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आदिवासी सेंगेल अभियान का धरना, सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग - जमशेदपुर में आदिवासी सेंगल अभियान का विरोध

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड को मान्यता देने को लेकर एक दिवसीय धरना दिया है. साथ ही 2021 की जनगणना में अलग कॉलम कोड की मांग करते हुए राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा.

implement Sarna Dharma Code
जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान का विरोध
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Published : Jan 21, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Jan 21, 2021, 6:44 PM IST

जमशेदपुर: शहर में आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा है. धरना में बैठे अभियान के सदस्य का कहना है कि 2021 जनगणना का वर्ष है. सरकार इस जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कोड लागू करें अन्यथा आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से साकची आम बागान से रैली निकाली गई. साकची गोलचक्कर के पास धरना दिया गया. सेंगेल अभियान की ओर से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग की गई है. इस संदर्भ में राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया है.

2021 जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कोड लागू करें
धरना में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी शामिल रहीं. आदिवासी सेंगेल अभियान का कहना है कि देश में सरना आदिवासी बहुल राज्यों में रहने वाले आदिवासी आज भी अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में सरना कोड लागू होने से उन्हें उनका अपना अधिकार मिल सकेगा. इस मामले में केंद्र सरकार भी चुप्पी साधे हुई है, जबकि 2021 जनगणना का वर्ष है.
ये भी पढ़ें- रांची नगर निगम बोर्ड की बैठक में मेयर और पार्षदों के बीच नोकझोंक, आधे घंटे के लिए बैठक स्थगित

राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से भेजा गया मांग पत्र

आदिवासी सेंगेल अभियान के सोनाराम सोरेन ने बताया है कि सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए लगातार आंदोलन किया गया है. सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से मांग पत्र भेजा गया है. सरकार जल्द ही कोई कार्रवाई नही करती है, तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

जमशेदपुर: शहर में आदिवासी सेंगेल अभियान ने सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर एक दिवसीय धरना दिया. राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा है. धरना में बैठे अभियान के सदस्य का कहना है कि 2021 जनगणना का वर्ष है. सरकार इस जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कोड लागू करें अन्यथा आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.

जमशेदपुर में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से साकची आम बागान से रैली निकाली गई. साकची गोलचक्कर के पास धरना दिया गया. सेंगेल अभियान की ओर से सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग की गई है. इस संदर्भ में राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र उपायुक्त को सौंपा गया है.

2021 जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कोड लागू करें
धरना में पुरुषों के अलावा महिलाएं भी शामिल रहीं. आदिवासी सेंगेल अभियान का कहना है कि देश में सरना आदिवासी बहुल राज्यों में रहने वाले आदिवासी आज भी अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में सरना कोड लागू होने से उन्हें उनका अपना अधिकार मिल सकेगा. इस मामले में केंद्र सरकार भी चुप्पी साधे हुई है, जबकि 2021 जनगणना का वर्ष है.
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राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से भेजा गया मांग पत्र

आदिवासी सेंगेल अभियान के सोनाराम सोरेन ने बताया है कि सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए लगातार आंदोलन किया गया है. सरना धर्म को मान्यता दिलाने के लिए राष्ट्रपति को उपायुक्त के माध्यम से मांग पत्र भेजा गया है. सरकार जल्द ही कोई कार्रवाई नही करती है, तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Last Updated : Jan 21, 2021, 6:44 PM IST
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