दुमका: झारखंड में कोरोना संक्रमण का खतरा शुरू होते ही अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाए जा रहे टीकाकरण को बंद कर दिया गया था, लेकिन अब यह फिर से चालू हो गया है. लगभग दो महीने बंद रहने के वजह से टीकाकरण के लिए केंद्रों पर लोगों की भीड़ देखने को मिलने लगी है.
क्या कहते हैं लोग
टीकाकरण के लंबे समय तक बंद रहने और फिर चालू होने को लेकर लोगों में खुशी है. उनका कहना है कि यह भी आवश्यक सेवाओं में एक है और इसे हर हाल में चालू रखना चाहिए था, इसके लिए सुरक्षा मानकों का ध्यान रखकर केंद्र की व्यवस्था होना चाहिए था.
क्या करती हैं स्वास्थ्यकर्मी
टीकाकरण शुरू होते ही स्वास्थ्यकर्मी अपने ड्यूटी पर लग गए हैं. गैप होने की वजह से क्या कुछ परेशानी हुई इसे लेकर उन्होंने बताया कि कोई भी टीका का एक अंतराल होता है कि आप एक महीने से लेकर तीन महीने के अंदर ले लें, यह गैप उस ड्यूरेशन पीरियड को मेकअप कर रहा है, इसलिए जो विलंब हुआ उस वजह से किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है.
इसे भी पढ़ें:- दुमका: लॉकडाउन के कारण पंडा-पुरोहितों की हालत हुई दयनीय, सरकार से मदद की गुहार
क्या कहते हैं जिले के सिविल सर्जन
गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण फिर से शुरू हो गया है. इस पूरे मामले में दुमका के सिविल सर्जन डॉ. अनंत कुमार झा कहना है कि विभाग के आदेश के बाद लगभग 2 महीने तक टीकाकरण नहीं हुआ. सीएस ने बताया कि इसे लेकर स्वास्थ्य केंद्रों को निर्देशित किया है कि जिन बच्चों का टीकाकरण छूटा है, उनकी सूची बनाकर उन्हें प्राथमिकता दें, इसके साथ ही टीकाकरण में कोविड-19 के लिए जो सुरक्षा मानक बनाए गए हैं उनका भी ध्यान रखें.
टीकाकरण बेहद जरूरी
स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं और बच्चों को जल्द टीकाकरण देना जरूरी हो गया है, ताकि बच्चों और महिलाओं को गंंभीर बीमारियों से बचाया जा सके.