ETV Bharat / state

बासुकीनाथ मंदिर हादसा के बाद पुरोहितों में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग - गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक

बासुकीनाथ मंदिर में नववर्ष के पहले दिन मंदिर के गर्भगृह में करंट लगने से सुमित झा उर्फ ईलू झा नामक पंडा की मौत हो गई थी. इसके बाद से बासुकीनाथ मंदिर हादसा के बाद पुरोहितों में आक्रोश है.

Basukinath temple, बासुकीनाथ मंदिर
बासुकीनाथ मंदिर
author img

By

Published : Jan 2, 2020, 9:00 PM IST

दुमका: बासुकीनाथ मंदिर में नववर्ष के पहले दिन मंदिर के गर्भगृह में करंट लगने से सुमित झा उर्फ ईलू झा नामक पंडा की मौत हो गई. इस घटना में दो तीन लोग जख्मी भी हुए. इस हादसे के बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. शिवलिंग पर अरघा सिस्टम से शिवलिंग पर जलार्पण हो रहा है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं बासुकीनाथ के पुरोहित
मंदिर के पुरोहित इसे मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथों ने उसकी लापरवाही बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में बिजली व्यवस्था एक अनट्रेंड मिस्त्री के हाथों में रखी गई है जबकि यहां इंजीनियर की नियुक्ति होनी चाहिए थी. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. पुरोहितों का कहना है कि जांच निष्पक्ष हो और जिस घर का चिराग बुझा है उसे पर्याप्त मदद की जाए.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने की घोषणा, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा का गांव बनेगा मॉडल विलेज

लुंज-पुंज व्यवस्था के कारण हुआ हादसा
बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में जब करंट फैला उस वक्त मंदिर परिसर में झारखंड सरकार के वर्तमान सारठ विधायक रणधीर कुमार सिंह मौजूद थे. उनका कहना है कि मंदिर के लुंजपुंज व्यवस्था के कारण यह हादसा हुआ है. उन्होंने मृतक पंडा के परिजनों के लिए दस लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मंदिर की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की भी मांग की. इधर मंदिर के पुरोहित का कहना है कि जांच में किसी तरह की लीपापोती नहीं होने चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

Basukinath temple, बासुकीनाथ मंदिर
बासुकीनाथ मंदिर

प्रतिदिन 25 से 30 हजार श्रद्धालु आते हैं बासुकीनाथ
बासुकीनाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होना इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि यहां 25 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं. ऐसे में मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथ में है उनका यह दायित्व बनता है कि वह यहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखें. अब देखना दिलचस्प होगा कि सीएम ने जो जांच के आदेश दिए हैं वह जांच कब तक पूरी होती है. दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है. इसके साथ ही साथ मंदिर के गर्भगृह में जो जिस पुरोहित सुमित झा की मौत हुई उन्हें क्या मुआवजा मिलता है.

दुमका: बासुकीनाथ मंदिर में नववर्ष के पहले दिन मंदिर के गर्भगृह में करंट लगने से सुमित झा उर्फ ईलू झा नामक पंडा की मौत हो गई. इस घटना में दो तीन लोग जख्मी भी हुए. इस हादसे के बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. शिवलिंग पर अरघा सिस्टम से शिवलिंग पर जलार्पण हो रहा है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं बासुकीनाथ के पुरोहित
मंदिर के पुरोहित इसे मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथों ने उसकी लापरवाही बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में बिजली व्यवस्था एक अनट्रेंड मिस्त्री के हाथों में रखी गई है जबकि यहां इंजीनियर की नियुक्ति होनी चाहिए थी. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दे दिए हैं. पुरोहितों का कहना है कि जांच निष्पक्ष हो और जिस घर का चिराग बुझा है उसे पर्याप्त मदद की जाए.

