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क्षेत्रीय बीज परीक्षण केंद्र में चार साल से नहीं हुई बीज जांच, जानें हैरान करने वाली वजह

दुमका में क्षेत्रीय बीज परीक्षण केंद्र तो है लेकिन चार साल से यहां किसी भी किसान के बीज का परीक्षण नहीं हुआ है. लेकिन क्यों का जवाब जानने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Seed testing not done in regional seed testing laboratory dumka
क्षेत्रीय बीज परीक्षण केंद्र में चार साल से नहीं हुई बीज जांच
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Published : Mar 22, 2022, 3:56 PM IST

Updated : Mar 22, 2022, 6:07 PM IST

दुमकाः झारखंड सरकार ने किसानों के बीज की गुणवत्ता की टेस्टिंग के लिए दुमका में क्षेत्रीय बीज परीक्षण केंद्र स्थापित कर रखा है. लेकिन पिछले 4 वर्षों से मशीनों के खराब हो जाने की वजह से यहां बीज की टेस्टिंग नहीं हो रही है. इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है.

ये भी पढ़ें-Bacon Factory Ranchi: कभी देश-विदेश में बजता था डंका, अब कहते हैं वेतन फैक्ट्री!


क्या है पूरा मामलाः झारखंड सरकार भले ही कृषि क्षेत्र औऱ किसानों को बढ़ावा देने की बात कहती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दुमका स्थित क्षेत्रीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला इस बात की गवाही दे रहा है. इस बीज प्रयोगशाला में किसानों की बीज की गुणवत्ता की होनी है, जिसके बाद किसानों को यह बताना है कि इस सीड का प्रयोग करें या नहीं. लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि इस सीड लैब की मशीनें तीन - चार वर्ष पहले खराब हो गईं और आज तक नहीं बन सकीं. इसका साधारण सा मतलब है प्रयोगशाला बिना उपकरण के चल रही है.

देखें पूरी खबर


क्या कहना है बीज प्रयोगशाला के कर्मचारी काः जब ईटीवी भारत की टीम इस बीज प्रयोगशाला पहुंची तो वहां हमें भंडारपाल सह लिपिक प्रभाकिरण टुडू मिलीं. प्रभाकिरण ने बताया कि तीन - चार साल से मशीनें खराब हैं. इसके साथ ही लैब टेक्नीशियन की कमी है तो हमलोग बीज जांच नहीं कर पा रहे हैं. वह भी कहती हैं कि किसानों का काम नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि इन मशीनों के खराब होने की जानकारी इस कार्यालय के माध्यम से सरकार को भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया.


सहायक बीज परीक्षण पदाधिकारी का पद आठ वर्षों से रिक्तः भले ही इस बीच प्रयोगशाला के लिए नौ पद सृजित किए गए हैं पर उसमें छह पद खाली हैं. लापरवाही का आलम यह है कि इस प्रयोगशाला के सबसे वरीय पदाधिकारी का पद सहायक बीज परीक्षण पदाधिकारी का है और वह पिछले 8 वर्षों से खाली है. जाहिर है कि सरकार का कोई ध्यान इस प्रयोगशाला के की ओर नहीं है.

दूसरा पहलू यह भी है कि यहां के तीन पद जिस पर कर्मचारी कार्यरत भी हैं पर वे मशीनें खराब होने से बीज का जांच ही नहीं कर पाते. लैब की लिपिक प्रभाकिरण ने बताया कि इस तरह की सीड लैब झारखंड में चार ही जगह रांची, जमशेदपुर, साहिबगंज और दुमका में ही हैं.


क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधिः दुमका के बीज प्रशिक्षण केंद्र को लेकर दुधानी पंचायत की मुखिया चंद्रमोहन हांसदा ने कहा कि यह काफी दुख का विषय है कि इतनी महत्वपूर्ण बीज प्रयोगशाला हमारे दुमका में है पर किसानों को इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसमें जो भी कमियां है उसे दूर कर इस लैब को जल्द से जल्द दुरुस्त कराएं. इस लैब की यह हालत तब है जब झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इसी जिले की विधानसभा सीट जरमुंडी से विधायक हैं.

दुमकाः झारखंड सरकार ने किसानों के बीज की गुणवत्ता की टेस्टिंग के लिए दुमका में क्षेत्रीय बीज परीक्षण केंद्र स्थापित कर रखा है. लेकिन पिछले 4 वर्षों से मशीनों के खराब हो जाने की वजह से यहां बीज की टेस्टिंग नहीं हो रही है. इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है.

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क्या है पूरा मामलाः झारखंड सरकार भले ही कृषि क्षेत्र औऱ किसानों को बढ़ावा देने की बात कहती हो पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दुमका स्थित क्षेत्रीय बीज परीक्षण प्रयोगशाला इस बात की गवाही दे रहा है. इस बीज प्रयोगशाला में किसानों की बीज की गुणवत्ता की होनी है, जिसके बाद किसानों को यह बताना है कि इस सीड का प्रयोग करें या नहीं. लेकिन आपको यह जानकर हैरत होगी कि इस सीड लैब की मशीनें तीन - चार वर्ष पहले खराब हो गईं और आज तक नहीं बन सकीं. इसका साधारण सा मतलब है प्रयोगशाला बिना उपकरण के चल रही है.

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क्या कहना है बीज प्रयोगशाला के कर्मचारी काः जब ईटीवी भारत की टीम इस बीज प्रयोगशाला पहुंची तो वहां हमें भंडारपाल सह लिपिक प्रभाकिरण टुडू मिलीं. प्रभाकिरण ने बताया कि तीन - चार साल से मशीनें खराब हैं. इसके साथ ही लैब टेक्नीशियन की कमी है तो हमलोग बीज जांच नहीं कर पा रहे हैं. वह भी कहती हैं कि किसानों का काम नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि इन मशीनों के खराब होने की जानकारी इस कार्यालय के माध्यम से सरकार को भेजी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं आया.


सहायक बीज परीक्षण पदाधिकारी का पद आठ वर्षों से रिक्तः भले ही इस बीच प्रयोगशाला के लिए नौ पद सृजित किए गए हैं पर उसमें छह पद खाली हैं. लापरवाही का आलम यह है कि इस प्रयोगशाला के सबसे वरीय पदाधिकारी का पद सहायक बीज परीक्षण पदाधिकारी का है और वह पिछले 8 वर्षों से खाली है. जाहिर है कि सरकार का कोई ध्यान इस प्रयोगशाला के की ओर नहीं है.

दूसरा पहलू यह भी है कि यहां के तीन पद जिस पर कर्मचारी कार्यरत भी हैं पर वे मशीनें खराब होने से बीज का जांच ही नहीं कर पाते. लैब की लिपिक प्रभाकिरण ने बताया कि इस तरह की सीड लैब झारखंड में चार ही जगह रांची, जमशेदपुर, साहिबगंज और दुमका में ही हैं.


क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधिः दुमका के बीज प्रशिक्षण केंद्र को लेकर दुधानी पंचायत की मुखिया चंद्रमोहन हांसदा ने कहा कि यह काफी दुख का विषय है कि इतनी महत्वपूर्ण बीज प्रयोगशाला हमारे दुमका में है पर किसानों को इससे कोई फायदा नहीं मिल रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इसमें जो भी कमियां है उसे दूर कर इस लैब को जल्द से जल्द दुरुस्त कराएं. इस लैब की यह हालत तब है जब झारखंड सरकार के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख इसी जिले की विधानसभा सीट जरमुंडी से विधायक हैं.

Last Updated : Mar 22, 2022, 6:07 PM IST
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