जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में आजसू पार्टी जिला कमिटी ने झारखंड सरकार की नीति के खिलाफ रविवार को एक दिवसीय धरना देकर अपना विरोध दर्ज कराया. आजसू के जिला अध्यक्ष ने बताया है कि हेमंत सोरेन समेत सरकार के सभी मंत्री कोरोना के भय से होम क्वॉरेंटाइन हैं. जिसके कारण झारखंड की वर्तमान सरकार को लूटने का मौका नहीं मिल रहा है.
वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर इन दिनों झारखंड में अलर्ट है. सरकार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई तरह की नियम-शर्तें लगा रही है. इस समय झारखंड सरकार के कई मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव हैं. वहीं कुछ ठीक भी हुए हैं. राज्य में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. इसे लेकर विपक्षी पार्टी सरकार पर हावी है. रविवार को जमशेदपुर में आजसू ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए सरकार के नीतियों के खिलाफ एक दिवसीय धरना दिया. आजसू के जिला अध्यक्ष ने बताया है कि हेमंत सोरेन समेत सरकार के सभी मंत्री कोरोना के भय से होम क्वॉरेंटाइन हैं. जिसके कारण झारखंड की वर्तमान सरकार को लूटने का मौका नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए सरकार में बैठे लोगों ने सरकार का गठन किया था, उसपर कोरोना जैसी वैश्विक आपदा ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है. इसलिए इस कोरोना महामारी में उन्हें लूटने का मौका नहीं मिल रहा है.
आजसू नेताओं ने आरोप लगाते हुए हेमंत सरकार पर झारखंड पुलिस के माध्यम से वसूली करने का आरोप लगाया है. कभी हेलमेट चेकिंग तो कभी मास्क के नाम पर अवैध वसूली कर सरकार अपनी खजाना भरना चाहती है. जबकि आम जनता इस महामारी में जूझ रही है. आजसू जिला अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस दौरान मदद करनी चाहिए, लेकिन सरकार में बैठे लोग परेशान जनता से उगाही कर रही है. जिसका आजसू पुरजोर विरोध करता रहेगा. जमशेदपुर में राज्य सरकार की नीति के खिलाफ आजसू जिला कमिटी के आह्वाह पर आजसू पार्टी के सभी जिला पदाधिकारी अपने-अपने घर में एक दिवसीय उपवास कर धरना दिया है. धरना में मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष कन्हैया सिंह के अलावा जिला परिषद अध्यक्षा और पार्टी के पोटका प्रत्यासी बुल्लू रानी सिंह सरदार, जिला परिषद सदस्या आरती सामद, कमलेश दुबे समेत सैकड़ों लोग धरने पर बैठ विरोध दर्ज कराया.
राज्य सरकार ने लगाया है भारी जुर्माना
कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए झारखंड सरकार ने नियमों के उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का ऐलान किया है. हालिया दिनों में संक्रामक रोग को लेकर लाए गए अध्यादेश पर बीजेपी सहित सभी विरोधी पार्टियों ने चौतरफा विरोध किया है. सरकार के इस आदेश को तुगलकी फरमान बताया है. हंगामा इस कदर मचा है कि एक तरफ जहां इस अध्यादेश के लागू होने के बाद आम आदमी 1 लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना के नाम से ही खौफ खा रहा है, वहीं दूसरी ओर सियासी दल इसे काला अध्यादेश का नाम दे रहे हैं. हालांकि इसे लेकर सरकार ने बीजेपी पर पर संक्रामक रोग अध्यादेश को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है. राज्य की हेमंत सरकार ने अध्यादेश को लेकर फैली भ्रांतियां दूर करने के लिए प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अभी दंड-जुर्माना की राशि तय नहीं किए जाने की बात कही है.