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Protest In Dumka:शिक्षकों की मनमानी से नाराज ग्रामीणों ने स्कूल में जड़ा ताला, अपना सिस्टम चलाने का आरोप

सरकार की लाख कोशिशों के बादजूद ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार नहीं आ रहा है. कई स्कूल रोज खुलते नहीं हैं और कई जगह शिक्षक ही नदारद रहते हैं. एक ऐसा ही मामला दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में सामने आया है. जिसमें स्कूल के शिक्षकों की मनमानी से नाराज ग्रामीणों ने विद्यालय पहुंच कर बवाल किया और स्कूल में ताला जड़ दिया.

Villagers Locked School In Dumka
Villagers Locking School In Dumka
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Published : Jan 30, 2023, 3:51 PM IST

दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के हरिपुर गांव के लोगों ने स्कूल के शिक्षकों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों की मनमानी से नाराज ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान सुरेश मुर्मू के नेतृत्व में सोमवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिपुर के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की जांच करने के लिए जिला से कोई अधिकारी नहीं आते हैं. इस कारण यहां के शिक्षक मनमानी करते हैं. स्कूल खोलने का कोई टाइम नहीं है और न ही शिक्षकों के पहुंचने का टाइम-टेबुल निर्धारित है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

ये भी पढे़ं-Education Department Action In Dumka: दुमका में तीन पारा शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज, विभागीय जांच में फर्जी मिले दस्तावेज

क्यों नाराज हैं ग्रामीण: दरअसल शिकारीपाड़ा प्रखंड का हरिपुर गांव पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला की सीमा पर है. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी जांच के लिए विद्यालय पहुंचते ही नहीं हैं और इसका फायदा शिक्षक उठाते हुए अपनी मनमानी करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में चार शिक्षक पदस्थापित हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि चारों शिक्षकों ने आपस में अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था कायम कर लिया है. प्रतिदिन एक शिक्षक स्कूल पहुंचते हैं. कोई ना कोई बहाना बनाकर बाकी के सभी शिक्षक फरार रहते हैं. इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में पानी की समस्या है. स्कूल का चापाकल दो महीने से खराब पड़ा हुआ है.

शिक्षकों की मनमानी वजह से पढ़ाई हो रही है प्रभावितः ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग काफी गरीब हैं. इस कारण अपने बच्चों को कहीं बाहर भेजकर पढ़ा नहीं सकते हैं. हमारा एकमात्र आसरा यही सरकारी विद्यालय है, पर इन शिक्षकों ने स्कूल का बेड़ा गर्क कर रखा है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी चाहते हैं कि सभी कक्षाएं सुचारु रूप से चले, लेकिन शिक्षक के नहीं रहने से ऐसा नहीं हो पा रहा है. इस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में ग्राम प्रधान सुरेश मुर्मू और अभिभावक बसंती टुडू ने बताया कि स्कूल में शिक्षक रहते ही नहीं हैं. सप्ताह में एक-दो दिन ही शिक्षक आते हैं. जिससे पढ़ाई बिल्कुल ठप हो चुकी है. इस कारण हमारे बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

मौके पर पहुंचे संकुल साधन सेवी: इधर, मामले की सूचना मिलते ही विद्यालय के संकुल साधन सेवी गौरांग साहा स्कूल पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया. लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए. गौरांग साहा का कहना है कि ग्रामीणों की जो भी समस्याएं हैं, उसका समाधान किया जाएगा. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि सोमवार को दो शिक्षक बिना बताए गायब हैं. गौरांग साहा ने कहा कि दोनों शिक्षकों पर आवश्यक कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएगा. वैसे हम आपको बता दें कि विद्यालय की ऐसी स्थिति के लिए जितने शिक्षक जिम्मेदार हैं, उतना ही संकुल साधन सेवी. क्योंकि संकुल साधन सेवी को ही देखना है कि विद्यालय सही ढंग से चल रहा है या नहीं.

दुमका: जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के हरिपुर गांव के लोगों ने स्कूल के शिक्षकों की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षकों की मनमानी से नाराज ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान सुरेश मुर्मू के नेतृत्व में सोमवार को उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिपुर के मुख्य गेट में ताला जड़ दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल की जांच करने के लिए जिला से कोई अधिकारी नहीं आते हैं. इस कारण यहां के शिक्षक मनमानी करते हैं. स्कूल खोलने का कोई टाइम नहीं है और न ही शिक्षकों के पहुंचने का टाइम-टेबुल निर्धारित है. ऐसे में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.

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क्यों नाराज हैं ग्रामीण: दरअसल शिकारीपाड़ा प्रखंड का हरिपुर गांव पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला की सीमा पर है. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी जांच के लिए विद्यालय पहुंचते ही नहीं हैं और इसका फायदा शिक्षक उठाते हुए अपनी मनमानी करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय में चार शिक्षक पदस्थापित हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि चारों शिक्षकों ने आपस में अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्था कायम कर लिया है. प्रतिदिन एक शिक्षक स्कूल पहुंचते हैं. कोई ना कोई बहाना बनाकर बाकी के सभी शिक्षक फरार रहते हैं. इस कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय में पानी की समस्या है. स्कूल का चापाकल दो महीने से खराब पड़ा हुआ है.

शिक्षकों की मनमानी वजह से पढ़ाई हो रही है प्रभावितः ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग काफी गरीब हैं. इस कारण अपने बच्चों को कहीं बाहर भेजकर पढ़ा नहीं सकते हैं. हमारा एकमात्र आसरा यही सरकारी विद्यालय है, पर इन शिक्षकों ने स्कूल का बेड़ा गर्क कर रखा है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी चाहते हैं कि सभी कक्षाएं सुचारु रूप से चले, लेकिन शिक्षक के नहीं रहने से ऐसा नहीं हो पा रहा है. इस कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में ग्राम प्रधान सुरेश मुर्मू और अभिभावक बसंती टुडू ने बताया कि स्कूल में शिक्षक रहते ही नहीं हैं. सप्ताह में एक-दो दिन ही शिक्षक आते हैं. जिससे पढ़ाई बिल्कुल ठप हो चुकी है. इस कारण हमारे बच्चों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

मौके पर पहुंचे संकुल साधन सेवी: इधर, मामले की सूचना मिलते ही विद्यालय के संकुल साधन सेवी गौरांग साहा स्कूल पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया. लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए. गौरांग साहा का कहना है कि ग्रामीणों की जो भी समस्याएं हैं, उसका समाधान किया जाएगा. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि सोमवार को दो शिक्षक बिना बताए गायब हैं. गौरांग साहा ने कहा कि दोनों शिक्षकों पर आवश्यक कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएगा. वैसे हम आपको बता दें कि विद्यालय की ऐसी स्थिति के लिए जितने शिक्षक जिम्मेदार हैं, उतना ही संकुल साधन सेवी. क्योंकि संकुल साधन सेवी को ही देखना है कि विद्यालय सही ढंग से चल रहा है या नहीं.

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