जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम जिले में झारखंड सरकार की तेजस्विनी योजना के तहत बाल विवाह प्रथा पर रोक लगाने के लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की सरकारी स्कूलों में जागरूक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. शनिवार को जिले के हितकु स्थित उत्क्रमित विद्यालय में बालिकाओं के बीच बाल विवाह से होने वाली समस्यओं की जानकारी दी गई. तेजस्विनी योजना की फील्ड कोऑर्डिनेटर ने बताया कि झारखंड में बाल विवाह प्रथा पर पूरी तरह रोक लगाना एक चुनौती है. इस प्रथा को खत्म करने को लेकर मिलकर काम करने की जरूरत है.
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बाल विवाह के खिलाफ कार्यक्रम
जमशेदपुर पोटका विधानसभा क्षेत्र के हितकु पंचायत स्थित उत्क्रमित विद्यालय में झारखंड सरकार की तेजस्विनी योजना के तहत छात्राओं को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया गया. जागरूकता कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को बताया गया कि बदलते समय के साथ-साथ समाज में भी काफी बदलाव हो रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कदम बढ़ाने के साथ-साथ समाज मे अपनी पहचान बना रही हैं. लड़कियां सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में भी अपना परचम लहरा रही हैं. अब समाज की पुरानी रूढ़िवादी प्रथा बाल विवाह पर पूरी तरह से रोक लगाने की जरूरत है. इसको लेकर लड़कियों को विरोध करना होगा. इसके साथ ही परिवार के लोगों को भी समझाना होगा.
लगातार चलेगा जागरूकता अभियान
परियोजना की फील्ड कोऑर्डिनेटर ग्लोरिया पूर्ती ने बताया कि झारखंड में कई जिलों में ग्रामीण बाल विवाह प्रथा को मानते हैं. इस प्रथा को दूर करना एक बड़ी चुनौती है. इसको खत्म करने को लेकर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि हितकु उत्क्रमित विद्यालय से इस अभियान की शुरुआत की गई है, जो लगातार चलता रहेगा. वहीं, जागरूकता अभियान के दौरान स्कूल की छात्राओं ने बाल विवाह प्रथा को खत्म करने के लिए अपना सहयोग देने की बात कही. छात्राओं ने कहा कि यह प्रथा कानूनन अपराध है.