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आदिवासी संथाल समाज कोरोना को लेकर है काफी जागरूक, सुरक्षा मानकों का रखते हैं पूरा ख्याल

देश के अन्य इलाकों के साथ-साथ झारखंड में भी कोरोना पॉजिटिव की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे लेकर लोगों में काफी भय है. इससे बचने के लिए लोग कई तरह के उपाय कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग फिर भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को कड़हलबिल गांव के लोगों से सीख लेने की जरुरत है.

tribal society of Kadhalbil village is aware about Corona in dumka
आदिवासी संथाल समाज कोरोना को लेकर हैं काफी जागरूक
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Published : Apr 27, 2020, 5:00 PM IST

दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडॉउन की घोषणा के बाद पूरे देश में लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं, साथ ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं. बहुत लोग ऐसे भी हैं जो लगातार लॉकडाउन का उल्लंघन भी कर रहे हैं, लेकिन दुमका का आदिवासी संथाल समाज इस आपदा के प्रति काफी जागरूक हैं और सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

झारखंड की उपराजधानी दुमका के सदर प्रखंड के कड़हलबिल गांव के लोग कोरोना के रोखथाम को लेकर काफी जागरुक हैं. ईटीवी भारत की टीम जब उस गांव का निरीक्षण करने पहुंची तो देखा कि ग्रामीनों ने गांव के मुहाने पर ही बांस का बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. गांव के लोग बस बहुत जरूरी कामों से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम जब कड़हलबिल गांव के अंदर पहुंची तो गांव की महिलाएं अपने घरों का साफ सफाई करते दिखी, जो इस वक्त जरूरी है. वहीं जो बच्चे नजर आ रहे थे वह भी मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे.

पानी भरते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल

गांव के अंदर एक चापाकल है, जहां से ग्रामीण पानी भरते हैं. वहां सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी लोग पालन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने 3- 3 फीट की दूरी पर घेरा बना दिया है. सभी महिलाएं उस घेरे में खड़ी होकर पानी भरने के लिए अपनी बारी का इंतजार करती हैं, जबकि आमतौर पर पानी भरने के लिए गांव में आपाधापी देखने को मिलती है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

जब ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीणों से बात की तो मुन्नी मुर्मू कहती हैं कि हमलोग पानी भरते समय सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन कर रहे हैं. इसकी वजह से यह गांव कोरोना वायरस से अछूता है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर महिलाएं एक जगह एकत्रित हो जाती थी, लेकिन बीमारी फैलने के डर से यहां की महिलाएं भी काफी जागरुक है.

इसे भी पढे़ं:- ETV BHARAT IMPACT: दुमका में भुखमरी की कगार पर पहुंची 4 छात्राओं को मिली मदद

बाहर से आए लोगों का रखा जाता है ख्याल

गांव के प्रधान बेसरा जो कड़हलबिल के ग्राम प्रधान भी हैं उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि जिस दिन से लॉकडाउन हुआ है, उस दिन से हम लोगों ने बाहर बैरियर लगा दिया है, किसी को भी बेवजह प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, साथ ही साथ गांव का ही अगर कोई काफी दिनों के बाद गांव आता है तो, उसके स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखा जाता है ताकि बीमारी ना फैले. गांव के इस पूरी व्यवस्था में गांव के युवाओं की भी अहम भूमिका हैं.

वहीं स्थानीय गुंजन मरांडी ने बताया कि आदिवासी संथाल समाज हमारे गांव के अधिकांश लोग गरीब हैं, अगर बीमारी फैल गई तो बर्बादी हो जाएगी, इसलिए जरूरी है कि हम इसे गांव में आने ही नहीं दें.

दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लॉकडॉउन की घोषणा के बाद पूरे देश में लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं, साथ ही लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं. बहुत लोग ऐसे भी हैं जो लगातार लॉकडाउन का उल्लंघन भी कर रहे हैं, लेकिन दुमका का आदिवासी संथाल समाज इस आपदा के प्रति काफी जागरूक हैं और सुरक्षा मानकों का पूरा ख्याल रख रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

झारखंड की उपराजधानी दुमका के सदर प्रखंड के कड़हलबिल गांव के लोग कोरोना के रोखथाम को लेकर काफी जागरुक हैं. ईटीवी भारत की टीम जब उस गांव का निरीक्षण करने पहुंची तो देखा कि ग्रामीनों ने गांव के मुहाने पर ही बांस का बैरियर लगाकर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दिया है. गांव के लोग बस बहुत जरूरी कामों से ही घरों से बाहर निकल रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम जब कड़हलबिल गांव के अंदर पहुंची तो गांव की महिलाएं अपने घरों का साफ सफाई करते दिखी, जो इस वक्त जरूरी है. वहीं जो बच्चे नजर आ रहे थे वह भी मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे.

पानी भरते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल

गांव के अंदर एक चापाकल है, जहां से ग्रामीण पानी भरते हैं. वहां सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी लोग पालन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने 3- 3 फीट की दूरी पर घेरा बना दिया है. सभी महिलाएं उस घेरे में खड़ी होकर पानी भरने के लिए अपनी बारी का इंतजार करती हैं, जबकि आमतौर पर पानी भरने के लिए गांव में आपाधापी देखने को मिलती है.

क्या कहते हैं ग्रामीण

जब ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीणों से बात की तो मुन्नी मुर्मू कहती हैं कि हमलोग पानी भरते समय सोशल डिस्टेंस का पूरा पालन कर रहे हैं. इसकी वजह से यह गांव कोरोना वायरस से अछूता है. उन्होंने बताया कि आमतौर पर महिलाएं एक जगह एकत्रित हो जाती थी, लेकिन बीमारी फैलने के डर से यहां की महिलाएं भी काफी जागरुक है.

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बाहर से आए लोगों का रखा जाता है ख्याल

गांव के प्रधान बेसरा जो कड़हलबिल के ग्राम प्रधान भी हैं उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि जिस दिन से लॉकडाउन हुआ है, उस दिन से हम लोगों ने बाहर बैरियर लगा दिया है, किसी को भी बेवजह प्रवेश करने की अनुमति नहीं है, साथ ही साथ गांव का ही अगर कोई काफी दिनों के बाद गांव आता है तो, उसके स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखा जाता है ताकि बीमारी ना फैले. गांव के इस पूरी व्यवस्था में गांव के युवाओं की भी अहम भूमिका हैं.

वहीं स्थानीय गुंजन मरांडी ने बताया कि आदिवासी संथाल समाज हमारे गांव के अधिकांश लोग गरीब हैं, अगर बीमारी फैल गई तो बर्बादी हो जाएगी, इसलिए जरूरी है कि हम इसे गांव में आने ही नहीं दें.

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