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अवैध हथियार का बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच कॉरिडोर, 'मुंगेरी'लाल पर संथाल पुलिस की नजर

मुंगेर में अवैध आर्म्स बनाने और कारोबार करने वालों की नजर अब संथाल परगना पर है(People of Munger running illegal arms factory ). हाल के दिनों में दो मिनी गन फैक्ट्री के उद्द्भेदन के बाद यह खुलासा हुआ है.

illegal arms factory in Santhal Pargana
illegal arms factory in Santhal Pargana
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Published : Oct 18, 2022, 8:23 PM IST

दुमकाः बिहार का मुंगेर जिला अवैध रूप से पिस्टल और अन्य आर्म्स बनाने के लिए चर्चित रहा है. हाल के वर्षों में वहां कई पुलिसिया कार्रवाई हुई. उसके बाद ऐसा लगता है कि वहां के ईलीगल आर्म्स बनाने वाले और इसका कारोबार करने वालों ने झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल को इस अवैध धंधे के लिए चुना है(illegal arms factory in Santhal Pargana ). कैसे जानिए इस रिपोर्ट में.

ये भी पढ़ेंः ILLEGAL ARMS FACTORY JAMTARA: आर्म्स फैक्ट्री मामले में महिलाएं गिरफ्तार, मोहर्रिर के घर से चित्तरंजन रेलवे स्टेशन के जरिये होती थी सप्लाई

क्या है पूरा मामलाः हाल के दिनों में संथाल परगना प्रमंडल के दुमका और जामताड़ा में दो मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था. ताजा मामला जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र के शहरडोल गांव का है. जहां 4 दिन पूर्व एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ. जबकि इसी वर्ष अप्रैल माह में दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरुआ गांव में भी मिनी गन फैक्ट्री पाई गई थी. दोनों मामले में कुछ तथ्य कॉमन थे. दोनों गन फैक्ट्री ग्रामीण क्षेत्र के किराये के मकान में संचालित थे. दोनों को संचालित करने और तैयार माल बेचने में मुंगेर जिला के रहने वाले लोगों का हाथ था(People of Munger running illegal arms factory ). इसके साथ ही दोनों मामले का उद्भेदन तब हुआ जब तैयार माल को खपाने वाला कोलकाता पुलिस के हत्थे चढ़ा और उन्हीं की सूचना और सहयोग से स्थानीय झारखंड की पुलिस ने फैक्ट्री का उद्द्भेदन किया. जामताड़ा जिले के मामले में दो लोग गिरफ्तार हुए थे, जबकि दुमका में छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


किस तरह का है मुंगेर कनेक्शनः संथाल परगना में कुछ माह के अंतराल में धराए दो मिनी गन फैक्ट्री का मुंगेर कनेक्शन किस तरह है. उसकी पड़ताल में यह बातें सामने आई. पहले हम दुमका जिले की बात करते हैं तो इस वर्ष अप्रैल माह में दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरूआ गांव में पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था. यहां भारी मात्रा में अर्द्ध निर्मित देसी पिस्टल के साथ गन बनाने वाली मशीनें भी बरामद हुई थी. हथियारों के फैक्ट्री में काम कर रहे हैं छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था. ये सभी मुंगेर जिला के रहने वाले थे.

इसे भी पढ़ेंः दुमका में मिनी गन फैक्ट्री पर कोलकाता पुलिस का छापा, भारी मात्रा में हथियार के साथ 6 लोग गिरफ्तार

वहीं चार दिन पूर्व जो जामताड़ा जिले के मिहिजाम के शहरडोल गांव में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ, वह शहजाद खान के मकान को किराये पर लेकर चल रहा था. इसे संचालित करने वाला मुंगेर निवासी राजू नामक व्यक्ति था. दरअसल कोलकाता पुलिस ने कुछ दिन पूर्व मोहम्मद इम्तियाज और साहिल जो मुंगेर के रहने वाले हैं, दोनों को अवैध पिस्टल, मैगजीन के साथ पकड़ा था. यह दोनों इसे खपाने के लिए कोलकाता गए हुए थे. कोलकाता एसटीएफ ने इनकी निशानदेही पर ही जामताड़ा के मिहिजाम में आकर स्थानीय पुलिस की मदद से मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया.

क्या कहते हैं संथालपरगना के डीआईजीः इस पूरे मामले पर हमने संथाल परगना प्रमंडल के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल से बात की. उन्होंने बताया कि इन दोनों जिलों में जो गन फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ. उसका मुंगेर कनेक्शन है. मुंगेर के लोग आकर यहां पहले किराए पर मकान लिए और फिर वहां अवैध रूप से गन फैक्ट्री चला रहे थे. उन्होंने कहा कि यहां से निर्मित अवैध हथियार का इस्तेमाल ये खुद नहीं करते बल्कि अपराधियों को सप्लाई करते हैं. डीआईजी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की सूचना पर हमने इन दोनों जगहों पर छापेमारी की और इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया. वर्तमान समय में दोनों मामले में जांच चल रही है. कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है और इन मामलों में अन्य जो भी दोषी हैं उन पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

डीआईजी ने कहा - लोगों को कर रहे हैं सावधानः संथाल परगना क्षेत्र के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि पुलिस द्वारा लोगों को इस बात को लेकर सावधान किया जा रहा है कि आप बाहरी लोगों को मकान किराए पर न दें. अगर मकान किराए पर देते हैं तो उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. वे घर के अंदर क्या कर रहे हैं. क्या उनकी गतिविधियां आपराधिक हैं. अगर ऐसा कुछ पता चलता है तो आप पुलिस को सूचित करें.

अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकताः झारखंड राज्य का संथाल परगना प्रमंडल अपेक्षाकृत गरीब इलाका है. यहां के ग्रामीण क्षेत्र में जब कोई बाहरी व्यक्ति आकर किराए पर मकान मांगते हैं तो लोग रुपए की आस में बिना जांच किए उन्हें अपना घर किराए पर दे देते हैं. ऐसे में अब जब दुमका के डीआईजी जो लोगों को सावधान कर रहे हैं कि किराया देने के पहले आप सावधानी बरतें तो इस पर स्थानीय लोगों को गंभीरता दिखानी होगी. साथ ही साथ पुलिस को भी यह ध्यान रखना होगा कि कहां किस तरह की आपराधिक गतिविधियां चल रही हैं.

दुमकाः बिहार का मुंगेर जिला अवैध रूप से पिस्टल और अन्य आर्म्स बनाने के लिए चर्चित रहा है. हाल के वर्षों में वहां कई पुलिसिया कार्रवाई हुई. उसके बाद ऐसा लगता है कि वहां के ईलीगल आर्म्स बनाने वाले और इसका कारोबार करने वालों ने झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल को इस अवैध धंधे के लिए चुना है(illegal arms factory in Santhal Pargana ). कैसे जानिए इस रिपोर्ट में.

ये भी पढ़ेंः ILLEGAL ARMS FACTORY JAMTARA: आर्म्स फैक्ट्री मामले में महिलाएं गिरफ्तार, मोहर्रिर के घर से चित्तरंजन रेलवे स्टेशन के जरिये होती थी सप्लाई

क्या है पूरा मामलाः हाल के दिनों में संथाल परगना प्रमंडल के दुमका और जामताड़ा में दो मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया गया था. ताजा मामला जामताड़ा जिले के मिहिजाम थाना क्षेत्र के शहरडोल गांव का है. जहां 4 दिन पूर्व एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ. जबकि इसी वर्ष अप्रैल माह में दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरुआ गांव में भी मिनी गन फैक्ट्री पाई गई थी. दोनों मामले में कुछ तथ्य कॉमन थे. दोनों गन फैक्ट्री ग्रामीण क्षेत्र के किराये के मकान में संचालित थे. दोनों को संचालित करने और तैयार माल बेचने में मुंगेर जिला के रहने वाले लोगों का हाथ था(People of Munger running illegal arms factory ). इसके साथ ही दोनों मामले का उद्भेदन तब हुआ जब तैयार माल को खपाने वाला कोलकाता पुलिस के हत्थे चढ़ा और उन्हीं की सूचना और सहयोग से स्थानीय झारखंड की पुलिस ने फैक्ट्री का उद्द्भेदन किया. जामताड़ा जिले के मामले में दो लोग गिरफ्तार हुए थे, जबकि दुमका में छह लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.

देखें स्पेशल रिपोर्ट


किस तरह का है मुंगेर कनेक्शनः संथाल परगना में कुछ माह के अंतराल में धराए दो मिनी गन फैक्ट्री का मुंगेर कनेक्शन किस तरह है. उसकी पड़ताल में यह बातें सामने आई. पहले हम दुमका जिले की बात करते हैं तो इस वर्ष अप्रैल माह में दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के सरूआ गांव में पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का पर्दाफाश किया था. यहां भारी मात्रा में अर्द्ध निर्मित देसी पिस्टल के साथ गन बनाने वाली मशीनें भी बरामद हुई थी. हथियारों के फैक्ट्री में काम कर रहे हैं छह लोगों को गिरफ्तार किया गया था. ये सभी मुंगेर जिला के रहने वाले थे.

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वहीं चार दिन पूर्व जो जामताड़ा जिले के मिहिजाम के शहरडोल गांव में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ, वह शहजाद खान के मकान को किराये पर लेकर चल रहा था. इसे संचालित करने वाला मुंगेर निवासी राजू नामक व्यक्ति था. दरअसल कोलकाता पुलिस ने कुछ दिन पूर्व मोहम्मद इम्तियाज और साहिल जो मुंगेर के रहने वाले हैं, दोनों को अवैध पिस्टल, मैगजीन के साथ पकड़ा था. यह दोनों इसे खपाने के लिए कोलकाता गए हुए थे. कोलकाता एसटीएफ ने इनकी निशानदेही पर ही जामताड़ा के मिहिजाम में आकर स्थानीय पुलिस की मदद से मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया.

क्या कहते हैं संथालपरगना के डीआईजीः इस पूरे मामले पर हमने संथाल परगना प्रमंडल के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल से बात की. उन्होंने बताया कि इन दोनों जिलों में जो गन फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ. उसका मुंगेर कनेक्शन है. मुंगेर के लोग आकर यहां पहले किराए पर मकान लिए और फिर वहां अवैध रूप से गन फैक्ट्री चला रहे थे. उन्होंने कहा कि यहां से निर्मित अवैध हथियार का इस्तेमाल ये खुद नहीं करते बल्कि अपराधियों को सप्लाई करते हैं. डीआईजी ने बताया कि कोलकाता पुलिस की सूचना पर हमने इन दोनों जगहों पर छापेमारी की और इस अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया. वर्तमान समय में दोनों मामले में जांच चल रही है. कुछ लोगों की गिरफ्तारी हुई है और इन मामलों में अन्य जो भी दोषी हैं उन पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

डीआईजी ने कहा - लोगों को कर रहे हैं सावधानः संथाल परगना क्षेत्र के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने कहा कि पुलिस द्वारा लोगों को इस बात को लेकर सावधान किया जा रहा है कि आप बाहरी लोगों को मकान किराए पर न दें. अगर मकान किराए पर देते हैं तो उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. वे घर के अंदर क्या कर रहे हैं. क्या उनकी गतिविधियां आपराधिक हैं. अगर ऐसा कुछ पता चलता है तो आप पुलिस को सूचित करें.

अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकताः झारखंड राज्य का संथाल परगना प्रमंडल अपेक्षाकृत गरीब इलाका है. यहां के ग्रामीण क्षेत्र में जब कोई बाहरी व्यक्ति आकर किराए पर मकान मांगते हैं तो लोग रुपए की आस में बिना जांच किए उन्हें अपना घर किराए पर दे देते हैं. ऐसे में अब जब दुमका के डीआईजी जो लोगों को सावधान कर रहे हैं कि किराया देने के पहले आप सावधानी बरतें तो इस पर स्थानीय लोगों को गंभीरता दिखानी होगी. साथ ही साथ पुलिस को भी यह ध्यान रखना होगा कि कहां किस तरह की आपराधिक गतिविधियां चल रही हैं.

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