दुमका: सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह भले ही संपन्न हो गया. लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर अव्यवस्था नजर आई. छात्र छात्राओं के मेडल को सही ढंग से सूचीबद्ध नहीं किया गया था. जिसके कारण किसी का मेडल किसी और को मिल गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह कैसे सुलझेगा इसे भी बताने के लिए विश्वविद्यालय के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे.
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टॉपरों को मिले गलत मेडल: लापरवाही का आलम यह था कि गौतम भारद्वाज को शहाबुद्दीन का मेडल मिल गया था. वहीं संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट मानवेल किस्कू को उर्दू की गोल्ड मेडलिस्ट फाहिमा खातून का मेडल पकड़ा दिया गया. ऐसी गलतियां दर्जनों छात्र-छात्राओं के मेडल में हुई. जिससे उनमें काफी रोष देखा गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह गलत मेडल विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्यपाल के हाथों छात्र छात्राओं को दिलवा दिया. जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो कार्यक्रम के बाद सुधारने की बात कही गई, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी निकल लिए. अब छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. कुल मिलाकर विश्विद्यालय प्रशासन अपने टॉपरों को सही मेडल तक नहीं दे पाया.
स्थानीय सांसद सुनील सोरेन भी नाराज होकर कार्यक्रम से लौटे: कार्यक्रम शुरू होने के लगभग एक घंटा पहले पहुंचे दुमका सांसद सुनील सोरेन ने जब यह देखा कि उनके लिए किसी तरह की कुर्सी निर्धारित नहीं की गई है तो वह नाराज हो गए और कार्यक्रम का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय परिसर से वापस लौट गए. ईटीवी भारत से फोन पर उन्होंने बताया कि वहां हमारे लिए कोई सीट निश्चित नहीं की गई थी, जबकि मैं स्थानीय सांसद हूं. इसलिए मैं कार्यक्रम स्थल से वापस लौट गया. सांसद सुनील सोरेन ने बताया कि जब यह दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ और राज्यपाल रमेश बैस राजभवन आए तो मैंने उनसे मुलाकात की और विश्वविद्यालय की इस लापरवाही की जानकारी उन्हें दी. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखूंगा.