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जमशेदपुरः CAA के विरोध में सड़क पर उतरे लोग, कहा- देश को बांटने वाला है कानून

देशभर में लागू नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग झारखंड के जमशेदपुर तक पहुंच गई है. इसी कड़ी में गुरुवार को संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने सीएए के विरोध में जनसभा का आयोजन किया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में आए लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया.

agitation against the CAA in Jamshedpur
सीएए का विरोध करते लोग
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Published : Dec 26, 2019, 2:30 PM IST

जमशेदपुर: सीएए के विरोध में देश के कोने-कोने में चल रहा आंदोलन अब झारखंड के जमशेदपुर में भी पहुंच गया है. सरकार के लाए नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को जमशेदपुर के आम लोग भी सड़कों पर उतर आए. दरअसल, सीएए के विरोध में संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मानगो के गांधी मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया था, जिसमें शामिल होने सैकड़ों की संख्या में लोग आए थे.

देखें पूरी खबर


लोगों ने जताया विरोध
सीएए के विरोध में आयोजित इस जनसभा में शामिल लोगों ने इसे काला कानून कहते हुए इसे हिंदू-मुस्लिम को बांटने वाला कानून करार दिया. लोगों ने कहा कि देश हमारा है और इस देश में रहने के लिए, अपनी नागरिकता साबित करने के लिए उन्हें किसी को कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है. वहीं झारखंड में बीजेपी कr हार को भी लोगों ने सीएए से जोड़ा और कहा कि काला कानून लाने की सजा बीजेपी को मिली है, जिस तरह झारखंड में पार्टी हारी है, उसी तरह अब दिल्ली में भी सरकार गिरेगी.

ये भी पढ़ें: अयोध्या में हमले की साजिश रच रहा है जैश, नेपाल सीमा से यूपी में दाखिल हुए सात आतंकी


नहीं घटी हिंसक घटना
जनसभा के दौरान किसी तरह की कोई हिंसक वारदात न हो जाए इसे ध्यान में रखते हुए सिटी एसपी अपने दल-बल के साथ मुस्तैदी से डटे रहे. हालांकि इस दौरान किसी तरह की कोई हिसंक वारदात नहीं हुई और सीएए के विरूद्ध में बैनर-पोस्टर लेकर आए लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया.

जमशेदपुर: सीएए के विरोध में देश के कोने-कोने में चल रहा आंदोलन अब झारखंड के जमशेदपुर में भी पहुंच गया है. सरकार के लाए नए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में गुरुवार को जमशेदपुर के आम लोग भी सड़कों पर उतर आए. दरअसल, सीएए के विरोध में संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मानगो के गांधी मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया था, जिसमें शामिल होने सैकड़ों की संख्या में लोग आए थे.

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लोगों ने जताया विरोध
सीएए के विरोध में आयोजित इस जनसभा में शामिल लोगों ने इसे काला कानून कहते हुए इसे हिंदू-मुस्लिम को बांटने वाला कानून करार दिया. लोगों ने कहा कि देश हमारा है और इस देश में रहने के लिए, अपनी नागरिकता साबित करने के लिए उन्हें किसी को कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है. वहीं झारखंड में बीजेपी कr हार को भी लोगों ने सीएए से जोड़ा और कहा कि काला कानून लाने की सजा बीजेपी को मिली है, जिस तरह झारखंड में पार्टी हारी है, उसी तरह अब दिल्ली में भी सरकार गिरेगी.

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नहीं घटी हिंसक घटना
जनसभा के दौरान किसी तरह की कोई हिंसक वारदात न हो जाए इसे ध्यान में रखते हुए सिटी एसपी अपने दल-बल के साथ मुस्तैदी से डटे रहे. हालांकि इस दौरान किसी तरह की कोई हिसंक वारदात नहीं हुई और सीएए के विरूद्ध में बैनर-पोस्टर लेकर आए लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन किया.

Intro:एंकर-- दिल्ली,उत्तर प्रदेश,महाराष्ट्र के बाद अब झारखंड में एनआरसी-नागरिकता बिल संसोधन के विरोध में लोगों में गुस्सा देखने को मिला लोग सड़कों पर उतर कर रहे है कानून का विरोध.


Body:वीओ1--देश भर में नागरिकता संसोधन बिल व एनआरसी के खिलाफ विरोध जारी है. इसी बीच लौहनगरी में संविधान बचाओ संघर्ष समिति ने मानगो के गाँधी मैदान में विशाल जनसभा का आयोजन किया.काले कानून के विरोध में हज़ारों की संख्या में लोग जुटे.कहा देश में रहने के लिए प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है.हज़ारों वर्ष पहले से देश के नागरिक हैं.केंद्र सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी.लौहनगरी के लोगों ने गुरुवार को नागरिकता संसोधन बिल के विरोध में प्रदर्शन किया.बिल के विरोध में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा धर्मनिरपेक्षता पर हमला है.हिन्दू और मुस्लिम को बाँटने वाला यह बिल है.भारतीय संविधान के अनुछेद 14 के अधिकार से खिलवाड़ किया जा रहा है.नागरिकता संसोधन बिल के विरोध में कहा झारखंड की भाजपा वाली सरकार गिर गई अब दिल्ली की बारी है.दिल्ली की सरकार भी गिरेगी.देश में सभी धर्म और जाति के लोग मिलजुल कर गुजारा कर रहे हैं.देश में नफ़रत फैलाने की राजनीति की जा रही है.
इस दौरान शहर के सिटी एसपी सुभाष चंद्र जाट खुद मौजूद रहे और शहर के हालात पर नज़र रखी.युवाओं ने नागरिकता संसोधन कानून को देश तोड़ने वाला करार दिया और कहा कि सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए.एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
बाइट--


Conclusion:संविधान बचाओ संघर्ष समिति की मुहिम संविधान बचाने की पहल आखिर कितना रंग लाएगी ये तो वक़्त ही बताएगा लोकतांत्रिक देश में जरूरत है मुद्दों और कानून के प्रति गहन समझ रखने की.
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