दुमका: जिले के बस पड़ाव में सोमवार के दिन एक आदिवासी युवक की पिटाई के बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया. बसों का परिचालन तीन घंटे तक ठप कर दिया. इसके साथ ही स्टैंड के आसपास जितनी भी दुकानें थी उसे भी बंद करा दिया. मामले को शांत करने आई पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई भी हुई. जिसमें पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था. देर रात आदिवासी समाज के दबाव के कारण तीनों युवकों को छोड़ दिया गया है.
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देर रात पुलिस ने तीनों को छोड़ा: अपने समाज के तीनों युवकों को हिरासत में लिए जाने की सूचना मिलने पर भारी संख्या में आदिवासी समाज के युवा थाने में एकत्रित हो गए. सभी लोग इन तीनों को छोड़ने की लगातार मांग कर रहे थे. दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा, डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार और सीओ अमर कुमार सहित कई थाने के प्रभारी नगर थाना पहुंचकर विधि व्यवस्था बनाने में लगे रहे. लेकिन लोगों के भारी दबाव के कारण पुलिस ने निर्णय लेते हुए देर रात तीनों को छोड़ दिया. जिसमें संथाल समाज के मांझीथान पूजा स्थल के दिशोम मांझी विशाल मरांडी शामिल थे. हिरासत से छूटने के बाद आदिवासी युवकों ने दिशोम मांझी विशाल मरांडी को अपने कंधों पर उठाकर बाहर ले गए.
क्या था पूरा मामला: दरअसल ये पूरी मामला सोमवार की दोपहर को शुरू हुआ. जब एक यात्री और बसकर्मी के बीच बस पड़ाव पर झड़प हो गई. जिसके बाद काफी संख्या में आदिवासी युवक यह कहते हुए एकत्रित हो गए कि हमारे समाज के युवक के साथ मारपीट की गई है, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए. फिर लोगों ने अपनी मांग को लेकर बस का परिचालन ठप कर दिया, दुकानें बंद कर दी और रोड को जाम कर दिया. इतना ही नहीं अगर किसी ने बाइक लेकर रोड पार करने या वीडियो बनाने का प्रयास किया तो उसके साथ भी मारपीट भी की गई. माहौल इतना खराब हो गया कि मामले को शांत करने आई पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई होने लगी.
देर रात तक बसों का परिचालन कर दिया गया ठप: इस हंगामे को लेकर बस ऑनर एसोसिएशन ने बसों का परिचालन ठर कर दिया. रात भर बसें स्टैंड में ही खड़ी रहीं. बस ऑनर एसोसिएशन का कहना था कि आए दिन बस पड़ाव में हंगामा किया जाता है, इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.