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उत्तराखंड में दुमका के दो और मजदूरों के मिले शव, एक ही गांव के चार लोगों की मौत

उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के हादसे में झारखंड के कई मजदूरों की जान चली गईं. पिछले दिनों दुमका के ही दो मजदूरों के मौत की खबर मिली थी. इसी कड़ी में दो और मजदूरों के शव मिले हैं जो दुमका के ही रहने वाले थे. सभी एक ही गांव के हैं. ऐसे में पूरा गांव मातम में डूबा है.

Dead body of two workers found in Dumka
फाइल फोटो
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Published : Apr 28, 2021, 10:48 AM IST

दुमकाः उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की वजह से हुई घटना में जरमुंडी प्रखंड के पहरीडीह गांव के दो और मजदूरों के शव मिलने से गांव में मातम पसर गया है. प्रकृति के कहर की इस घटना के बाद लापता लोगों की खोजबीन के दौरान कुछ और शव मिले हैं, जिसमें गांव के उपेंद्र सिंह और सर्किल सिंह का शव भी मिला है. बीते दिन इस गांव के तारणी सिंह और रोहित सिंह का भी शव मिला था. आज दो और शवों के मिलने के बाद अब तक पहरीडीह गांव के चार मजदूरों के काल के गाल में समा जाने की सूचना है, जबकि कुछ और गायब हुए मजदूरों की खोजबीन जारी है.

ये भी पढ़ें-रांचीः बंद कमरे से मिली भाई-बहन की लाश, कोरोना से मौत की आशंका, जांच जारी

मौत की खबर मिलते ही मृत मजदूरों के परिजनों के रोने बिलखने की आवाज से पूरा गांव गमगीन हो गया है. रोजगार की तलाश में जरमुंडी प्रखंड के पहरीडीह गांव के लगभग बीस मजदूर भारत-चीन बॉर्डर पर सीमा सड़क संगठन में सड़क निर्माण कार्य करने उत्तराखंड गए थे. वहां 23 अप्रैल की रात अचानक ग्लेशियर फट जाने से झारखंड के विभिन्न जिलों के कई मजदूरों की मौत हो गई और कई लापता हो गए हैं.

ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर लोगों को अपने आस-पास ही रोजगार मिल जाता तो ये लोग परिवार पालने के लिए रोजगार की तलाश में अपना परिवार छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर काम करने नहीं जाते और ऐसी घटना के शिकार नहीं होते.

दुमकाः उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने की वजह से हुई घटना में जरमुंडी प्रखंड के पहरीडीह गांव के दो और मजदूरों के शव मिलने से गांव में मातम पसर गया है. प्रकृति के कहर की इस घटना के बाद लापता लोगों की खोजबीन के दौरान कुछ और शव मिले हैं, जिसमें गांव के उपेंद्र सिंह और सर्किल सिंह का शव भी मिला है. बीते दिन इस गांव के तारणी सिंह और रोहित सिंह का भी शव मिला था. आज दो और शवों के मिलने के बाद अब तक पहरीडीह गांव के चार मजदूरों के काल के गाल में समा जाने की सूचना है, जबकि कुछ और गायब हुए मजदूरों की खोजबीन जारी है.

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ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर लोगों को अपने आस-पास ही रोजगार मिल जाता तो ये लोग परिवार पालने के लिए रोजगार की तलाश में अपना परिवार छोड़कर हजारों किलोमीटर दूर काम करने नहीं जाते और ऐसी घटना के शिकार नहीं होते.

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