ये भी पढ़ें- केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने की घोषणा, मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा का गांव बनेगा मॉडल विलेज

लुंज-पुंज व्यवस्था के कारण हुआ हादसा
बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में जब करंट फैला उस वक्त मंदिर परिसर में झारखंड सरकार के वर्तमान सारठ विधायक रणधीर कुमार सिंह मौजूद थे. उनका कहना है कि मंदिर के लुंजपुंज व्यवस्था के कारण यह हादसा हुआ है. उन्होंने मृतक पंडा के परिजनों के लिए दस लाख रुपये मुआवजे की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मंदिर की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की भी मांग की. इधर मंदिर के पुरोहित का कहना है कि जांच में किसी तरह की लीपापोती नहीं होने चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

Basukinath temple, बासुकीनाथ मंदिर
बासुकीनाथ मंदिर

प्रतिदिन 25 से 30 हजार श्रद्धालु आते हैं बासुकीनाथ
बासुकीनाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होना इसलिए भी जरूरी है. क्योंकि यहां 25 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं. ऐसे में मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथ में है उनका यह दायित्व बनता है कि वह यहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखें. अब देखना दिलचस्प होगा कि सीएम ने जो जांच के आदेश दिए हैं वह जांच कब तक पूरी होती है. दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है. इसके साथ ही साथ मंदिर के गर्भगृह में जो जिस पुरोहित सुमित झा की मौत हुई उन्हें क्या मुआवजा मिलता है.

Intro:दुमका -
बासुकीनाथ मंदिर में नववर्ष के पहले दिन मंदिर के गर्भगृह में बिजली का करंट लगने से सुमित झा उर्फ ईलू झा नामक पंडा की मौत हो गई । इस घटना में दो तीन लोग जख्मी भी हुए । इस हादसे के बाद गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है । शिवलिंग पर अरघा सिस्टम से शिवलिंग पर जलार्पण हो रहा है ।

क्या कहते हैं बासुकीनाथ के पुरोहित ।
--------------------------------------------
मंदिर के पुरोहित इसे मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथों ने उसकी लापरवाही बता रहे हैं । उनका कहना है कि इस प्रसिद्ध मंदिर में बिजली व्यवस्था एक अनट्रेंड मिस्त्री के हाथों में रखी गई है जबकि यहां इंजीनियर की नियुक्ति होनी चाहिए थी । हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने जांच के आदेश दे दिए हैं । पुरोहितों का कहना है कि जांच निष्पक्ष हो और जिस घर का चिराग बुझा है उसे पर्याप्त मदद की जाए ।

बाईंट - संजय झा ,पुरोहित
बाईंट - सपन कुमार , पुरोहित


Body:विधायक रणधीर कुमार सिंह ने कहा - लुंज पुंज व्यवस्था की कारण हुआ हादसा ।
--------------------------------------
बासुकीनाथ मंदिर के गर्भगृह में जब करंट फैला उस वक्त मंदिर परिसर में झारखंड सरकार के वर्तमान सारठ विधायक रणधीर कुमार सिंह मौजूद थे । उनका कहना है कि मंदिर के लुंजपुंज व्यवस्था के कारण यह हादसा हुआ है । उन्होंने मृतक पंडा के परिजनों के लिए दस लाख रुपये मुआवजे की मांग की है । साथ ही साथ उन्होंने मंदिर की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त करने की भी मांग की । इधर मंदिर के पुरोहित का कहना है कि जांच में किसी तरह की लीपापोती नहीं होने चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ।

बाईंट - उज्ज्वल झा , पुरोहित
बाईंट - रणधीर कुमार सिंह , विधायक , सारठ विधानसभा


Conclusion:
प्रतिदिन 25 से 30 हज़ार श्रद्धालु आते हैं बासुकीनाथ ।
------------------------------------
पबासुकीनाथ मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यहां 25 से 30 हज़ार श्रद्धालु प्रतिदिन देश के अलग-अलग राज्यों से आते हैं । ऐसे में मंदिर प्रबंधन जो जिला प्रशासन के हाथ में है उनका यह दायित्व बनता है कि वह यहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखें । अब देखना दिलचस्प होगा कि सीएम ने जो जांच के आदेश दिए हैं वह जांच कब तक पूरी होती है । दोषियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है । साथ ही साथ मंदिर के गर्भगृह में जो जिस पुरोहित सुमित झा की मौत हुई उन्हें क्या मुआवजा मिलता है ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.