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जमशेदपुर: पारंपरिक खेती छोड़ किसान ने उगाए ब्रोकली, अन्य किसानों की टिकी निगाहें

जमशेदपुर के पटमदा क्षेत्र में किसान रंजीत ब्रोकली ने पहली बार ब्रोकली की खेती की है, जिसका पहला उपज बेहतर हुआ है. ब्रोकली आसानी ने बाजारों में नहीं मिलता है. यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. इसे लेकर किसानों में काफी उत्साह भी है.

Broccoli farming is being done first time in Jamshedpur
जमशेदपुर में पहली बार ब्रोकली की खेती
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Published : Jan 26, 2020, 7:13 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 11:53 PM IST

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला का पटमदा क्षेत्र खेती बहुल इलाका है. वहां के किसान पहली बार ब्रोकली की खेती कर रहे हैं, जिसे हरा गोभी कहा जाता है. बड़े शहरों में महंगी कीमत पर बिकने वाले ब्रोकली की खेती से पटमदा के किसानों को उम्मीदें भी हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

जमशेदपुर से 40 किलोमीटर दूर पटमदा प्रखंड का घोड़ा बाधा गांव है, जहां के जोड़सा पंचायत में एक किसान ने ब्रोकली की खेती की है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना बन गया है. जोड़सा पंचायत में 15 साल से खेती करने वाले रंजीत गोराई ने पहली बार प्रशासन की पहल पर ब्रोकली की खेती की है. लीज पर लिए गए डेढ़ एकड़ जमीन पर रंजीत ने ब्रोकली की उपज के लिए कड़ी मेहनत की है. इसके पहले रंजीत गोराई ने अपने खेत में टमाटर और अन्य हरी सब्जियों की खेती करते थे.

इसे भी पढ़ें:- अकरम का अभियानः 400 किमी साइकिल यात्रा कर CAA हिंसा के खिलाफ देंगे शांति का पैगाम

ब्रोकली की अच्छी उपज से किसानों में खुशी

रंजीत गोराई के खेत में हरा भरा ब्रोकली की अच्छी उपज हुई है और उसे सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने अपने खेत के चारों तरफ जाली लगाकर घेराबंदी कर दी है, जिससे पशुओं से फसल को बचाया जा सके. ब्रोकली की पहली उपज को देखकर रंजीत गोराई काफी उत्साहित हैं. वह बताते हैं कि पहली बार उन्हें ब्रोकली के बारे में बताया गया और वह उसकी खेती कर रहे हैं.

ब्रोकली स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

पटमदा में ब्रोकली की खेती पहली बार की जा रही है. रंजीत गोराई ने बताया कि खेती के दौरान उन्हें पता चला कि ब्रोकली से शरीर को कई फायदे भी हैं, कई बीमारियों के लिए लाभदायक भी है. ब्रोकली की फसल से उन्हें उम्मीद है की इससे फायदा होगा अगर बाजार अच्छा मिला तो आने वाले दिनों में वो ब्रोकली की ही खेती करेंगे. रंजीत गोराई ने बताया कि वह ब्रोकली के सही उत्पादन के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें:- देवघर की दो सगी बहनों ने झारखंड का बढ़ाया मान, खेलो इंडिया यूथ गेम्स में जीता रजत और कांस्य पदक

ब्रोकली की खेती झारखंड में कम होती है अन्य शहरों के कुछ ही दुकानों में ब्रोकली उपलब्ध रहता है. कम जगहों पर उत्पादन होने के कारण ब्रोकली बाहर से मंगाया जाता है. आम सब्जियों की अपेक्षा ब्रोकली में कई ऐसे गुण हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है, जिसके कारण यह महंगा होता है. पटमदा में ब्रोकली की खेती को देखकर दूसरे किसान भी अब इस उम्मीद पर हैं कि इसका बाजार अच्छा रहा तो वह भी इसी की खेती करेंगे.

पटमदा है खेती बहुल इलाका

पटमदा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य ने बताया कि पटमदा खेती बहुल इलाका है और वहां जलवायु को देखते हुए पहली बार ब्रोकली की खेती के लिए पहल की गई है. उन्होंने बताया कि उत्पादन बेहतर होने पर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, बाजारों में ब्रोकली का ज्यादा डिमांड है यह कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है.

जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला का पटमदा क्षेत्र खेती बहुल इलाका है. वहां के किसान पहली बार ब्रोकली की खेती कर रहे हैं, जिसे हरा गोभी कहा जाता है. बड़े शहरों में महंगी कीमत पर बिकने वाले ब्रोकली की खेती से पटमदा के किसानों को उम्मीदें भी हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

जमशेदपुर से 40 किलोमीटर दूर पटमदा प्रखंड का घोड़ा बाधा गांव है, जहां के जोड़सा पंचायत में एक किसान ने ब्रोकली की खेती की है, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना बन गया है. जोड़सा पंचायत में 15 साल से खेती करने वाले रंजीत गोराई ने पहली बार प्रशासन की पहल पर ब्रोकली की खेती की है. लीज पर लिए गए डेढ़ एकड़ जमीन पर रंजीत ने ब्रोकली की उपज के लिए कड़ी मेहनत की है. इसके पहले रंजीत गोराई ने अपने खेत में टमाटर और अन्य हरी सब्जियों की खेती करते थे.

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ब्रोकली की अच्छी उपज से किसानों में खुशी

रंजीत गोराई के खेत में हरा भरा ब्रोकली की अच्छी उपज हुई है और उसे सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने अपने खेत के चारों तरफ जाली लगाकर घेराबंदी कर दी है, जिससे पशुओं से फसल को बचाया जा सके. ब्रोकली की पहली उपज को देखकर रंजीत गोराई काफी उत्साहित हैं. वह बताते हैं कि पहली बार उन्हें ब्रोकली के बारे में बताया गया और वह उसकी खेती कर रहे हैं.

ब्रोकली स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

पटमदा में ब्रोकली की खेती पहली बार की जा रही है. रंजीत गोराई ने बताया कि खेती के दौरान उन्हें पता चला कि ब्रोकली से शरीर को कई फायदे भी हैं, कई बीमारियों के लिए लाभदायक भी है. ब्रोकली की फसल से उन्हें उम्मीद है की इससे फायदा होगा अगर बाजार अच्छा मिला तो आने वाले दिनों में वो ब्रोकली की ही खेती करेंगे. रंजीत गोराई ने बताया कि वह ब्रोकली के सही उत्पादन के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं.

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ब्रोकली की खेती झारखंड में कम होती है अन्य शहरों के कुछ ही दुकानों में ब्रोकली उपलब्ध रहता है. कम जगहों पर उत्पादन होने के कारण ब्रोकली बाहर से मंगाया जाता है. आम सब्जियों की अपेक्षा ब्रोकली में कई ऐसे गुण हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है, जिसके कारण यह महंगा होता है. पटमदा में ब्रोकली की खेती को देखकर दूसरे किसान भी अब इस उम्मीद पर हैं कि इसका बाजार अच्छा रहा तो वह भी इसी की खेती करेंगे.

पटमदा है खेती बहुल इलाका

पटमदा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी शंकराचार्य ने बताया कि पटमदा खेती बहुल इलाका है और वहां जलवायु को देखते हुए पहली बार ब्रोकली की खेती के लिए पहल की गई है. उन्होंने बताया कि उत्पादन बेहतर होने पर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा, बाजारों में ब्रोकली का ज्यादा डिमांड है यह कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है.

Intro:जमशेदपुर।


पूर्वी सिंहभूम जिला के खेती बहुल इलाका पटमदा क्षेत्र के किसान पहली बार ब्रोकली की खेती कर रहे है।जिसे हरा गोभी कहा जाता है ।बड़े शहरों में महंगी कीमत में बिकने वाला ब्रोकली की खेती से पटमदा के किसानों के उम्मीदे भी है।वही पटमदा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि पटमदा की मिट्टी और जलवायु को देखते हुए किसानों को ब्रोकली की खेती के लिए जागरूक किया गया है फसल अच्छी होने पर किसानों को लाभ होगा ।


Body:जमशेदपुर से 40 किलोमीटर दूर पटमदा प्रखंड के घोड़ा बाधा गांव के जोड़सा पंचायत में एक किसान द्वारा ब्रोकली की खेती किए जाने से आसपास क्षेत्र के किसानों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जोड़सा पंचायत में 15 साल से खेती करने वाले रंजीत गोराई पहली बार प्रशासन की पहल पर अपने खेत मे ब्रोकली की खेती की है । लीज पर लिए गए डेढ़ एकड़ जमीन पर रंजीत गोराई ब्रोकली की उपज को बेहतर करने के लिए खेत में लगातार मेहनत कर रहे है।इससे पूर्व रंजीत गोराई अपने खेत मे टमाटर और अन्य हरी सब्जियां उपजाया करते थे।
रंजीत गोराई के खेत में हरा भरा ब्रोकली की अच्छी उपज हुई है और उसे सुरक्षित रखने के लिए रंजीत गोराई ने अपने खेत के चारों तरफ जाली लगाकर घेराबंदी कर दी है जिससे पशुओं से ब्रोकली को बचाया जा सके । ब्रोकली की पहली उपज को देखकर किसान रंजीत गोराई काफी उत्साहित भी है वह बताते हैं कि पहली बार उन्हें ब्रोकली के बारे में बताया गया और वह उसकी खेती कर रहे हैं पहले ब्रोकली के बारे में सुना करते थे यह बहुत महंगा सब्जी होता है लेकिन ब्रोकली को हम हरा गोभी भी कहते हैं पटमदा में यह पहली बार उपजाया जाया जा रहा है ।खेती के दौरान उन्हें पता चला कि कि ब्रोकली से शरीर को कई फायदे भी हैं कई बीमारियों के लिए लाभदायक भी है । ब्रोकली की फसल से उन्हें उम्मीद है की इससे फायदा होगा अगर बाजार अच्छा मिला तो आने वाले दिनों में ब्रोकली की ही खेती करेंगे । किसान रंजीत गोराई ने बताया कि वह ब्रोकली के सही उत्पादन के लिए जैविक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं ।
बाईट रंजीत गोराई ब्रोकली की खेती करने वाला किसान।

गौरतलब है कि ब्रोकली जिसे हरा गोभी कहा जाता है यह बड़े शहरों में महंगी कीमत पर मिलता है।अन्य शहरों में कुछ ही दुकानों में ब्रोकली उपलब्ध रहता है ।कम जगहों पर उत्पादन होने के कारण ब्रोकली बाहर से मंगाया जाता है आम सब्जियों की अपेक्षा ब्रोकली ब्रोकली में कई ऐसे गुण हैं जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है जिसके कारण यह महंगा होता है।बाजार में कहीं भी उप्लब्ध होने पर लोग इसे खरीदने से नहीं चूकते। अन्य सब्जियों की तरह बड़े तादाद में नही मिलता है ।

पटमदा में ब्रोकली की खेती को देखकर दूसरे किसान भी अब इस उम्मीद पर है कि इसका बाजार अच्छा रहा तो वह भी ब्रोकली की खेती करेंगे और महंगे दरों में बिकने वाला ब्रोकली लोगों को अब कम कीमत पर आसानी से मिल जाएगा ।
बाईट अजित गोराई किसान ।

बाज़ार में ब्रोकली हरा गोभी खरीदने वाले बताते है कि यह बहुत कम बाज़ार में उपलब्ध होता है और मंहगा होता है इसके खाने से शरीर को काफी लाभ है अब पटमदा में इसकी खेती होने से आसानी से मिलने की सम्भावना है।
बाईट भावेश कुमार ग्राहक


Conclusion:पटमदा प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि पटमदा खेती बहुल इलाका है और वहां की मिट्टी है जलवायु को देखते हुए आप पहली बार ब्रोकली की खेती के लिए पहल की गई है उत्पादन बेहतर होने पर किसानों को बाजार उपलब्ध कराया जाएगा उन्होंने बताया कि बाजार में ब्रोकली का ज्यादा डिमांड है यह कई औषधीय गुणों से भरा हुआ है । ब्रोकली के उत्पादन से किसानों को लाभ होगा पूरा भरोसा है और उत्पादन को गांव से सटे आसपास के इलाकों में बाजार भी मुहैया कराई जाएगी।
बाईट शंकराचार्य प्रखंड विकास पदाधिकारी पटमदा

बहरहाल महंगी कीमत पर आज चुनिंदा जगहों पर मिलने वाला ब्रोकली का उत्पादन पटमदा क्षेत्र में होने से किसानों को लाभ तो होगा ही छोटे बाजार में भी ब्रोकली आसानी से उपलब्ध होगा।जिसका स्वाद सब ले सकेंगे ।
जितेंद्र कुमार ईटीवी भारत जमशेदपुर
Last Updated : Jan 26, 2020, 11:53 PM IST
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