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सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन, 251 सुहागिन महिलाओं ने किया कलश विसर्जन

दुमका के जरमुंडी में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन हुआ. यज्ञ स्थल से 251 महिलाओं ने कलश को लेकर बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा में कलश का विसर्जन किया.

Bhagwat Katha Gyan Yagya in dumka
Bhagwat Katha Gyan Yagya in dumka
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Published : Apr 25, 2022, 2:10 PM IST

दुमका: जिले के जरमुंडी प्रखंड में साप्ताहिक भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का गाजे बाजे के साथ समापन किया गया. इस दौरान 251 सुहागिन महिलाओं ने कलश शोभायात्रा निकाली. इस कलश शोभायात्रा में स्थानीय लोगों के साथ कथा वाचिका भी शामिल हुईं. शोभायात्रा यज्ञ स्थल से बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा तक पहुंची. शोभायात्रा के दौरान भक्तों ने राधे-राधे के जयकारे लगाए और यज्ञ की पूर्णाहुति और कलश का विसर्जन किया गया.



इसे भी पढ़ें: सात दिवसीय श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ की शुरुआत, 251 कलशों के साथ निकली भव्य शोभायात्रा

भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीधाम वृंदावन से आई कथा वाचक स्तुति जी ने सुदामा की दरिद्रता का वर्णन किया. साथ ही अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो...गीत के माध्यम से सुदामा चरित्र का वर्णन किया. कथा वाचन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को कहा कि भागवत कथा का श्रवण जो सच्चे मन से करे उस मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. उन्होंने बताया कि इनके श्रवण मात्र से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. जीवन का उद्धार होता है.

भागवत कथा में प्रभात रंजन, खुशबू, चंचल मोदी, बेबी देवी, निशिकांत प्रसाद और रागिनी देवी ने भाग लिया. भागवत कथा के सातों दिन कथावाचक ने भगवान की अलग-अलग रूपों का श्रोताओं को श्रवण कराया, सातों दिन बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे.

दुमका: जिले के जरमुंडी प्रखंड में साप्ताहिक भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का गाजे बाजे के साथ समापन किया गया. इस दौरान 251 सुहागिन महिलाओं ने कलश शोभायात्रा निकाली. इस कलश शोभायात्रा में स्थानीय लोगों के साथ कथा वाचिका भी शामिल हुईं. शोभायात्रा यज्ञ स्थल से बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा तक पहुंची. शोभायात्रा के दौरान भक्तों ने राधे-राधे के जयकारे लगाए और यज्ञ की पूर्णाहुति और कलश का विसर्जन किया गया.



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भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन श्रीधाम वृंदावन से आई कथा वाचक स्तुति जी ने सुदामा की दरिद्रता का वर्णन किया. साथ ही अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो...गीत के माध्यम से सुदामा चरित्र का वर्णन किया. कथा वाचन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को कहा कि भागवत कथा का श्रवण जो सच्चे मन से करे उस मनुष्य के जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं. उन्होंने बताया कि इनके श्रवण मात्र से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है. जीवन का उद्धार होता है.

भागवत कथा में प्रभात रंजन, खुशबू, चंचल मोदी, बेबी देवी, निशिकांत प्रसाद और रागिनी देवी ने भाग लिया. भागवत कथा के सातों दिन कथावाचक ने भगवान की अलग-अलग रूपों का श्रोताओं को श्रवण कराया, सातों दिन बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे.

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