंग की चुनौतियों पर चर्चा हुई. छात्रों ने इस पर सुझाव दिए और इसी आधार पर प्रयोग शुरू हुआ. कुछ ही दिनों में एक ऐसा बेल्ट बनाया जिसकी मदद से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन आसानी से कराया जा सकता है. इसे अब अपग्रेड किया जा रहा है ताकि छेड़खानी जैसी घटना में भी बेल्ट काम आ सके. इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगाया जाएगा और इसे थाने से भी जोड़ने की योजना है.

Censor belt to prevent physical distancing
बेल्ट में लगा है यूआर सेंसर.

किसी के पास आते ही बेल्ट से निकलेगी आवाज

इस सेंसर बेल्ट को 10वीं की छात्रा हेमा घोष,अरूण कार्य, सीमा मिश्रा, अरूण चंद्रा और विशाल देव ने मिलकर बनाया है. इसे बनाने में 700 रुपए का खर्च आया है. सीमा ने बताया कि यह बेल्ट यूआर सेंसर का उपयोग कर बनाया गया है. एक मीटर के अंदर संपर्क में आने पर मीटर की किरण रिफ्लेक्ट हो जाती है. कोई पास आता है तो मशीन से बीप साउंड निकलने लगेगा और इससे लोग अलर्ट हो जाएंगे. यह बेल्ट शारीरिक दूरी बनाए रखने में काफी मददगार होगा.

Censor belt to prevent physical distancing
टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के 10वीं के बच्चों ने किया कमाल.

बच्चों का प्रयास काबिले तारीफ

नन्हें साइंटिस्ट के इस ईजाद से स्कूल की प्रिंसिंपल काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि बच्चे हर रोज नए प्रयोग करते हैं और इसी क्रम में उन्होंने सेंसर बेल्ट बना डाला. बच्चों ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ है. ऐसे बच्चों को स्कूल में हमेशा प्रोत्साहित किया जाता है. सरकारी स्कूल के इन बच्चों ने कमाल कर दिखाया. ऐसे बच्चों की काबिलियत पर हमें नाज है और फक्र भी होता है.

Censor belt to prevent physical distancing
सोशल डिस्टेंसिंग और छेड़खानी रोकने में मदद करेगा सेंसर बेल्ट.
Last Updated : Mar 23, 2021, 2:52 PM IST
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