दुमका: सर्दी का मौसम लगभग समाप्त होने वाला है और ग्रीष्म ऋतु दस्तक देने वाली है. ऐसे में दुमका जिला जो पठारी क्षेत्र माना जाता है, यहां गर्मी के दिनों में कुएं, तालाब, नदियां सूख जाती हैं. यहां पेयजल का एकमात्र सहारा चापाकल होता है. जिला में कुल 23 हजार 500 चापाकल है, जिसमें 4 हजार 500 खराब पड़े हैं. मतलब कुल 20% चापाकल खराब है. अब जरूरी है कि खराब चापाकल की मरम्मति हो और जिसकी मरम्मति नहीं हो सकती उसकी जगह नए चापाकल लगाया जाएं.
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प्रखंड स्तर पर चापाकल की क्या है स्थिति-
क्रम | प्रखंड | कुल | चापाकल खराब |
1. | दुमका सदर | 2614 | 454 |
2 . | मसलिया | 2490 | 368 |
3. | जामा | 3349 | 666 |
4 | रामगढ़ | 2585 | 450 |
5 . | जरमुंडी | 3007 | 569 |
6 . | सरैयाहाट | 2642 | 645 |
7 . | गोपीकांदर | 975 | 178 |
8 . | काठीकुंड | 1507 | 293 |
9 . | रानीश्वर | 2155 | 518 |
10 . | शिकारीपाड़ा | 2219 | 368 |
खराब चापाकल की वजह से परेशान हैं ग्रामीण
हजारों चापाकल के खराब होने से ग्रामीण इलाकों में पानी की समस्या अभी से शुरू हो गई है. कहीं-कहीं जलस्तर नीचे जाने से काफी मशक्कत के बाद पानी निकलता है. लोगों का कहना है कि हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हमें पानी चाहिए, हमारे गांव में चापाकल खराब है, साथ ही कई ऐसे भी चापाकल है जिससे काफी कम पानी निकलता है. वो प्रशासन से इसे जल्द ठीक कराने की मांग की है.
क्या कहते हैं पेयजल विभाग के अभियंता
ग्रामीण क्षेत्र के खराब पड़े चापाकल को ठीक करने के मामले में पेयजल विभाग अभी से एक्सरसाइज शुरू कर दिया है. जिला पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि खराब चापाकलों की सूची बना ली गई है. इसमें से अधिकांश ऐसे हैं जिसकी मरम्मत की जा रही है और लगभग 1000 चापाकल ऐसे हैं जो अब ठीक नहीं किए जा सकता. जो ठीक होने के लायक चापाकल हैं उसे बहुत ठीक कर दिया जाएगा. साथ ही साथ उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि जिला के 206 पंचायत में प्रति पंचायत पांच नए चापाकल लगाए जा रहे हैं, जिसका निविदा हो चुकी है. पेयजल विभाग के अभियंता खराब चापाकल की मरम्मत की बात कह रहे हैं. इसकी शुरूआत जल्द होनी चाहिए ताकि गर्मी के दिन में गरीब जनता शुद्ध पेयजल आसानी से प्राप्त कर सके, उन्हें घड़ा और बाल्टी लेकर इधर-उधर भटकना ना पड़े.