ETV Bharat / state

सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में दिखा अव्यवस्था का आलम, छात्रों को मिले गलत मेडल, सांसद भी समारोह से लौटे - Jharkhand Latest News in Hindi

दुमका के सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में भारी अव्यवस्था देखने को मिली. जहां दर्जनों छात्रों को गलत मेडल से नवाजा गया, जिससे छात्रों में रोष है. वहीं कार्यक्रम में अपने लिए निश्चित सीट नहीं देखकर दुमका सांसद सुनील सोरेन भी दीक्षांत समारोह से वापस लौटे गए और समारोह समाप्त होने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से बरती गई अनियमितताओं की शिकायत राज्यपाल रमेश बैस से की.

students got wrong medals
students got wrong medals
author img

By

Published : Apr 14, 2022, 10:10 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 10:17 AM IST

दुमका: सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह भले ही संपन्न हो गया. लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर अव्यवस्था नजर आई. छात्र छात्राओं के मेडल को सही ढंग से सूचीबद्ध नहीं किया गया था. जिसके कारण किसी का मेडल किसी और को मिल गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह कैसे सुलझेगा इसे भी बताने के लिए विश्वविद्यालय के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे.

इसे भी पढ़ें: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह का संपन्न, 300 स्टूडेंट्स को मिले डिग्री और मेडल


टॉपरों को मिले गलत मेडल: लापरवाही का आलम यह था कि गौतम भारद्वाज को शहाबुद्दीन का मेडल मिल गया था. वहीं संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट मानवेल किस्कू को उर्दू की गोल्ड मेडलिस्ट फाहिमा खातून का मेडल पकड़ा दिया गया. ऐसी गलतियां दर्जनों छात्र-छात्राओं के मेडल में हुई. जिससे उनमें काफी रोष देखा गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह गलत मेडल विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्यपाल के हाथों छात्र छात्राओं को दिलवा दिया. जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो कार्यक्रम के बाद सुधारने की बात कही गई, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी निकल लिए. अब छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. कुल मिलाकर विश्विद्यालय प्रशासन अपने टॉपरों को सही मेडल तक नहीं दे पाया.

अपनी परेशानी व्यक्त करते गोल्ड मेडलिस्ट

स्थानीय सांसद सुनील सोरेन भी नाराज होकर कार्यक्रम से लौटे: कार्यक्रम शुरू होने के लगभग एक घंटा पहले पहुंचे दुमका सांसद सुनील सोरेन ने जब यह देखा कि उनके लिए किसी तरह की कुर्सी निर्धारित नहीं की गई है तो वह नाराज हो गए और कार्यक्रम का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय परिसर से वापस लौट गए. ईटीवी भारत से फोन पर उन्होंने बताया कि वहां हमारे लिए कोई सीट निश्चित नहीं की गई थी, जबकि मैं स्थानीय सांसद हूं. इसलिए मैं कार्यक्रम स्थल से वापस लौट गया. सांसद सुनील सोरेन ने बताया कि जब यह दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ और राज्यपाल रमेश बैस राजभवन आए तो मैंने उनसे मुलाकात की और विश्वविद्यालय की इस लापरवाही की जानकारी उन्हें दी. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखूंगा.

दुमका: सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह भले ही संपन्न हो गया. लेकिन इसमें बड़े पैमाने पर अव्यवस्था नजर आई. छात्र छात्राओं के मेडल को सही ढंग से सूचीबद्ध नहीं किया गया था. जिसके कारण किसी का मेडल किसी और को मिल गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह कैसे सुलझेगा इसे भी बताने के लिए विश्वविद्यालय के कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं थे.

इसे भी पढ़ें: सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय का छठा दीक्षांत समारोह का संपन्न, 300 स्टूडेंट्स को मिले डिग्री और मेडल


टॉपरों को मिले गलत मेडल: लापरवाही का आलम यह था कि गौतम भारद्वाज को शहाबुद्दीन का मेडल मिल गया था. वहीं संस्कृत में गोल्ड मेडलिस्ट मानवेल किस्कू को उर्दू की गोल्ड मेडलिस्ट फाहिमा खातून का मेडल पकड़ा दिया गया. ऐसी गलतियां दर्जनों छात्र-छात्राओं के मेडल में हुई. जिससे उनमें काफी रोष देखा गया. सबसे बड़ी बात यह थी कि यह गलत मेडल विश्वविद्यालय प्रशासन ने राज्यपाल के हाथों छात्र छात्राओं को दिलवा दिया. जब छात्रों ने इसका विरोध किया तो कार्यक्रम के बाद सुधारने की बात कही गई, लेकिन कार्यक्रम समाप्त होते ही विश्वविद्यालय के तमाम पदाधिकारी निकल लिए. अब छात्रों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. कुल मिलाकर विश्विद्यालय प्रशासन अपने टॉपरों को सही मेडल तक नहीं दे पाया.

अपनी परेशानी व्यक्त करते गोल्ड मेडलिस्ट

स्थानीय सांसद सुनील सोरेन भी नाराज होकर कार्यक्रम से लौटे: कार्यक्रम शुरू होने के लगभग एक घंटा पहले पहुंचे दुमका सांसद सुनील सोरेन ने जब यह देखा कि उनके लिए किसी तरह की कुर्सी निर्धारित नहीं की गई है तो वह नाराज हो गए और कार्यक्रम का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय परिसर से वापस लौट गए. ईटीवी भारत से फोन पर उन्होंने बताया कि वहां हमारे लिए कोई सीट निश्चित नहीं की गई थी, जबकि मैं स्थानीय सांसद हूं. इसलिए मैं कार्यक्रम स्थल से वापस लौट गया. सांसद सुनील सोरेन ने बताया कि जब यह दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ और राज्यपाल रमेश बैस राजभवन आए तो मैंने उनसे मुलाकात की और विश्वविद्यालय की इस लापरवाही की जानकारी उन्हें दी. इस पर राज्यपाल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर इस मामले को देखूंगा.

Last Updated : Apr 14, 2022, 10:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.