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BJP ने साधा हेमंत सरकार पर निशाना, कहा- किसानों पर तानाशाही कर रही सरकार - झारखंड में 15 फरवरी तक धान खरीदी जाएगी

झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से जारी नमी वाले धान नहीं खरीदने के निर्देश का बीजेपी ने जमकर विरोध किया है और इस निर्देश को किसानों पर तानाशाही और अविवेकपूर्ण करार दिया है.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी
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Published : Dec 3, 2020, 9:04 PM IST

जमशेदपुर: झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से जारी नमी वाले धान नहीं खरीदने के निर्देश के बाद से सूबे में राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है. उनके इस इस निर्देश पर बीजेपी ने भी जमकर निशाना साधा है.

जानकारी देते बीजेपी के प्रदेश

किसानों पर तानाशाही

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस निर्देश को किसानों पर तानाशाही और अविवेकपूर्ण करार दिया है. कहा कि राज्य में कांग्रेस की कृपा से झामुमो सरकार चला पा रही है, यह साफ दिख रहा है. कैबिनेट मंत्रियों के बीच समन्वय का घोर अभाव है, उनके अलग-अलग निर्देशों से महसूस किया जा सकता है.

मंत्रियों के बीच समन्वय का अभाव

भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कांग्रेस के एजेंडे के आगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आंदोलन से उपजी झामुमो नतमस्तक हो चुकी है. धान खरीददारी को लेकर कृषि मंत्री और खाद्य आपूर्ति मंत्री के अलग-अलग मत हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कहतें है कि सरकार धान खरीदने के लिए तैयार हैं, वहीं खाद्य आपूर्ति मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि गीले धान की खरीद पर रोक लगाई जाए. यह सरकार के मंत्रियों और महत्वपूर्ण विभागों के बीच मतांतर और समन्वय के अभाव को दर्शाता है.

किसान आंदोलन को समर्थन

भाजपा ने सीएम हेमंत सोरेन को 'मजबूर मुख्यमंत्री' की संज्ञा देते हुए किसान हितों में अविलंब मजबूत फैसले लेने का आग्रह किया है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार से सवाल किया है कि क्या राज्य सरकार किसानों की फसल इंवेट्री और तैयार फसल को सुरक्षित रखने के लिए वित्तीय सहयोग देगी या नहीं? भाजपा ने राज्य की महागठबंधन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यूपीए घटक दल केंद्र सरकार के कृषि बिल का विरोध कर रही है और झारखंड सरकार ने किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है.

ये भी पढ़ें: लालू प्रसाद जेल में होंगे शिफ्ट या रिम्स में कराएंगे इलाज, हाई कोर्ट में फैसला कल

एमएसपी भुगतान करने के नियम लागू

भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा की किसानों को ऐसे ही उपेक्षाओं और बदइंतजामी से बचाने के निमित्त ही मोदी सरकार ने कृषि बिल में ठोस प्रावधान किये हैं, जिसके विरुद्ध कांग्रेस और झामुमो सरीखी पार्टियां किसानों को दिग्भ्रमित और गुमराह कर रही है. भाजपा ने मांग किया कि मुख्यमंत्री अविलंब मामले में हस्तक्षेप करते हुए कैबिनेट मंत्रियों के मध्य समन्वय स्थापित करें और केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार झारखंड में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भुगतान करने के नियम लागू करें.

किसानों की स्थिति चिंताजनक

कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा में महागठबंधन सरकार को बीते विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से फसल खरीदने का वादा था. लेकिन अब उन्हें मात्र 1,868 रुपये भुगतान करने की दर निर्धारित की गई है. यह किसानों के संग धोखा है. किसानों को उनके हक अधिकारों से अभी वंचित रखने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है, जो चिंताजनक है.

जमशेदपुर: झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव की ओर से जारी नमी वाले धान नहीं खरीदने के निर्देश के बाद से सूबे में राजनीतिक गहमागहमी तेज हो गई है. उनके इस इस निर्देश पर बीजेपी ने भी जमकर निशाना साधा है.

जानकारी देते बीजेपी के प्रदेश

किसानों पर तानाशाही

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने इस निर्देश को किसानों पर तानाशाही और अविवेकपूर्ण करार दिया है. कहा कि राज्य में कांग्रेस की कृपा से झामुमो सरकार चला पा रही है, यह साफ दिख रहा है. कैबिनेट मंत्रियों के बीच समन्वय का घोर अभाव है, उनके अलग-अलग निर्देशों से महसूस किया जा सकता है.

मंत्रियों के बीच समन्वय का अभाव

भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कांग्रेस के एजेंडे के आगे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और आंदोलन से उपजी झामुमो नतमस्तक हो चुकी है. धान खरीददारी को लेकर कृषि मंत्री और खाद्य आपूर्ति मंत्री के अलग-अलग मत हैं. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख कहतें है कि सरकार धान खरीदने के लिए तैयार हैं, वहीं खाद्य आपूर्ति मंत्री ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि गीले धान की खरीद पर रोक लगाई जाए. यह सरकार के मंत्रियों और महत्वपूर्ण विभागों के बीच मतांतर और समन्वय के अभाव को दर्शाता है.

किसान आंदोलन को समर्थन

भाजपा ने सीएम हेमंत सोरेन को 'मजबूर मुख्यमंत्री' की संज्ञा देते हुए किसान हितों में अविलंब मजबूत फैसले लेने का आग्रह किया है. भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार से सवाल किया है कि क्या राज्य सरकार किसानों की फसल इंवेट्री और तैयार फसल को सुरक्षित रखने के लिए वित्तीय सहयोग देगी या नहीं? भाजपा ने राज्य की महागठबंधन सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यूपीए घटक दल केंद्र सरकार के कृषि बिल का विरोध कर रही है और झारखंड सरकार ने किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया है.

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एमएसपी भुगतान करने के नियम लागू

भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा की किसानों को ऐसे ही उपेक्षाओं और बदइंतजामी से बचाने के निमित्त ही मोदी सरकार ने कृषि बिल में ठोस प्रावधान किये हैं, जिसके विरुद्ध कांग्रेस और झामुमो सरीखी पार्टियां किसानों को दिग्भ्रमित और गुमराह कर रही है. भाजपा ने मांग किया कि मुख्यमंत्री अविलंब मामले में हस्तक्षेप करते हुए कैबिनेट मंत्रियों के मध्य समन्वय स्थापित करें और केंद्र सरकार के प्रावधानों के अनुसार झारखंड में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य भुगतान करने के नियम लागू करें.

किसानों की स्थिति चिंताजनक

कुणाल षाड़ंगी ने भाजपा में महागठबंधन सरकार को बीते विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से फसल खरीदने का वादा था. लेकिन अब उन्हें मात्र 1,868 रुपये भुगतान करने की दर निर्धारित की गई है. यह किसानों के संग धोखा है. किसानों को उनके हक अधिकारों से अभी वंचित रखने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाया है, जो चिंताजनक है.

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